- सिविल लाइन थाने में महिला के खिलाफ मुकदमा दर्ज
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: तलाकशुदा महिला का भरण पोषण का मुकदमा लड़ने से इंकार करने पर एक महिला ने जिला बार एसोसिएशन के अधिवक्ता अनिल प्रधान के चेंबर पर खतरनाक तेजाब फेंककर हमला किया। जिसमें मौके पर जूनियर अधिवक्ता बाल-बाल बचा। भीड़भाड़ वाली कचहरी से महिला आसानी से फरार हो गई। सिविल लाइन थाने में महिला के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
जिला बार एसोसिएशन की बिल्डिंग के द्वितीय तल पर चैम्बर नंबर 45 पर आवास-विकास कॉलोनी थाना हापुड़ सदर की रहने वाली शारदा पत्नी जीत सिंह सुबह करीब 10.15 बजे पहुंची और वहां मौजूद अधिवक्ता अनिल प्रधान और उसके जूनियर अधिवक्ता युगान्त कुमार से भरण पोषण का मुकदमा लड़ने के लिये कहा।
अनिल प्रधान अधिवक्ता ने मुकदमा लड़ने से मना करते हुए कहा कि उसके भाई प्रकाश सिंह जो लोक निर्माण विभाग में इंजिनियर के पद पर कार्यरत है, ने तुम्हारा कोई भी मुकदमा लेने से मना किया है। इस पर महिला बेहद आक्रोशित हो गयी और पहले से ही लेकर आयी तेजाब की बोतल से तेजाब फेंका। बामुश्किल अनिल प्रधान और युगान्त कुमार बाल-बाल बचे परन्तु मौके पर रखा हुआ तमाम सामान जल गया।
शोर मचने पर महिला जान से मारने की धमकी देते हुए वहां से भाग गयी। सूचना मिलने पर भारी पुलिस पहुंची। उसके बाद महिला ने अधिवक्ता को फोन पर फिर से जान से मारने की धमकी दी। देर शाम तक पुलिस आरोपी महिला को गिरफ्तार नही कर पायी। देर शाम तक अधिवक्ता अनिल प्रधान के चैम्बर पर अधिवक्ताओं का जमावाड़ा लगा रहा।
अधिवक्ताओं का कहना है कि यदि शनिवार तक आरोपी महिला की गिरफ्तारी नही हुई तो एसएसपी का घेराव किया जायेगा और बैठक कर कठोर निर्णय लिया जायेगा। महामंत्री प्रवीन कुमार सुधार ने घटना पर चिन्ता जताते हुए कचहरी परिसर में अधिवक्ताओं पर हमले की घटनाओं में लगातार वृद्धि होने पर अफसोस जाहिर किया।
जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन से मांग की, कि कचहरी में सुरक्षा स्वस्था सुदृढ की जाये । एसपी सिटी विनीत भटनागर का कहना है कि महिला को जल्द गिरफ्तार कर जेल भेजा जाएगा। उसके द्वारा गंभीर अपराध किया गया है। अगर उसे वकील से परेशानी थी तो उसे संबंधित थाने जाना चाहिये न कि तेजाब फेंकना चाहिये।
कचहरी की सुरक्षा रामभरोसे
हैरानी की बात है कि जिस जगह पर यह घटना हुई वहां से एसएसपी का आफिस चंद कदमों की दूरी पर है। कलक्ट्रेट के गेट पर खड़े पुलिसकर्मी सिर्फ वाहनों के निकालने और प्रवेश कराने में लगे रहते हैं। परिसर के अंदर सुरक्षा नाम की कोई चीज नहीं है और कोई भी अवांछित लोग आराम से कचहरी में घुसने में सफल हो जाते हैं। हालांकि कचहरी में कहने को पुलिस चौकी है, लेकिन उनका पूरा फोकस सदर और सेशन हवालात पर ही रहता है।
आए दिन कचहरी में मारपीट होती रहती है और पुलिस लकीर का फकीर बनी रहती है। जिस तरह से महिला तेजाब फेंकने जैसा जघन्य अपराध करके आराम से कचहरी से निकल कर चली गई। उससे पूरी सुरक्षा व्यवस्था पर प्रश्नचिह्न लग गया है। यह तो जूनियर वकील की किस्मत अच्छी थी कि जब महिला ने तेजाब फेंका उसने पीछे हटकर जान बचा ली अगर तेजाब गिर जाता तो गंभीर परिणाम हो सकते थे।
महिला का आरोप
आरोपी महिला शारदा का कहना था क वो काफी दिनों से वकील से भरण पोषण का मुकदाम डालने को कह रही थी, लेकिन वकील हर बार टाल रहे थे। ऐसा लग रहा है कि वकील कहीं मेरे पति से तो नहीं मिल गए हैं।