- मार्च 2023 की शिकायत पर लगा दी 2022 की आख्या
- अपर आयुक्त ने दिए जांच के आदेश, हस्तिनापुर स्थित बूढ़ी गंगा का मामला
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: मवाना तहसील में बूढ़ी गंगा पर हुए अवैध कब्जों के मामलों में होने वाली शिकायतों को लगातार अनदेखा किया जा रहा है। शिकायत हांलाकि मंडलायुक्त तक पहुंच गई है, लेकिन इसके बावजूद तहसील स्तर से लापरवाही की हद है।
नेचुरल साइंसेज ट्रस्ट के चेयरमैन प्रियंक भारती ने इसी साल 13 मार्च को मंडलायुक्त सेल्वा कुमारी जे. से पूरे मामले की शिकायत की थी तथा हस्तिनापुर की बूढ़ी गंगा पर हुए अवैध कब्जों को लेकर विस्तृत रिपोर्ट उन्हें सौंपी थी।
सिर्फ यही नहीं बल्कि खतौनी फसली वर्ष 1360 में वर्णित बूढ़ी गंगा की जमीन की जानकारी हासिल करने के लिए प्रार्थना पत्र भी दिया था। हालांकि तहसील द्वारा पहले 27 मार्च और फिर 11 अप्रैल 2023 को इस शिकायत का निस्तारण कर दिया गया था, लेकिन इस पूरे मामले में खानापूर्ति की आशंका व्यक्त करते हुए बाद में पूरी रिपोर्ट ही अस्वीकृत हो गई थी। यदि इस पूरे मामले की रिपोर्ट की तह तक जाया जाए तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आते हैं और लगता है कि रिपोर्ट में सिर्फ खानापूर्ति की गई है।
दरअसल, यदि निस्तारण की तिथि पर गौर किया जाए तो पूरे मामले में सिर्फ खानापूर्ति ही दिखाई देती है। क्योंकि निस्तारण के लिए लगाई गई आख्या में तिथि 7 दिसम्बर 2022 है जबकि शिकायत करने की तिथि 13 मार्च 2023 है। यानि कि शिकायत करने से चार माह पहले ही शिकायत का निस्तारण कर दिया गया। यह प्रकरण तहसील की कार्यप्रणाली पर सीधे प्रश्न चिह्न लगा रहा है।
संदर्भ संख्या ही बदल दी गई
जिस तरह मवाना तहसील द्वारा शिकायत के निस्तारण की रिपोर्ट प्रेषित की गई है उससे लगता है कि महाभारत के धृतराष्ट्र की छवि तहसील कर्मियों में देखी जा सकती है। शिकायत करने वाले प्रियंक भारती का कहना है कि जो निस्तारण किया गया है उसका उससे कोई लेना देना नहीं है। प्रियंक ने इस मामले में अधिकारी व शिकायतकर्ता को गुमराह करने का आरोप लगाया है, क्योंकि एक बार तो निस्तारण पर संदर्भ संख्या परिवर्तित कर दी गई
जबकि दूसरी बार संदर्भ संख्या ही गायब कर दी गई। शिकायत का निस्तारण तीन बार अस्वीकृत होने के बाद चौथी बार निस्तारण की आख्या प्रस्तुत की गई। मजेदार बात यह है कि निस्तारण की जो रिपोर्ट पहली बार लगाई गई थी वहीं हू ब हू रिपोर्ट चौथी बार फिर लगा दी गई। इसमें खास बात यह रही कि इस बार यह आख्या रिपोर्ट स्वीकृत भी कर ली गई।
मामले में फिर जांच के आदेश
इस पूरे मामले में प्रियंक भारती ने फिर से कमिश्नर से शिकायत की और लेखपाल द्वारा जो कार्रवाई कर जनसुनवाई पोर्टल पर अपलोड की गई उसके बारे में कमिश्नर को अवगत कराया। जिस पर अब अपर आयुक्त ने एसडीएम मवाना को निर्देश दिए हैं कि वो इसके लिए बाकायदा एक टीम का गठन करें शीघ्र ही स्थलीय निरीक्षण कर आख्या प्रस्तुत करें।