- नगरायुक्त संजय चौहान ने हाउस टैक्स-वाटर टैक्स विभाग का किया निरीक्षण
जनवाणी संवाददाता |
सहारनपुर: नगरायुक्त संजय चौहान ने कहा है कि नगर निगम पब्लिक फ्रेंडली होना चाहिए। निगम को अपनी व्यवस्था ऐसी बनानी होगी कि कोई भी व्यक्ति एक बार में ही अपना कार्य कराकर चला जाए, उसे बार-बार चक्कर न काटने पडे़ं। नगरायुक्त ने यह बात निगम के टैक्स विभाग का निरीक्षण करते हुए कही। उन्होंने लोगों की सम्पत्ति का विवरण, विभिन्न पत्रावलियां सुरक्षित और व्यवस्थित रखने के निर्देश देते हुए कहा कि लोगों की सम्पत्ति का विवरण रखना निगम का दायित्व है। उन्होंने समस्त रिकॉर्ड सॉफ्ट कॉपी और हार्ड कॉपी दोनों में रखने पर जोर दिया।
नगरायुक्त संजय चौहान, अपर नगरायुक्त राजेश यादव के साथ हाउस टैक्स पहुंचे और विभाग का पटलवार निरीक्षण किया। डिस्पैच पटल पर डिस्पैच रजिस्टर व फाइलों का निरीक्षण किया। उन्होंने मार्च के अंतिम सप्ताह तथा अप्रैल प्रथम सप्ताह के प्रार्थना पत्र/विभागीय पत्र लंबित पाये जाने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए शीघ्र निस्तारण के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि काम के साथ कोई समझौता नहीं किया जायेगा।
पब्लिक के प्रति अपने दायित्व को अधिकारी व कर्मचारी गंभीरता से लें और सब व्यवस्थाओं को दुरुस्त कराएं। उन्होंने कुछ लिपिकों के पटलों पर गंदगी और दराजों में ठूस कर रखे गए दस्तावेजों को देखकर गहरी नाराजगी जतायी और चेतावनी देते हुए साफ-सफाई पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी।
बिल वितरण के सम्बंध में पूछे जाने पर कर अधीक्षक सुधीर शर्मा ने बताया कि सॉफ्टवेयर अपग्रेडेशन होने के कारण बिल जनरेट नहीं किये जा सके हैं। उन्होंने इस सप्ताह के अंत तक बिल वितरण कराये जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि दफ्तर में प्रवेश करते ही उपेक्षापूर्ण वातावरण दिखायी न दे, इसके लिए टूटी-फूटी अलमारियों व जीर्ण शीर्ण फर्नीचर को ठीक कराएं और साफ सफाई व रंग रोगन कराकर वातावरण को सकारात्मक बनाएं।
उन्होंने हाउस टैक्स-वाटर टैक्स से सम्बंधित पटल सहायकों के कार्य विभाजन,उनके प्रभारी आदि का विवरण स्पष्ट उल्लेख करने के भी निर्देश दिए। इसके अतिरिक्त नगरायुक्त ने कम्पयूटर सिस्टम, उपयोग में लाये जा रहे सॉफ्टवेयर, रिकॉर्ड के रखरखाव आदि की भी जानकारी ली। नगरायुक्त ने कर संग्रह कर्ताओं के बैठने के लिए उचित व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान कर निर्धारण अधिकारी दिनेश यादव, कर अधीक्षक सुधीर शर्मा, साहबसिंह व सुरेंद्र सिंह आदि शामिल रहे।