- सीसीटीवी से आग लगाने वालों को तलाश करने में जुटी पुलिस, रात में किसी समय दिया घटना को अंजाम
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: लिसाड़ी गेट क्षेत्र में नालों की सफाई के लिए फतेहउल्लापुर में खड़ी नगर निगम की जेसीबी में बुधवार सुबह किसी ने आग लगा दी। आग लगते ही जेसीबी धूं-धूंकर जलने लगी। सूचना मिलने पर फायर ब्रिगेड मौके पर पहुंची और आग पर काबू पाया। पुलिस भी मौके पर पहुंची और जांच पड़ताल में जुटी रही। पुलिस सीसीटीवी के जरिये आग लगाने वालों का पता लगाने में जुटी है।
फतेहउल्लापुर रोड पर आजकल नालों की सफाई का काम चल रहा है। इसके चलते नगर निगम के कर्मचारी शाम को जेसीबी को वहीं खड़ा कर देते हैं। मंगलवार रात में भी जेसीबी मशीन वहां खड़ी की गयी थी। बुधवार तड़के करीब पांच बजे के आसपास किसी ने खड़ी जेसीबी में आग लगा दी। आग की घटना से आसपास के क्षेत्र में अफरा तफरी मच गई। नगर निगम के अफसरों को भी सूचना दी गयी।
फायर ब्रिगेड सूचना मिलने पर पहुंची और आग पर काबू पाया, लेकिन तब तक जेसीबी जलकर राख हो चुकी थी। सूचना मिलने पर पुलिस भी मौके पर पहुंची और जांच पड़ताल की। पुलिस ने आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों को भी खंगाला ताकि पता लगाया जा सके कि आग किसने लगायी।
छेड़खानी को लेकर बनबटान में दो पक्षों में मारपीट
मेरठ: शहर के बनबटान इलाके में स्कूटी सवार द्वारा टक्कर मारकर कथित छेड़खानी को लेकर बवाल हो गया। इससे इलाके में तनाव हो गया। घटना को लेकर भाजपा नेता कमलदत्त शर्मा व हिन्दू संगठन के सचिन सिरोही समर्थकों के साथ थाना देहलीगेट जा पहुंचे। उन्होंने छेड़खानी के आरोपियों पर कार्रवाई की मांग की। देहलीगेट थाना क्षेत्र के मोहल्ला बन बटान में बुधवार शाम दो पक्षों में भिड़ंत के बाद तनाव हो गया। सूचना पाकर देहलीगेट थाने की पुलिस दौड़ पड़ी और स्थिति को संभाला। एक पक्ष की ओर से थाने में तहरीर दी गई है। पुलिस सीसीटीवी कैमरे खंगाल रही है।
जिला अस्पताल के सामने बनबटान मोहल्ला है। यहां रविंद्र परिवार के साथ रहते हैं। बुधवार दोपहर उनका बेटा अपनी बुआ की बेटी के साथ घर के बाहर खड़ा होकर मोबाइल से सेल्फी ले रहा था। इस दौरान बाइक सवार दूसरे पक्ष के दो युवक वहां से गुजरे। आरोप है कि बाइक चला रहे युवक ने जान-बूझकर बाइक का हैंडल रविंद्र की भांजी के मार दिया और आगे बढ़ गया। साथ मौजूद भाई ने जब देखकर बाइक चलाने की बात कही तो आरोप है कि दोनों युवक बाइक खड़ी कर वापस आए और रविंद्र के बेटे से हाथापाई करने लगे। शोर सुनकर आसपास के लोग एकत्र हो गए।
किसी तरह लोगों ने समझा-बुझाकर मामला शांत करा दिया। उस वक्त तो मामला शांत हो गया। रात करीब साढ़े आठ बजे वही बाइक सवार दोनों युवक अपने 10-12 दोस्तों को लेकर रविंद्र के घर जा धमके और गाली-गलौज करते हुए भुगत लेने की धमकी दे डाली। रविंद्र का परिवार दहशत में आ गया। उन्होंने दरवाजे बंद कर लिए। कुछ देर बाद आरोपी चले गए। किसी ने भाजपा नेता कमलदत्त शर्मा और हिंदूवादी नेता सचिन सिरोही को सूचना दी। कमलदत्त शर्मा परिवार को लेकर देहलीगेट थाने आ गए और कार्रवाई की बात कही।
सचिन सिरोही भी पहुंच गए। उन्होंने सीसीटीवी कैमरे खंगालकर आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग उठाई। पुलिस ने फौरी तौर पर कार्रवाई करते हुए दिन की सीसीटीवी कैमरे की फुटेज निकाल ली, जिसमें आरोपी युवक दिखाई दे रहे हैं। सचिन सिरोही ने लिखित में तहरीर दिलाई, जिसके बाद रात में आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया। इंस्पेक्टर विनय कुमार ने बताया कि तहरीर मिली है। सीसीटीवी कैमरे की मदद से आरोपियों की तलाश की जा रही है। जल्द उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
मरीज की मौत पर अस्पताल में परिजनों का हंगामा व तोड़फोड़
मेरठ: पेट में इन्फेक्शन की शिकायत के चलते भर्ती कराए गए युवक की मौत से गुस्साएं परिजनों ने सिविल लाइन क्षेत्र स्थिति निजी अस्पताल के खिलाफ जमकर हंगामा किया। उन्होंने सीएमओ व पुलिस प्रशासन से अस्पताल के स्टाफ व संचालकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। उन्होंने सही उपचार न दिए जाने के आरोप लगाए। मौत की वजह उन्होंने अस्पताल के स्टाफ की लापरवाही को बताया। जनपद मुजफ्फरनगर के जानसठ निवासी 24 वर्षीय रितिक पुत्र सुरेंद्र कुमार को पेट में इंफेक्शन के कारण बुधवार दोपहर सिविल लाइन के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
चिकित्सकों ने आईसीयू में भर्ती किया और उपचार शुरू कर दिया। बुधवार शाम रितिक की मौत हो गयी, जिसको लेकर परिजनों ने हंगामा कर दिया। बुआ डिंपल ने बताया कि सुबह रितिक ठीक था और उसने फ्रूटी मांगकर पी थी। दोपहर में वह देखने गये तो वह बेसुध था। स्टाफ से पूछा तो वेंटीलेटर पर लेने की बात कहकर रुपये जमा करा लिए। काफी सारी दवा भी मंगा ली गई। शाम को जब सेहत में कोई बदलाव नहीं आया तो उन्होंने रेफर कराने का मन बना लिया। रेफर लेटर की मांग की तो कुछ देर बाद ही डेथ सर्टिफिकेट थमा दिया।
काफी लोग एकत्र हो गए और हंगामा कर दिया। सिविल लाइन पुलिस मौके पर पहुंची और परिजनों से बात की। परिजनों ने स्टाफ पर अभद्रता करने का भी आरोप लगाया। करीब दो घंटे तक गहमागहमी होती रही। पुलिस ने दोनों पक्षों से बात की और मामले को सुलझाने का प्रयास किया। चिकित्सकों ने आरोपों को निराधार बताया। उनका कहना था कि युवक का लीवर खराब था। बाद में परिजन शांत हो गये। सीओ सिविल लाइन अभिषेक तिवारी ने बताया कि हंगामे की सूचना पर पुलिस पहुंची थी। दोनों पक्षों से बात की गई। बाद में परिजन मान गए और लौट गए।