- धड़ल्ले से चल रहे शहर में मिनी कत्लगाह, पुलिस मौन
- दो दिन पहले लिसाड़ी गेट क्षेत्र में पकड़ा गया था अवैध पशु कटान
- छापेमारी के बाद लिसाड़ी गेट पुलिस की हुई थी किरकारी
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: खाकी की नाकामी के चलते महानगर मिनी कमेलों का गढ़ बन गया है। अधिकतर थाना क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर चोरी छिपे अवैध कटान किया जा रहा है। बीते गुरुवार को भी लिसाड़ी क्षेत्र के अहमद नगर एक नाले से खून की मोटी धार बह रही थी। सीओ कोतवाली ने कई थानों के फोर्स के साथ छापेमारी करते हुए भारी मात्रा में कटान पकड़ा था।
हापुड़ रोड पर पुराना कमेला ध्वस्त किए जाने के बावजूद मिनी कमेलों के जरिए मीट फैक्ट्रियों और गोदामों का वजूद कायम है। जमीनी हालात गलियों में बहती खून की नाली भी इसकी पुष्टि करते हैं। घोसीपुर कमेला बंद होने के बावजूद शहर में निर्बाध रूप से मीट की आपूर्ति हो रही है।
मीट का कटान आखिर कहां हो रहा है, इसका जवाब पुलिस के पास नहीं है। पुलिस के संरक्षण में कटान किया जा रहा है। कई बार पुलिस अधिकारी इस गोरखधंधे लिप्त पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई कर चुके हैं। शहर में जगह-जगह पुलिस सेटिंग कर अवैध पशुओं का कटान किया जा रहा है।
लिसाड़ी गेट अवैध कटान का बना हब
शहर का लिसाड़ी गेट थाना क्षेत्र अवैध कटान का हब बन चुका है। कई बार पुलिस अवैध कटान को लेकर छापेमारी कर चुकी है। हाल ही में सीओ कोतवाली अरविंद चौरसिया कई थानों की फोर्स के साथ छापेमारी कर अवैध कटान पकड़ा था, लेकिन यहां अवैध कटान रुकने का नाम नहीं ले रहा है।
संवेदनशील थाना क्षेत्र, यहां होता है कटान
लिसाड़ी गेट, ब्रह्मपुरी, देहली गेट, नौचंदी, कोतवाली, जानी, सरधना, खरखौदा थाना क्षेत्रों को पशु कटान के लिहाज से संवेदनशील माना जाता है। इनमें कई बार पशु कटान की पुष्टि हो चुकी है। पुलिस कार्रवाई भी, लेकिन अवैध पशु कटान करने वाले हौसले बुलंद है।
एसपी सिटी डा. अखिलेश नारायण सिंह का कहना है कि लगातार अभियान चलाकर अवैध पशु कटान वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। अगर कोई पुलिसकर्मी लिप्त पाया जाता है। उसके खिलाफ जांच कर विभागीय कार्रवाई होगी। अवैध कटान करने वालों किसी भी कीमत पर बख्श नहीं जाएगा।