- दिल्ली चुंगी के पास दिनभर गिरते रहे करीब 200 वाहन चालक हुए चोटिल
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: शहर में रेपिड का काम युद्धस्तर पर चल रहा है। इस कारण दिल्ली रोड पर सड़कें बुरी तरह टूट रही है। बारिश इनके लिए विलेन बन कर आ गई है। रैपिड स्टाफ ने सड़क के गड्ढों को देखते हुए लोहे की जिन चादरों को सड़क पर डाल रखा है, उस पर से निकलने वाले दोपहिया वाहन फिसल कर गिर रहे है। मंगलवार को करीब 200 लोग फिसल कर गिरने से चोटिल हो गए। हैरानी की बात ये है कि पुलिस और स्थानीय लोग बार बार रैपिड के अधिकारियों से गुहार लगाते रहे लेकिन किसी ने सुनवाई नहीं की।
दिल्ली रोड पर तीन जगहों पर लोहे की चादरें सुरक्षा के लिए डाली गई है। आम दिनों में ये चादरें लोगों के लिए मददगार साबित होती है। एक हल्की सी बारिश लोगों की जिंदगी को मुसीबत में डाल देती है। मंगलवार को दिल्ली चुंगी के पास रैपिड की तरफ लोहे की तीन बड़ी चादरें नालियों को ढकने के लिए डाली गई है। इन चादरों के पास की मिट्टी डाली गई थी, जो बारिश के कारण कीचड़ में तब्दील हो गई है।
जब बाइक और स्कूटी इन पर निकलते समय ब्रेक लगाते हैं तो वाहन फिसल कर गिर जाते हैं। बागपत रोड निवासी संचित गुप्ता की स्कूटी फिसल कर गिरी और उनके घुटनों पर चोट आ गई। कालेज से लौट रही निर्मला सिंह के कालर बोन स्कूटी फिसलने से टूट गई। सुबह आठ बजे से लेकर साढ़े नौ बजे और दोपहर ढाई बजे से चार बजे तक बारिश में तीनो जगहों पर करीब 200 लोग गिरे, जिनमें कई लोगों को चोट भी लगी।
दिल्ली चुंगी पर तैनात ट्रैफिक पुलिस के स्टाफ ने हालांकि मानवीयता का परिचय दिया और लोहे की चादरों के पास ड्यूटी देनी शुरू कर दी। दिल्ली चुंगी से आगे पेट्रोल पंप के पास डाली गई लोहे की चादर भी कई हादसों का सबब बन चुकी है। दरअसल, लोहे की चादर चिकनी है और इस पर दोपहिया वाहनों के टायरों की ग्रिप नही बनती है और उनका फिसलना बदस्तूर जारी है।
दिल्ली चुंगी से इरा मॉल तक सड़क को चौड़ाई कम कर दी गई है इस कारण यहां जाम लगना आम बात हो गई है और लोहे की चादर मुसीबत का सबब बन गई है। आदि मेडिकल स्टोर के दीपक जैन ने बताया कि इन चादरों के कारण गिरने वाले लोग दवा लेने आ रहे हैं। पुलिस के साथ मिल कर शिकायत भी कर रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
सीओ की जांच में सही पाए चौकी इंचार्ज और सिपाहियों पर आरोप
कंकरखेड़ा: कैंट फ्लाईओवर के नीचे तीन दिन पहले एक युवक की ट्रेन से कटकर मौत हो गई थी। घटना के बाद सीमा विवाद के चलते युवक का शव आधा घंटे तक रेलवे ट्रैक पर ही पड़ा हुआ था। शव के ऊपर से मालगाड़ी गुजर गई थी। मामला बाद में जीआरपी का निकला था। जिसके बाद थाना पुलिस, जीआरपी व आरपीएफ पर लापरवाही का आरोप लगा था। लेकिन सीओ की जांच में थाना पुलिस पर लगाए गए लापरवाही के आरोप निराधार निकले।
सरधना थाना क्षेत्र के पोहल्ली गांव निवासी उदयपाल का दो दिन पूर्व घर पर झगड़ा हो गया था। जिसके बाद युवक कैंट स्टेशन के पास बने फ्लाईओवर के नीचे पहुंचा और दिल्ली की तरफ से आ रही जनशताब्दी ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या कर ली थी। जीआरपी, आरपीएफ व थाना पुलिस मौके पर पहुंच गई थी। लेकिन आधे घंटे तक मामला सीमा विवाद का उलझा रहा। जिसके बाद घटना जीआरपी क्षेत्र में निकली थी।
लेकिन जीआरपी ने भी शव रेलवे ट्रैक से नहीं उठाया था। इसी बीच दिल्ली की तरफ से आ रही एक मालगाड़ी शव के ऊपर से गुजर गई थी। मौके पर खड़े कुछ युवकों ने शव के ऊपर से गुजर रही मालगाड़ी का वीडियो बना लिया था। कुछ ही देर में वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। वीडियो वायरल होने के बाद उच्च अधिकारियों ने मामले का संज्ञान लिया था। उच्च अधिकारियों ने सीओ दौराला को मामले की जांच के आदेश दिए।
सीओ दौराला की जांच में कस्बा चौकी इंचार्ज, हेड कांस्टेबल व सिपाही की कोई भूमिका गलत नजर नहीं आई। जांच के बाद सीओ दौराला ने उच्च अधिकारियों को मामले की जानकारी दी। सीओ दौराला अभिषेक पटेल का कहना है कि मामला जीआरपी का था। जीआरपी की तरफ से ही लापरवाही हुई है। थाना पुलिस पर लगाए गए आरोप झूठे हैं।