इस फैशन के युग में शरीर के अन्य अंगों की साज-संवार के साथ-साथ होंठों के लिए भी बहुत से साजो-सामान बाजार में उपलब्ध हैं। इन प्रसाधनों के प्रयोग से विभिन्न आकार-प्रकार के होंठों के गुण-दोषों को चेहरे के अनुसार बखूबी उभारा व छिपाया जा सकता है पर इन सबके बावजूद होंठों का प्राकृतिक सौंदर्य बनाए रखने के लिए कुछ सावधानियां बरतनी भी जरूरी हैं। सबसे पहले होंठों की स्वाभाविक नमी को बनाए रखना आवश्यक है। कोमल, चिकने व नमीयुक्त होंठ बिना किसी मेकअप के भी आकर्षक लगते हैं। उनकी उचित देखभाल न होने पर होंठों की त्वचा शुष्क होकर फटी-फटी सी दिखाई देती है जो पूरे चेहरे के सौंदर्य को बिगाड़ देती है। ऐसे होंठों के दोष को छुपाने के लिए उन पर लगाई लिपस्टिक भी नहीं टिकती और होंठ पहले से ज्यादा भद्दे लगते हैं।
इसके लिए जरूरी है कि पूरे चेहरे की सफाई व माश्चराइजिंग के साथ-साथ होंठों पर भी समुचित ध्यान दिया जाए। अगर आप लिपस्टिक न लगाती हों तो भी घर से बाहर निकलते समय होंठों पर ‘लिप ग्लास’ अवश्य लगाएं। यह होंठों की त्वचा की रक्षा कर उन्हें स्वाभाविक चिकनाई प्रदान करता है। ‘लिप ग्लास’ के चुनाव में बहुत परफ्यूमयुक्त ग्लास को न ही चुनें तो बेहतर होगा। बहुत तेज गंधयुक्त ग्लास में उपस्थित परफ्यूम आपके होंठों की त्वचा को हानि भी पहुंचा सकता है इसलिए जहां तक हो, बिना सेंट व परफ्यूम वाले ग्लास का ही इस्तेमाल करें।
‘लिप ग्लॉस’ यूं तो कई प्रकार के होते हैं पर उन्हें लगाने में ब्रश व देखने के लिए शीशे के इस्तेमाल के झंझट से बचने के लिए ‘रोल आॅन’, ‘लिप ग्लॉस’ का प्रयोग करें। इसमें होंठों के लिए समुचित मात्र में ग्लॉस ‘ग्लॉस स्टिक’ से खुदबुखद निकलता रहता है और आपको इसे सिर्फ होठों पर एक बार गोलाई में घुमा कर लेने की जरूरत पड़ती है।
बहुत ही ठण्डे या बहुत गर्म मौसम में अक्सर होंठों के फटने की शिकायत पाई जाती है। इसके लिए इन पर कोई चिकनाईयुक्त क्रीम लगाकर ही घर से बाहर जाएं। इस काम के लिए आप चैपस्टिक का प्रयोग भी बखूबी कर सकती हैं। यह लिपस्टिक की तरह ही होती है पर अपारदर्शी व रंगहीन होने के कारण होंठों की त्वचा की रक्षा तो करती है पर उन्हें रंगती नहीं है। बहुत अधिक फटने वाले होंठों के लिए आप रोज रात में पेट्रोलियम जेली या वैसलिन आदि का प्रयोग भी होंठों पर कर सकती हैं। सूखे होंठों के लिए यह एक कारगर उपाय है। आलमण्ड लोशन भी बहुत लाभकारी होता है। इससे त्वचा बिल्कुल नहीं फटेगी।
कुछ युवतियों में यूं ही खाली बैठ-बैठे या फिर कुछ सोचते वक्त या नर्वस हो जाने की स्थिति में अपने होंठ चबाने व काटने की आदत होती है। इससे भी होंठों की त्वचा सूख जाती है और उसमें जगह-जगह खून की धारियां सी पड़ जाती हैं जो भद्दी दिखलाई पड़ती हैं और होंठों पर जलन सी महसूस होती है। इस प्रकार की त्वचा के लिए भी आप दिन में होंठों पर मलाई या कोई चिकनी एंटीसेप्टिक क्रीम लगा सकती हैं। रात में उन पर पेट्रोलियम जैली की परत जरूर लगाइये। जहां तक हो सके, अपनी इस होंठ काटने व चबाने की आदत को छोड़ने की कोशिश कीजिए ताकि त्वचा की यह समस्या स्थायी न बन जाए।
यदि आपकी त्वचा तैलीय है तो बहुत चिकनाई व क्रीमयुक्त लिपस्टिक का प्रयोग कम करें जबकि शुष्क त्वचा वाली युवतियां खूब क्रीम बेस वाली ‘एनरिड’ लिपस्टिक का प्रयोग बखूबी कर सकती हैं।
लिपस्टिक लगाने से पहले होंठों पर हल्की सी कोल्ड क्रीम लगा लें, फिर लिपब्रश या लिप पेंसिल से होंठों की आऊटलाइन बनाकर लिपस्टिक की हल्की सी परतें लगा लें। फिर हल्की सी पाउडर की पर्त लगाएं। उसके बाद लिपस्टिक अ‘छी तरह से लगाएं। अंत में टिश्यू पेपर को दोनों होंठों के बीच रखकर अतिरिक्त लिपस्टिक सुखा लें।
सबसे अंत में जो सबसे जरूरी बात है वह यह कि रात में सोने से पहले रूई में हल्का सा क्लींजर लगाकर उससे होंठों पर लगी लिपस्टिक छुड़ा लें।
शामसुंदर परशराम सोनी