Saturday, April 20, 2024
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महिपाल सिंह की थांबेदार की पगड़ी अमान्य घोषित

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जनवाणी संवाददाता |

शामली: गठवाला खाप के 11 गांवों की पंचायत में हसनपुर में पंचायत द्वारा रिटायर्ड पुलिसकर्मी को थांबेदार की पगड़ी पहनाने का विरोध किया। साथ ही, समाज और गठवाला खाप के स्तर से उस पगड़ी को अमान्य घोषित कर दिया।

गठवाला खाप के गांव हसनपुर में पिछले दिनों लिसाढ़ थांबे की पंगड़ी को कुछ लोगों ने रिटायर्ड पुलिसकर्मी महिपाल सिंह मलिक को बांधते हुए थांबेदार बनाए जाने की घोषणा की थी। रस्म पगड़ी का उस समय भी काफी विरोध हुआ था। तब गठवाला खाप के चौधरी बाबा राजेंद्र मलिक ने कहा था कि पिछले 300 वर्षों से गठवाला खाप की चौधराहट के साथ-साथ थांबेदारी उनके पास ही है।

हरियाणा की गठवाला खाप के बाबा बलजीत सिंह ने भी मामले में हस्तक्षेप के प्रयास किए थे। साथ ही, बाबा राजेंद्र मलिक ने शीघ्र ही पंचायत बुलाकर मामले में निर्णय लिए जाने की बात कही थी।

इसके चलते रविवार को गांव लिसाड़ में लिसाढ़ थांबे के अंतर्गत आने वाले 11 गांवों के जिम्मेदार लोगों की पंचायत हुई। पंचायत की अध्यक्षता गठवाला खाप के बाबा राजेंद्र मलिक ने की। पंचायत में पिछले दिनों गांव हसनपुर में हुई पंचायत और उसमें महिपाल सिंह को पहनाई पगड़ी का जमकर विरोध हुआ। साथ ही, लोगों ने बहिष्कार की मांग उठाई।

वहीं पंचायत में 11 लोगों की कमेटी बनाकर निर्णय लिया कि हसनपुर में हुई पंचायत के द्वारा पहनाई पगड़ी को अमान्य घोषित कर दिया। बाबा राजेंद्र मलिक का कहना था कि 300 वर्षों से गांव हसनपुर में थाबेदार की पगड़ी नहीं है, न ही आगे होगी।

दूसरी ओर, उक्त मामले में ग्रामीणों का कहना है कि कुछ असामाजिक लोगों ने पहले पंचायत कर एक व्यक्ति को पगड़ी पहनाकर थांबेदार बना दिया था जबकि हमारे गठवाला खाप में उस थांबेदार का पद पहले से ही नहीं है। अब पंचायत कर उस पगडी को अमान्य घोषित किया है और ना ही समाज में किसी तरीके का उसको पगड़ी का सम्मान दिया जाना चाहिए।

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