जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: अब घर पर ही अपने परिवार के सदस्यों, रिश्तेदारों, अतिथियों और मित्रों के लिए निजी बार का लाइसेंस दिया जा सकेगा। मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में इस नियमावली में संशोधन को मंजूरी दे दी गई। अपर मुख्य सचिव संजय आर भूसरेड्डी ने बताया कि उप्र आबकारी (बार लाइसेंस की स्वीकृति) नियमावली (प्रथम संशोधन) 2022 और (आसवनी स्थापना) सोलहवां संशोधन नियमावली के प्रस्तावों को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी।
इसके तहत घर पर निजी बार खोलने के लिए लाइसेंस के प्रचलित प्रावधानों में संशोधन किया गया है। लोग आवासीय परिसर में भारत निर्मित विदेशी मदिरा और विदेश से आयातित मदिरा अपने परिजन, रिश्तेदारों, अतिथियों व मित्रों जिनकी उम्र 21 वर्ष से कम न हो को पीने-पिलाने के लिए होम बार लाइसेंस स्वीकृत किए जा सकेंगे। यह लाइसेंस सालाना जारी होंगे। इसके लिए 12 हजार रुपये शुल्क देना होगा और बतौर सिक्योरिटी 25 हजार रुपये जमा करना होगा। वहीं खास बात यह है कि होम बार का निरीक्षण सिर्फ आबकारी आयुक्त की अनुमति से ही किया जा सकेगा।
व्यावसायिक लाइसेंस के नियमों में भी दी गई ढील
उत्तर प्रदेश आबकारी (बार लाइसेंस की स्वीकृति) नियमावली 2022 में संशोधन करते हुए बार लाइसेंस के लिए जरूरी बैठने के क्षेत्रफल को अब 200 वर्गमीटर की जगह न्यूनतम 100 वर्गमीटर कर दिया गया है। यानी कम जगह में भी बार खोला जा सकेगा। वहीं, न्यूनतम 40 लोगों की बैठने की क्षमता को अब कम कर 30 का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा होटल व रेस्टोरेंट आदि में बार लाइसेंस लेने के लिए जरूरी भोजन कक्ष के प्रावधानों को शिथिल कर दिया गया है। वहीं स्थानीय प्राधिकरण से लाइसेंस प्राप्त करने की अनिवार्यता को खत्म कर दिया गया है।
मिश्रित आसवनियों के पेय मदिरा निर्माण की क्षमता बढ़ाई
कैबिनेट ने उप्र आबकारी (आसवनी स्थापना) सोलहवां संशोधन नियमावली 2022 के प्रस्तावों को भी मंजूरी दे दी। वर्तमान नियमावली में मिश्रित आसवनियों को उनकी कुल क्षमता का 90 फीसदी तक पेय मदिरा निर्माण की अनुमति देने की व्यवस्था है। इसे बढ़ाकर अब 95 प्रतिशत तक किए जाने का निर्णय लिया गया।
होम बार में रख सकेंगे 15 कैटगरी की 71 बोतलें
अपर मुख्य सचिव आबकारी के मुताबिक पहले घर में चार बोतल (750 मिली) तक शराब निशुल्क रखने की मंजूरी थी। अब इस नीति को संशोधित किया गया है। इसमें अब घर में 15 कैटगरी की छोटी-बड़ी 71 बोतलें तक रखी जा सकेंगी।