- कानून की चौखट पर पीढ़ाओं का कोई मौल नहीं, अफसरशाही के रवैये से खफा है ऐसे लोग
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: जी हां! जिला मेरठ में एसएसपी दफ्तर पर अपनी पीड़ा का रोना लेकर आने वालों की कहानी बेहद दर्दनाक है। इन पीड़ितों में महिलाओं की संख्या भारी तादात में होती है। जिलेभर के पीड़ितों की दास्तान सुनकर पुलिस महकमें के थानेदार से लेकर आला अफसर भीनहीं पसीजते नहीं दिखते, मगर दर्द को पुलिस विभाग सुनता नहीं। हालांकि पीड़ित के पास न्याय की गुहार लगाने यही एकमात्र रास्ता हैं लेकिन कोई सुनता नहीं।
काश! ऐसा हो जाता कि पीड़ित का दर्द उसके मुकामी थाने पर दर्ज कर ली जाती तो एसएसपी आॅफिस पर त्वरित न्याय के लिए भीड़ का दबाव नहीं बनता। यह बात समझ में तब नहीं आती जब पीड़ित यह बताता है एसएसपी साहब के पीली पर्ची पर भी थानेदार मुकदमा दर्ज नहीं करते। आईए एक एक करके पीड़ित के दर्द को ‘ जनवाणी’ के पाठकों से बांटते हैं और उनसे अपील करते हैं कि आप इन परिवारों का न केवल हिस्सा बनिए, बल्कि इन बेबस लाचार पीड़ितों की मदद के लिए एक कदम आगे बढ़ाये….
केस-1
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून की निवासी पीड़िता मोनिका सांगरी की। मोनिका सांगरी की शादी विशाल सांगरी के साथ धूमधाम से हुई। विशाल सांगरी इस वक्त जिला सहारनपुर के अभिसूचना विभाग यानि एलआयू में बतौर इंस्पेक्टर तैनात है। पीड़िता मोनिका सांगरी ‘जनवाणी’ से बात करते समय भावुक हो गई। पीड़िता ने आरोप लगाया कि मेरठ स्थित आवंटित सरकारी भवन में रहती थी।
25 अगस्त को अचानक कुछ लोग आते हैं और उसे और उसके पिता को मारपीट कर घर से निकाल देते हैं। साथ ही कहते हैं कि अब वह दूसरी औरत का नाम लेकर कहते हैं कि अब हम इसके साथ रहेंगे। पीड़िता ने बताया कि उसने सिविल लाइन थाने में शिकायत की मगर कोई नहीं सुन रहा है। एसएसपी दफ्तर से कोई कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
केस-2
एक ऐसी युवती की जो सोशल मीडिया की शिकार होकर एक सिपाही से प्यार करने गलती कर बैठी। पीड़ित युवती के फेसबुक अकाउंट पर चार साल पहले एक फ्रेंड रिक्वेस्ट आई और उसने मंजूर कर लिया। आगे चैटिंग हुई और फिर मसला वाट्अप तक पहुंच गया। यह सिलसिला आगे बढ़कर मिलने जुलने तक पहुंच गया। इस दौरान युवती के मुताबिक युवक ने खुद को आरक्षी पर तैनात होने की बात कही और युवती को भरोसे में लेकर शादी करने का झांसा दिया।
इस दौरान युवक ने युवती को शादी के झांसे में लेकर उसके साथ शारीरिक संबंध भी बनाए।युवती ने बताया कि युवक ने माता पिता से बात कर आश्वासन दिया। अब जब युवती शादी का दबाव बनाने लगी तब युवक उसके साथ मार पिटाई तो कर ही रहा बल्कि उसने शादी करने मना भी कर दिया। पीड़ित युवती की सुनवाई बहसूमा थानेदार नहीं कर रहे हैं इसलिए वह एसएसपी दफ्तर पर फरियाद लेकर आई जहां से उसे न्याय का भरोसा मिला है।
केस-3
थाना हस्तिनापुर की कहानी। एसएसपी दफ्तर पर पहुंचे धर्मेंद्र पुत्र धारा ने अपनी पीड़ा कुछ इस तरह से व्यक्त की। धर्मेंद्र कुमार, अजय कुमार, प्रमोद, तरूण कुमार, मोनू कुमार जाटव, लोकेश और सोनू ने गांव निवासी नितेश, मनीष उर्फ मन्नू पर आरोप लगाया है कि यह दबंग टाइप के लोग हैं।
पीड़ितों का आरोप है कि दबंगों ने पीड़ित के बच्चों पर केस लगवाकर जेल भेजवा दिया है। इनसे जान माल का खतरा बताया। अब पीड़ित न्याय पाने के लिए एसएसपी के पास आए जहां से न्याय का भरोसा दिया गया है।
केस-4
मामला है थाना परतापुर की। इंदिरापुरम कॉलोनी की निवासी पीड़िता मंजू का दर्द है कि उनकी जमीन पर एक भाजपा का नेता जबरन कब्जा कर रहा है। पीड़िता मंजू ने भाजपा नेता विपेंद्र सुधा वाल्मिकी पर आरोप लगाया है कि वह पीड़िता की जमीन पर अवैध रूप से कब्जा करना चाहते हैं।
पीड़िता की सुनवाई हस्तिनापुर थाने पर नहीं हो रही है इसलिए वह एसएसपी दफ्तर पर न्याय पाने के लिए पहुंची हैं। हालांकि एसएसपी साहब ने न्याय का पूरा भरोसा दिया है।