- पंच कल्याणक महोत्सव के तीसरे दिन भगवान आदिनाथ द्वारा किए गए तप पर डाला प्रकाश
जनवाणी संवाददाता |
बागपत: क्षेत्र के जय शान्ति सागर निकेतन में चल रहे पांच दिवसीय पंच कल्याणक के तीसरे दिन तप कल्याणक का आयोजन किया गया और भगवान आदिनाथ द्वारा किए गए तप पर प्रकाश डाला गया। आचार्य वसुनन्दी महाराज ने कहा कि काम, क्रोध, लोभ, मोह, माया का त्याग कर मनुष्य ईश्वर प्राप्ति के लिए तप करता है। तभी उसे ईश्वर का भी ज्ञान हो जाता है।
क्षेत्र के जय शान्ति सागर निकेतन में पांच दिवसीय पंचकल्याणक का आयोजन किया गया। कल्याणक के तीसरे दिन का शुभारंभ में शान्ति धारा कमल जैन द्वारा की गई। पाद परक्षलन यश जैन व आरती मन्नू जैन द्वारा की गई। दीप प्रवज्जलित अभय जैन द्वारा किया गया।
संजय जैन ने शस्त्र भेंट किए। चित्र अनावरण नवीन जैन द्वारा किया गया। इसके साथ ही महाराज नाभिराय का दरबार, आदि कुमार का राज्याभिषेक, राज्य संचालन, नीलांजना नृत्य, वैराग्य, भरत बाहुबली को राज्य सोपना, लौकांतिक देवों द्वारा वैराग्य स्तुति व दीक्षावन प्रस्थान आदि का मंचन किया गया।
आचार्य वसुनन्दी महाराज ने प्रवचन करते हुए कहा कि मनुष्य धन, आडंबर में घिरा हुआ है। इसलिए उसे ईश्वर की प्राप्ति नहीं हो पाती है, लेकिन जब काम क्रोध, लोभ, मोह, माया का त्याग कर देता है। तब वह वैराग्य की प्राप्ति कर सभी दुखों का भी त्याग कर देता है। उसका एकमात्र उद्देश्य ईश्वर की प्राप्ति होता है।
उन्होंने कहा कि ईश्वर की प्राप्ति के लिए दुगुर्णों का त्याग करना बहुत जरूरी है। एलक विज्ञान सागर महाराज ने कहा कि मानव को सांसारिक सुखों के साथ आध्यात्मिक सुखों का भी सेवन करना चाहिए, क्योंकि भौतिक सुख अंधकार की ओर ले जाते है, जबकि आध्यात्मिक सुख प्रकाश की ओर ले जाते है।
इसलिए मनुष्य को भगवान की प्रार्थना पर भी ध्यान देना चाहिए। क्योंकि भगवान ही वह शक्ति है, जो मनुष्य को सभी कष्टों से मुक्ति दिला सकती है। इस अवसर पर योगेश जैन, रवि जैन, मोतीलाल जैन, अनिल जैन, अशोक जैन, अंकित जैन, प्रवीण जैन, रजनेश जैन, अंकुश जैन, राजेश जैन, प्रिंस जैन आदि मौजूद रहे।