जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: भारत द्वारा ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में किए गए सर्जिकल मिसाइल हमलों ने आतंकवाद की कमर तोड़ दी है। इस कार्रवाई में जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर के परिवार के कई सदस्य मारे गए हैं। इस बड़ी क्षति के बाद मसूद अजहर बुरी तरह बौखला गया है और वह रोते हुए बोला”काश मैं भी मर जाता… मोदी ने सारे नियम तोड़ दिए!”
आतंकी सरगना के परिवार का हुआ खात्मा
भारतीय सेना की इस सटीक कार्रवाई में जैश के कई शीर्ष कमांडर, हथियार डिपो और ट्रेनिंग कैंप तबाह हुए हैं। बताया जा रहा है कि मारे गए लोगों में मसूद अजहर के करीबी रिश्तेदार और संगठन के रणनीतिक संचालक शामिल हैं। इस भारी नुकसान ने मसूद को मानसिक रूप से झकझोर कर रख दिया है।
पाकिस्तान में घबराहट, आतंकी तंत्र पर चोट
इस ऑपरेशन के बाद न सिर्फ जैश-ए-मोहम्मद, बल्कि पाकिस्तान में सक्रिय अन्य आतंकी संगठनों में भी घबराहट का माहौल है। सैन्य शिविरों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है और कई ट्रेनिंग कैंप गुप्त स्थानों पर शिफ्ट किए जा रहे हैं।
एयर स्ट्राइक में 100 से अधिक लोगों की मौत
पाकिस्तान में भारत के एयर स्ट्राइक में लगभग 100 से ज्यादा लोगों का मौत हुई है। भारत ने पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकानों को देर रात निशाना बनाया। जिसमें सैकड़ों आतंकियों का खात्मा भारत ने कर दिया है। कई लोगों के शव अभी मलबे में दबे हैं। पाकिस्तान की मिट्टी से अब शवों का निकाला जा रहा है। ताबुत में शवो को लेकर जाया जा रहा है। इस हमले में भारत ने 100 से ज्यादा आतंकियों को ढ़ेर कर दिया लेकर पाकिस्तान सिर्फ 30 मौत होने की पुष्टि कर रहा है।
ऐसे आतंक का सरगना बना मसूद
बता दें, मौलाना मसूद अजहर प्रतिबंधित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का प्रमुख है। जैश-ए-मोहम्मद ने ही साल 2019 में भारत के पुलवामा में हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली थी। उस हमले में भारत के 40 जवान शहीद हुए थे।इसके अलावा पठानकोट एयरबेस हमले में भी उसका हाथ बताया जाता है। मसूद अजहर वही आतंकी है जिसे साल 1999 में कंधार प्लेन हाईजैक के बाद भारत को छोड़ना पड़ा था।
24 दिसंबर 1999 को कुछ आतंकियों ने 178 यात्रियों को ले जा रही IEC-814 प्लेन को हाईजैक कर लिया था। इसके बदले उन्होंने तीन आतंकियों को छोड़ने की डील की थी जिसमें मसूद अजहर भी शामिल था। रिहाई के बाद मसूद अजहर पाकिस्तान गया। और फिर वहीं से आतंकी साजिशें शुरू कर दीं।