- मदरसा शिक्षकों ने प्रधानमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन उप जिलाधिकारी धामपुर को सौंपा
जनवाणी ब्यूरो |
धामपुर: भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही मदरसा आधुनिकीकरण योजना के अंतर्गत विभिन्न मदरसों में कार्यरत मदरसा शिक्षकों को बीते 48 माह से मानदेय का भुगतान नहीं मिला है। जिसके चलते मदरसा शिक्षक भुखमरी के कगार पर हैं।
बुधवार को तहसील क्षेत्र के मदरसा शिक्षकों ने प्रधानमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन एसडीएम को सौंप कर बीते 48 महीनों का मानदेय दिलाने की मांग उठाई।
ज्ञापन में मदरसा शिक्षकों ने अवगत कराया कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के द्वारा वर्ष 1993 में मदरसा आधुनिकीकरण योजना के अंतर्गत मदरसा में पढ़ाने वाले शिक्षकों को मानदेय देने की योजना शुरू की गई थी। इस योजना का मकसद मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों को दीनी तालीम के साथ ही हिंदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान आदि विषयों की शिक्षा प्रदान कराना है, ताकि बच्चे मदरसों में शिक्षा ग्रहण कर अपने भविष्य को संवार सकें और देश की खुशहाली, तरक्की में अपना योगदान दें।
मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षक संघ के जिला सचिव शमशेर अली ने बताया कि इस योजना में प्रदेश के लगभग 25550 मदरसे मदरसा शिक्षक 8550 मदरसे में मेहनत व लगन से अपने कार्य को अंजाम दे रहे हैं, लेकिन बड़े ही अफसोस की बात है कि 48 महा से मदरसा शिक्षकों को मानदेय नहीं मिल रहा है। जबकि इस योजना को चालू हुए 27 वर्ष बीत चुके हैं। मदरसा शिक्षकों को 12 हजार रुपये प्रति माह केंद्र सरकार द्वारा और तीन हजार रुपये प्रतिमा राज्य सरकार द्वारा राज्यांश के रूप में दिया जाता है।
मानदेय नहीं मिलने के कारण मदरसा शिक्षक आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। उन्होंने बताया कि मानदेय के लिए मुरादाबाद सांसद एसटी हसन, अमरोहा सांसद कुमार दानिश अली व नगीना सांसद गिरीशचंद आदि भी लोकसभा में उनकी समस्या को उठा चुके हैं। मदरसा शिक्षकों को 48 महीने से मानदेय नहीं मिल रहा है।
उन्होंने ज्ञापन में देश के प्रधानमंत्री से मांग कि शीघ्र ही मदरसा शिक्षकों का मानदेय दिलाने की व्यवस्था की जाए। इस अवसर पर मदरसा शिक्षक शमशेर अली, मोहम्मद जाहिद, मोहम्मद शाहिद, मोहम्मद इरशाद, मोहम्मद आसिफ, तबस्सुम बेगम, नफीस अहमद, कमरुद्दीन, मोहम्मद राशिद, आदि मौजूद रहे।