जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: सरकार ने लैपटॉप, टैबलेट, ऑल-इन-वन पर्सनल कंप्यूटर और अल्ट्रा-स्मॉल कंप्यूटर और सर्वर सहित एचएसएन 8741 के अंतर्गत आने वाले इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स की सात श्रेणियों के आयात पर प्रतिबंध लगाया है।
बता दें कि हार्मोनाइज्ड सिस्टम ऑफ नॉमेनक्लेचर (HSN) कोड एक वर्गीकरण प्रणाली है, जिसका इस्तेमाल उत्पादों की पहचान करने और उन पर टैक्स लगाने के लिए किया जाता है।
सरकार की ओर से जारी इस अधिसूचना में कहा गया है कि लैपटॉप, टैबलेट, ऑल-इन-वन पर्सनल कंप्यूटर और अल्ट्रा-स्मॉल कंप्यूटर और सर्वर के आयात को तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधित कर दिया गया है, हालांकि कुछ शर्तों के साथ इनका आयात होगा। यह अधिसूचना अधिसूचना विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) द्वारा जारी की गई।
मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि एक शर्त के साथ आयात की अनुमति दी जाएगी कि आयातित सामान का उपयोग केवल बताए गए उद्देश्यों के लिए किया जाएगा ना कि बेचा जाएगा। इसके अलावा शर्त में यह भी शामिल है कि इस्तेमाल के बाद उत्पादों को नष्ट कर दिया जाएगा या फिर से निर्यात किया जाएगा। साथ ही ऐसे किसी भी आयात के लिए लाइसेंस की आवश्यकता होगी।
अंतर्निहित सुरक्षा खामियों के कारण केंद्र सरकार ने लैपटॉप, टैबलेट, ऑल-इन-वन पर्सनल कंप्यूटर और अल्ट्रा-स्मॉल कंप्यूटर और सर्वर के आयात पर प्रतिबंध लगाया है। इस संबंध में अधिसूचना विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) द्वारा जारी की गई थी। हालांकि, कुछ शर्तों के साथ इनका आयात किया जा सकेगा।
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, सूत्रों का कहना है कि भारत में आईटी हार्डवेयर उपकरणों के निर्माण के लिए पर्याप्त क्षमता है और इन उत्पादों के आयात करने के लिए खरीदारों की अनुमति की आवश्यकता किसी भी तरह से घरेलू उपलब्धता को प्रभावित नहीं करेगी।
सूत्रों ने कहा कि भारत में इंटरनेट सभी उपयोगकर्ताओं के लिए ‘खुला, सुरक्षित और विश्वसनीय और जवाबदेह’ हो, यह सुनिश्चित करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। इंटरनेट के विस्तार और अधिकतम भारतीयों के ऑनलाइन आने के साथ साइबर आपराधिकता की संभावना भी बढ़ गई है। साइबर सुरक्षा खतरों की विभिन्न घटनाएं भी सामने आई हैं।
सूत्रों का कहना है कि आईटी हार्डवेयर में हार्डवेयर बैकडोर और फर्मवेयर मैलवेयर जैसी अंतर्निहित सुरक्षा खामियां संभावित रूप से संवेदनशील व्यक्तिगत और एंटरप्राइज डाटा को खतरे में डाल सकती हैं। सुरक्षित हार्डवेयर प्रदान करना सुरक्षा की नींव है। सरकार ने देश और उसके नागरिकों के सुरक्षा हितों की रक्षा के लिए यह प्रतिबंध लगाए हैं। सूत्रों के मुताबिक, गैर-टैरिफ बाधा आयात पर प्रतिबंध नहीं है। डीजीएफटी से वैध लाइसेंस प्राप्त करने के बाद कंपनियां या व्यापारी आईटी हार्डवेयर उपकरणों का आयात कर सकते हैं।
आयात के लिए लाइसेंस अनिवार्य
डीजीएफटी ने एक पोर्टल तैयार किया है, और कंपनियां/व्यापारी लाइसेंस प्राप्त करने के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन करने और जानकारी सही होने पर डीजीएफटी 3/4 दिनों के भीतर लाइसेंस जारी कर देगा।
आईटी हार्डवेयर के लिए हाल ही में नवीनीकृत उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत इन उत्पादों के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए यह कदम उठाया गया है। साथ ही सरकार के इस फैसले से चीन और कोरिया जैसे देशों से इन सामानों के आने वाले शिपमेंट पर भी कटौती की है।
इन उत्पादों के आयात पर प्रतिबंध के पीछे अंतर्निहित सुरक्षा खामियों को भी वजह बताया जा रहा है। केंद्रीय मंत्री राजीव चन्द्रशेखर का कहना है कि लैपटॉप, टैबलेट और पर्सनल कंप्यूटर के आयात के लिए लाइसेंस की आवश्यकता लागू करने के भारत के फैसले से घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा मिलेगा।
लैपटॉप, टैबलेट और कंप्यूटर के आयात पर प्रतिबंध को लेकर सरकार ने साफ तौर पर कुछ नहीं कहा है, लेकिन इन प्रतिबंधों का पहला कारण मेड इन इंडिया को बढ़ावा देना हो सकता है। वहीं कुछ हार्डवेयर में संभावित रूप से सुरक्षा संबंधी समस्याएं हो सकती हैं, जिसको लेकर यह पाबंदी लगाई गई है। प्रतिबंध के तहत अब उत्पादों को आयात के लिए सरकार से लाइसेंस या अनुमति की आवश्यकता होगी।