जनवाणी संवाददाता |
मुंडाली: जसौरा से दस दिन पूर्व लापता हुए युवक का मंगलवार देररात हापुड़ के सिंभावली में सड़ा-गला शव बरामद हो गया। सूचना पर मुंडाली पुलिस ने परिजनों को अवगत कराया। परिजनों ने मोर्चरी पहुंचकर कपड़ों से शव की शिनाख्त की। शव बरामदगी पर परिवार में कोहराम मच गया।परिजनों ने इस मामले में मुंडाली पुलिस पर घोर लापरवाही का आरोप लगाया है।
मुंडाली का जसौरा गांव निवासी सरताज पुत्र शौकीन बीते 5 अक्तूबर को शाम करीब 3:30 बजे कुछ देर में लौटने की बात कहकर घर से गया था। काफी देर तक वापस न लौटने पर पत्नी फरजाना ने सरताज को फोन किया तो शोर-शराबे के बीच सरताज ने थोड़ी देर में घर पहुंचने की बात दोहराई। जिसके बाद शाम करीब 7 बजे सरताज का मोबाइल स्विच ऑफ हो गया। तब से तलाश में लगे परिजनों को सरताज का सुराग नही मिल रहा था।
लापता होने के तीन दिन बाद परिजनों ने मुंडाली थाने में गुमशुदगी की तहरीर दी। पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज किए बगैर सरताज के मोबाइल की सीडीआर निकलवाई। पुलिस द्वारा कार्रवाई में सुस्ती पर परिजनों ने एसएसपी को प्रार्थनापत्र देकर सरताज की बरामदगी की मांग की। एसएसपी डा. विपिन ताड़ा ने एसओ मुंडाली रामगोपाल सिंह को कार्रवाई के लिए निर्देशित किया। जिसके बाद पुलिस ने गांव के ही पिता-पुत्र जुल्फिकार व अजहर को पकड़ लिया। जुल्फिकार का चालान कर पुलिस ने अजहर को छोड़ दिया। मृतक के भाई इमरान ने बताया कि परिजन एसओ मुंडाली से रोजाना बेटे की बरामदगी की गुहार करते रहे और एसओ उन्हें टरकाता रहा। मंगलवार को परिजनों के साथ दर्जनों महिला-पुरुषों ने डीआईजी ऑफिस जाकर डीआईजी कलानिधि नैथानी से सरताज की बरामदगी की मांग की। डीआईजी ने भी शीघ्र कार्रवाई का आश्वासन दिया।
सड़ी-गली अवस्था में मिला शव
एसओ मुंडाली ने बताया कि मंगलवार देर रात उन्हें हापुड़ के सिंभावली थानाध्यक्ष ने सूचना दी कि उनके यहां शरीकपुर के जंगल में एक लावारिस शव बरामद हुआ है। जो सड़ी-गली अवस्था में है। जिस पर एसओ मुंडाली ने सरताज के परिजनों को सूचना दी। परिजन तुरंत सिंभावली थाना पहुंचे जहां से उन्हें हापुड़ मोर्चरी भेज दिया गया। मोर्चरी पर कपड़ों से परिजनों ने शव की शिनाख्त कर ली
परिजनों में रोष
मृतक के भाई इमरान का आरोप है कि सरताज के लापता होने के बाद से परिजन रोजाना पुलिस से उसकी बरामदगी की गुहार करते रहे लेकिन पुलिस ने सुनवाई नही की। यदि समय रहते पुलिस कार्रवाई करती तो सरताज जिंदा बचाया जा सकता था। हालांकि शव की स्थिति देख ऐसा माना जा रहा है कि सरताज को बुलाने के फौरन बाद ही उसकी हत्या कर दी गई। इमरान ने बताया परिजन जब मुंडाली पुलिस से सरताज की बरामदगी को कहते तो एसओ उन्हें यह कहकर टरका देता था कि 27 जून को जसौरा में हुई मेडिकल स्टोर संचालक माहिर की हत्या में सरताज का नाम सामने आ रहा है। शायद पुलिस से बचने के लिए सरताज षड्यंत्र के तहत कहीं भूमिगत हो गया है। बता दें कि सरताज मुंडाली थाने का हिस्ट्रीशीटर था, उस पर लूट हत्या, जानलेवा हमले के 58 मुकदमें दर्ज थे।
रिंकू का नाम आया सामने
परिजनों ने सबसे पहले पुलिस को बताया था कि हापुड़ के बाबूगढ़ थानाक्षेत्र का अट्टा धनावली निवासी रिंकू उसे घर से बुलाकर बाइक पर ले गया है।उस वक्त रिंकू का बड़ा भाई पैसे के लेनदेन के विवाद में बाबूगढ़ थाने में पुलिस हिरासत में बताया गया था। उसके बाद सीडीआर के आधार पर पुलिस ने जसौरा के पिता-पुत्र को उठाया था।

