- आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर कर रही लोगों को जागरूक
जनवाणी संवाददाता |
सहारनपुर: गर्मी बढ़ने के साथ डायरिया (दस्त) का खतरा बढ़ गया है। प्रचंड गर्मी में बच्चे ही नहीं नौजवानों और बूढ़ों को भी डायरिया तेजी से अपनी गिरफ्त में ले रहा है। डायरिया होने का सबसे प्रमुख कारण सफाई का अभाव है। दरअसल यह एक संक्रमण है। संक्रमण से पाचन क्रिया खराब हो जाती है। पानी अधिक जाने से शरीर में पानी की कमी हो जाती है। इसमें खासकर बच्चों का ध्यान रखा जाना जरूरी है। इसलिए डायरिया में लापरवाही नहीं होनी चाहिए। जनपद में इन दिनों सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा चलाया जा रहा है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संजीव मांगलिक ने बताया – गर्मी के मौसम में डायरिया ज्यादा खतरनाक रूप धारण कर लेता है। यहां जिला अस्पताल की ओपीडी में हर रोज डायरिया के सर्वाधिक मरीज आ रहे हैं। उसका कारण गर्मी के मौसम में शरीर में पानी की कमी होना है। इसलिए सलाह दी जाती है कि बच्चों को डायरिया होने की शिकायत पर तत्काल ओआरएस घोल देना शुरू कर दें। इस संबंध में जागरूकता के लिए जनपद में 15 जून तक सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा का आयोजन किया जा रहा है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया – जनपद में सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़े के तहत आशा कार्यकर्ताओं की टीम घर-घर जाकर जागरूकता अभियान चला रही हैं।
अभियान के तहत छह वर्ष तक के बच्चों वाले घरों पर ज्यादा फोकस किया जा रहा है। आशा इन घरों में पहुंचकर पूरे परिवार के सदस्यों के स्वास्थ्य का हाल लेने के साथ ही इस मौसम विशेषकर बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर सलाह दे रही हैं। आशा बता रही हैं कि डायरिया में लापरवाही घातक हो सकती है। डायरिया के कारण और बचाव पर जानकारी के दौरान आशा बताती है कि डायरिया से बचाव का मूल मंत्र हाथों की सफाई में छिपा है। दरअसल, बच्चे गंदे हाथों से कुछ खाते हैं तो संक्रमण का शिकार हो जाते हैं। इसलिए उन्हें सिखाएं कि खाने खाने से पहले और खाना खाने के बाद हाथों को साबुन-पानी से अच्छी तरह से धोना जरूरी है। चूक होने पर उपचार की जरूरत होती है, इसलिए डायरिया होने पर तुरंत चिकित्सक से परामर्श करें।