- यूके्रन पर हमले ने दिल दहला दिया प्रियांशु के घर वालों का
- एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा छात्र, टीवी पर चिपके हैं परिजन
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: रुस ने गुरुवार की सुबह जैसे ही यूक्रेन पर हमला किया तभी टीपी नगर में रहने वाले विजय प्रभाकर के परिवार की चिंताएं बढ़ गई। उनका बेटा प्रियांशु प्रभाकर एमबीबीएस के तीसरे वर्ष का छात्र है। रुस के ताबड़तोड़ हमलों की खबरें दिल को दहला रही है। परिवार ने कई बार मोबाइल पर बेटे से बात करके कुशलक्षेम पूछी।
यूक्रेन में माइकोलाव विश्वविद्यालय में मेडिकल की डिग्री कर रहे प्रियांशु मलियाना स्थित जसवंतनगर में रहते हैं। उनके पिता उपन्यास लेखक विनोद प्रभाकर सरधना के छवड़िया के रहने वाले हैं। वह 50 से अधिक उपन्यास सुरेश साहिल के नाम से लिख चुके हैं। विनोद प्रभाकर वर्तमान में इंग्लिश मीडियम मैरी माउंट स्कूल के चेयरमैन भी है। उनके दो बेटे हैं। छोटा बेटा उनके साथ ही स्कूल का कार्यभार संभालता है। प्रियांशु वीडियो कॉल के माध्यम से अपने परिजनों से बात कर रहे हैं।
विनोद प्रभाकर ने बताया कि न्यूज चैनलों पर यूक्रेन व रूस के बीच शुरु हुए युद्ध की खबरों से दिल दहल रहा है। वही वह अपने बेटे से वीडियो कॉल पर सुबह शाम बात कर प्रियांशु की हिम्मत बढ़ा रहे हैं। इतना ही नहीं घर में मौजूद प्रियांशु की मां प्रेमलता व उसका भाई शुभांकर उनकी खुशहाली को लेकर परेशान है। पिता विनोद प्रभाकर ने बताया कि युद्ध शुरु होने के बाद उनकी बेटे से बात हुई थी।
उसने बताया बैंकों और एटीएम में लाइन लगी हुई है और दुकानों पर सामान लेने के लिये लंबी लाइनें लग गई है। हर कोई ज्यादा से ज्यादा खाने का सामान स्टोर करना चाहता है। उन्होंने बताया कि बेटा पूरी तरह से ठीक है और उसका कहना है कि शहर में ब्लास्ट नहीं हो रहा है लेकिन आसपास के इलाकों में मिसाइल हमलों से दहशत बनी हुई है।
पिता का कहना है कि सरकार को चाहिये कि यूक्रेन में फंसे लोगों को निकालने के लिये प्रयास किये जाएं। हालांकि उनको उम्मीद है सरकार इस दिशा में जरुर ठोस प्रयास करेगी। वहीं मां भी बार बार बेटे के बारे में जानने का प्रयास कर रही है।
यूक्रेन में धमाके की आवाज से हुई सुबह, सिहर गए भारतीय छात्र
शिवम अपने दो दोस्तों के साथ गुरुवार को यूक्रेन की राजधानी कीव स्थित एयरपोर्ट से टर्किश एयरलाइंस में सवार होकर भारत आने वाले थे। रात को सामान पैक कर सो गए थे, उनको उम्मीद थी की जल्द ही वह भारत में अपनों के पास होंगे। इधर परिवार ने भी उनके आने की तैयारी पूरी कर ली थी।
इस बीच गुरुवार सुबह करीब पांच बजे शिवम के कानों में तेज धमाके की आवाज सुनाई पड़ी तो वह नींद से जागे और बाहर देखा तो धमाके के कारण उजाला और धुआं नजर आया। एक वीडियो उन्होंने मोबाइल फोन में कैद किया। जानकारी करने पर न्यूज के माध्यम से पता चला कि रूस ने यूक्रेन पर हमला कर दिया है।
हमला करने के साथ ही रूस ने यूक्रेन की राजधानी कीव में एयरपोर्ट पर भी कब्जा कर लिया है, इसी एयरपोर्ट से शिवम को दोस्तों के साथ आज भारत के लिए उड़ान भरनी थी। यूके्रन के खिलाफ सैन्य कार्रवाई आज सुबह जब शुरू हुई तो वहां सुपर स्टोर बंद होने के कारण हॉस्टल में रह रहे भारतीय छात्रों को पानी की काफी परेशानी उठानी पड़ी।
हमले की सूचना पाते ही परिवार के लोगो ने वीडियो कालिंग कर परिवार के लोगों की सकुशल होने की जानकारी ली। इस दौर में ही बातचीत के दौरान शिवम ने बताया कि वह मेडिकल स्टूडेंट है, एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं। उनके साथ ही गुजरात की चेष्टा शुक्ला और हरियाणा के सिमरत राठी भी आज भारत आने वाले थे, लेकिन सब लोग वहीं पर रुक गए हैं। उन्होंने बताया कि एक रात में ही हालात काफी बदल चुके हैं, धमाकों की आवाज के साथ ही सड़कों पर सन्नाटा भी पसर गया है।
