Saturday, July 5, 2025
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जेई करते हैं ओवरलोडिंग का खेल, विभाग नहीं करता कार्रवाई

  • बिना एस्टीमेट शहर में दिये जा रहे विद्युत कनेक्शन
  • कभी किराए पर रहने वाला जेई आज है करोड़ों की संपत्ति का मालिक

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: बिजली विभाग को बिना एस्टिमेट बनाए एक ही ट्रांसफार्मर पर क्षमता से अधिक कनेक्शन देकर लाखों रूपये का चूना लगाया जा रहा है। शहर में घरेलू कनेक्शनों का व्यवसाइक उपयोग हो रहा है। इसमें संबंधित बिजलीघर के जेईयों का बड़ा योगदान है। जिन व्यवसाइक कनेक्शनों को नियमों के मुताबिक लोड पास करके उसके मुताबिक जरूरी ट्रांसफार्मरों के जरिये दिया जाना होता है उन्हें एक ही ट्रांसफार्मर पर बिना लोड पास किए दिया गया। इस वजह से शहर की बड़ी आबादी ओवरलोडिंग की समस्या से जूझ रही है। जबकि बिजलीघरों के जेईयों ने ओवरलोडिंग का हवाला देकर लंबे समय से ट्रॉली ट्रांसफार्मर लगा रखें है।

शहर के बीचों बीच स्थित शीश महल इलाके में दो 400केवी के ट्रांसफार्मर लगे है। लेकिन इनपर लोड 700केवी से अधिक है। इसे कम करने के लिए एक 630केवी का ट्रॉली ट्रांसफार्मर लगाया गया है जिससे दोनों 400केवी के ट्रांसफार्मरों का लोड कम हो सके। लेकिन इसके बाद भी लोड 900केवी से अधिक पहुंच रहा है। इस वजह से क्षेत्र के जत्तीवाड़ा, बाबाखाकी, डालमपाड़ा, नंदराम का चौक, शीश महल, राजू कुइंया इलाकों में लो-वोल्टेज की समस्या है। बड़ी संख्या में घरेलू कनेक्शनों का व्यवसाइक उपयोग हो रहा है।

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इस वजह से लाइनों व ट्रांसफार्मरों पर ज्यादा लोड पड़ रहा है। जिसे कम करने के लिए ट्रॉली ट्रांसफार्मर लगाया गया है। लेकिन लोड क्यों बढ़ रहा है विभाग द्वारा इसकी जांच नहीं कराई जाती है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यह सभी क्षेत्र घंटाघर बिजली घर में आते है जिसके लिए यहां के जेई जिम्मेदार है। इन क्षेत्रों में बड़ी संख्या में कनेक्शनों से अधिक खपत है। घरों में लगे व्यवसाइक उपकरणों से ज्यादा बिजली की खपत होती है जबकि इनका बिल घरेलू कनेक्शन के मुताबिक आता है।

वसूला जाता है सुविधा शुल्क

जिम्मेदार जिस तरह से विभाग को चूना लगा रहे है इसको लेकर कोई कार्रवाई नहीं होती है। पहले इसी बिजली घर पर छह सालों से तैनात जेई सुनील कुमार पर सचिन गुप्ता नाम के युवक ने अवैध वसूली करने का आरोप लगाया है। सचिन ने जेई सुनील कुमार की संपत्ति की जांच करने की मांग विभाग से की है लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही। सचिन का आरोप है

जेई को विभाग में नौकरी करते हुए आठ साल का समय हो गया है। जबकि वह छह सालों तक घंटाघर बिजली घर पर तैनात रहा। यहां तैनाती से पहले वह ढाई हजार रूपये प्रतिमाह के किराये के मकान में रहता था। लेकिन अब वह सूर्या पुरम में 400 मीटर में बनी आलीशान कोठी का मालिक है। लेकिन विभाग ने उसकी संपत्ति की जांच नहीं कराई।

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