जनवाणी संवाददाता |
खेकड़ा: क्षेत्र के दिल्ली सहारनपुर हाईवे स्थित डूंडाहेड़ा बाला जी आश्रम डूंडाहेड़ा में चल रही भागवत कथा के तीसरे दिन कथा वाचक ने भक्त प्रह्लाद व नरसिंह भगवान की कथा सुनाई।
शुक्रवार को तीसरे तीन कथा सुनाते हुए कथा वाचक बाल साध्वी राधा देवी ने कहा कि संसार मे मनुष्य को उंसके कर्मो के आधार पर ही फल प्राप्त होता है। कर्म से बड़ा ज्ञान है जिसे ज्ञान की प्राप्ति हो गई उंसके कर्म स्वयं ही अच्छे हो जाते है। जो संसार मे सुखी जीवन व्यतीत रहे है ये उनके पूर्व के कर्मो का फल है। जो दुख का जीवन व्यतीत कर रहे हैं वह उनके कर्मों का फल है। सांसारिक मोह में फंसा व्यक्ति भक्ति मार्ग से भटक जाता है।
ज्ञान की प्राप्ति होना भी जरूरी है। जिसे ईश्वरीय ज्ञान की प्राप्ति हो गई वही इंद्रियों पर विजय प्राप्त कर सकता है। उंन्होने कहा कि भक्ति के मार्ग पर चलने वाले के लिए सुख व दुख की कामना ही व्यर्थ हो जाती है।
भगवान के भक्त पर जब भी विपत्ति आती है तब स्वयं ईश्वर उसकी रक्षा के लिए प्रकट हो जाते है। बडे से बड़ा कष्ट भी उसको क्षति नही पहुँचा सकता हैं। इसलिए बह्यय ज्ञान से अच्छा आंतरिक ज्ञान प्राप्त कर कर्म करें। कर्म करके फल की चिंता भगवान पर छोड़ दे। कर्म अच्छा है या बुरा है उसका निर्धारण स्वयं भगवान करेंगे। इस अवसर पर बड़ी संख्या में महिला श्रद्धालु मौजूद रही।