भारतीय छात्रों का कहना है कि फिलहाल एंबेसी की ओर से भी उनको कोई मदद नहीं मिल रही है। उनकी भारत सरकार से अपील है कि यूक्रेन से उनको सुरक्षित भारत लाने के लिए इंतजाम किए जाएं। परिवार वालों से फोन कर विद्यार्थियों ने अपने सकुशल होने की सूचना दी है। इससे विद्यार्थियों के परिजन की चिंता कुछ हद तक कम हुई है।
यूक्रेन और रूस युद्ध जारी रहा तो कारोबार होगा प्रभावित
यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद से कारोबारी भी चिंतित हैं। अगर रूस और यूके्रे न के बीच युद्ध जारी रहा तो यहां कारोबारियों को भी नुकसान होगा और आम जनता को भी इसका नुकसान उठाना पड़ सकता है। यहां कुछ शहर ऐसे हैं, जिनके यूक्रेन और युद्ध प्रभावित क्षेत्रों के साथ सीधा व्यापारिक संबंध है। मेरठ से खेल सामग्री और सहारनपुर का वुड कार्विंग उद्योग। युद्ध जारी रहने की सूरत में इन उत्पादों का निर्यात नहीं हो सकेगा। इसके अलावा पेट्रोल डीजल के दाम भी बढ़ सकते हैं।
यूक्रेन के ऊपर रूस ने हमला कर दिया है, जिसका असर भारत में भी दिखाई पड़ेगा। यहां मेरठ की बात करें तो मेरठ समेत आसपास के शहरों में भी इसका असर दिखाई देगा। बता दें कि मेरठ खेल सामग्री के मामले में विदेश भर में मशहूर है। यहां से बड़ी तादात में टेबल टेनिस, बैडमिंटन समेत तमाम खेल उपकरण यहां से निर्यात होते हैं।
इसके अलावा आसपास के जिलों की बात की जाये तो यहां से कृषि उपकरण रूस तक भेजे जाते हैं।
इसके अलावा यहां सहारनपुर से वुड वर्किंग का कार्य हुआ सामान भी यहां से निर्यात होता है। खेल का सामान मेरठ से और लकड़ी का सामन सहारनपुर से बड़ी मात्रा में वहां निर्यात होता है। अगर वहां युद्ध जारी रहा तो यहां भी कारोबार पूरी तरह से प्रभावित होगा। इसके अलावा अन्य कारोबार जहां वहां से सीधे नहीं जुड़े हैं, लेकिन किसी न किसी तरीके से कारोबार जरूर होता है जोकि प्रभावित होगा।
यूक्रेन-रूस में जंग छेड़ने से खाद्य तेलों के रेट ने छुए आसमान
यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद से भारत में खाद्य तेल और अन्य चीजों के दाम आसमान छूने लगे। हमले का ऐलान होते ही मुनाफा खोर सक्रिय हो गए और मनमाफिक रेट तय कर लिए। जमाखोरों द्वारा खाद्य तेल के दाम आसमान पर पहुंचा दिए। यही नहीं देखते ही देखते बाजार में खाने के तेल की डिमांड भी बढ़ गई और लोगों की भीड़ खरीदारी के लिए उमड पड़ी।
दरअसल दुनिया का एक चौथाई खाद्य तेल और गेहूं का उत्पादन यूक्रेन और रूस को माना जाता है। गुरुवार को जंग छिड़ने के बाद से खाद्य तेल और गेहूं तथा प्राकृतिक गैस आदि के दाम बढ़ने की आशंका के चलते तेल की मांग बढ़ गई। बाजार से देखते ही देखते सरसों के तेल सहित अन्य खाद्य तेल महंगे हो गए। जहां सरसों का तेल 180 से 200 किलो तक बिक रहा था। वहीं अचानक से 250 तक पहुंच गया।
महंगाई को देखते हुए खाद्य तेल खरीदने के लिए बाजार में भीड़ उमड़ पड़ी। वहीं मुनाफाखोरों ने बाजार से तेल गायब कर दिया। बाजार में बढ़ती महंगाई और मांग को देखते हुए आसपास के गांवों में खरीदारी करते हुए काफी लोग बाजार में दिखाई दिए। वहीं दूसरी ओर मुनाफाखोरों ने तेल को थोक के बजाए खुदरा में बेचना मुनासिब समझा। क्षेत्र के छोटे दुकानदारों ने बताया कि थोक के भाव के दुकानदारों से संपर्क करने पर तेल के टीन में 500 तक की बढ़ोत्तरी की गई। वहीं किलो पर 50 तक की बढ़ोत्तरी कर दी गई। इससे बाजार में छोटे दुकानदारों के पास खाद्य तेल का टोटा पड़ गया।