जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: नए कृषि कानूनों को वापस कराने की मांग पर अड़े किसानों का आंदोलन आज 23वें दिन भी जारी है। शांतिपूर्वक दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसान सरकार से जल्द से जल्द इन कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। सिंघु बॉर्डर पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।
किसानों का कहना है कि अगर केंद्र सरकार बातचीत के लिए बुलाएगी तो हम जाएंगे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि शांति से बैठें, हम यहां शांति से बैठे हैं। कोर्ट ने कहा है कि बात शुरू हो। बीते 8 दिन से बात नहीं हो रही। हम बातचीत के लिए तैयार हैं। वहीं सरकार की तरफ से यह साफ कर दिया गया है कि कानून वापस नहीं होगा, लेकिन संशोधन संभव है।
बता दें कि किसान हाल ही बनाए गए तीन नए कृषि कानूनों – द प्रोड्यूसर्स ट्रेड एंड कॉमर्स (प्रमोशन एंड फैसिलिटेशन) एक्ट, 2020, द फार्मर्स ( एम्पावरमेंट एंड प्रोटेक्शन) एग्रीमेंट ऑन प्राइस एश्योरेंस एंड फार्म सर्विसेज एक्ट, 2020 और द एसेंशियल कमोडिटीज (एमेंडमेंट) एक्ट, 2020 का विरोध कर रहे हैं।
कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन आज 23वें दिन भी जारी है, इस बीच बॉर्डर पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। #farmersrprotest pic.twitter.com/R0JNupDXjK
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 18, 2020
गाजियाबाद: किसानों ने ट्रैक्टर से सर्विस लेन की बैरिकेडिंग हटाई। यूपी गेट पर एलिवेटेड रोड की तरफ से आने वाले रास्ते पर दो दिन पहले ही बैरिकेडिंग की गई है।
किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के महासचिव श्रवण सिंह पंढेर ने कहा कि कमेटी बनाना समस्या का हल नहीं है, पहले भी किसानों ने छोटी कमेटी बनाने से इनकार किया था। तोमर जी ने कल जो चिट्ठी लिखी है वो देश को भ्रमित करने वाली है, उसमें कुछ नया नहीं है। कुछ नया होता तो हम उस पर टिप्पणी करते।
कमेटी बनाना समस्या का हल नहीं है, पहले भी किसानों ने छोटी कमेटी बनाने से इनकार किया था। तोमर जी ने कल जो चिट्ठी लिखी है वो देश को भ्रमित करने वाली है, उसमें कुछ नया नहीं है। कुछ नया होता तो हम उस पर टिप्पणी करते: श्रवण सिंह पंढेर, किसान मज़दूर संघर्ष कमेटी के महासचिव #FarmLaws pic.twitter.com/lFE0PAINjH
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 18, 2020
कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। किसान मजदूर संघर्ष कमेटी पंजाब के दयाल सिंह ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने जो कमेटी बनाई है उसमें हम यकीन नहीं रखते। अगर सरकार बातचीत करके काले कानून वापस लेती है तो ठीक, नहीं तो हम ये मोर्चा नहीं छोड़ेंगे। प्रधानमंत्री को किसानों से बात करनी चाहिए और कृषि कानूनों को वापस लेना चाहिए।
कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। किसान मज़दूर संघर्ष कमेटी पंजाब के दयाल सिंह ने बताया, "सुप्रीम कोर्ट ने जो कमेटी बनाई है उसमें हम यकीन नहीं रखते। अगर सरकार बातचीत करके काले कानून वापस लेती है तो ठीक, नहीं तो हम ये मोर्चा नहीं छोड़ेंगे।" pic.twitter.com/0VTUbAKWh7
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 18, 2020
दिल्ली में सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसानों को कड़ाके की ठंड से बचाने के लिए और अधिक टेंट की व्यवस्था की जा रही है। एक किसान ने कहा कि हम अपने आप को लंबे समय के लिए तैयार कर रहे हैं क्योंकि काले कानूनों के खिलाफ हमारी लड़ाई जारी रहेगी। अब ठंड बढ़ रही है, इसलिए हम और अधिक टेंट लगा रहे हैं।
Delhi: Protesting farmers at Singhu border say they're making more tent arrangements to face cold weather conditions.
"We're preparing ourselves for a longer stay as our fight against black laws will continue. It's getting colder, so we're putting more tents," says a protester. pic.twitter.com/7Jd1yBccFP
— ANI (@ANI) December 18, 2020
कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन आज 23वें दिन भी जारी है, इस बीच बॉर्डर पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।