- बेस स्लैब की लंबाई 24 और चौड़ाई 26 मीटर
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: एनसीआरटीसी ने एमईएस कॉलोनी के पास बनाए जा रहे नॉर्थ शाफ्ट में टनल बोरिंग मशीन लॉचिंग शाफ्ट की बेस स्लैब कास्टिंग का कार्य बुधवार को पूरा कर लिया। लगभग 660 स्क्वेयर मीटर के इस बेस स्लैब की कास्टिंग के लिए 125 मैट्रिक टन स्टील और 588 क्यूबिक मीटर कंकरीट का प्रयोग किया गया है।
इस लॉचिंग शाफ्ट के बेस स्लैब की लंबाई लगभग 24 मी और चौड़ाई 26 मीटर है। इसके निर्माण के लिए 17 डी वाल पैनलों को 16 मीटर की गहराई में भूमिगत डाला गया है। इस लॉचिंग शाफ्ट का निर्माण गांधी पार्क के पास किया जा रहा है, जिसके माध्यम से टनल बोरिंग मशीन को लॉच करने का कार्य किया जाएगा और इसका रिट्रिवल शाफ्ट बेगमपुल के पास बनाया जाएगा।
क्या है टनल बोरिंग मशीन?
टनल बोरिंग मशीन एक विशालकाय मशीन होती है, जिसकी लंबाई लगभग 90-100 मीटर तक होती है। सम्पूर्ण मशीन के कई छोटे-छोटे खंड होते हैं, जिन्हे टनल लॉचिंग शाफ्ट में आपस में जोड़ा जाता है और एक बार असेम्ब्लिंग हो जाने के बाद टेस्टिंग होती है, फिर मशीन टनल बनाने का कार्य प्रारम्भ करती है।
एमईएस कॉलोनी मेट्रो स्टेशन के नजदीक इस लॉचिंग शाफ्ट से ही आरआरटीएस कॉरिडोर भूमिगत से ऊपर एलेवतेड़ आएगा और और इसके लिए यहां पर एक रैम्प का निर्माण किया जाएगा। यह कॉरिडोर बेगमपुल भूमिगत स्टेशन की ओर से आ रहा है और आगे एमईएस कॉलोनी के एलीवेटिड स्टेशन की ओर आगे चला जाता है।
मेरठ में बनेंगे 13 स्टेशन
दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर में कुल 25 स्टेशन है, जिसमें से 13 स्टेशन मेरठ में स्थित हैं। साहिबाबाद से दुहाई के बीच 17 किमी के प्राथमिकता वाले खंड को 2023 तक और 2025 तक पूर्ण कॉरिडोर को शुरू करने का लक्ष्य है।
एनसीआरटीसी भारत की प्रथम रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम का कार्यान्वन कर रहा है, जो एक रेल-आधारित, हाई-स्पीड, हाई-फ्रीक्वेंसी रीजनल कम्प्यूटर ट्रांजिट सिस्टम है। इसकी डिजाइन गति 180 किमी प्रति घंटे और औसत गति 100 किमी प्रति घंटे है। इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन द्वारा संचालित, आरआरटीएस एनसीआर में परिगमन के ग्रीन मोड के रूप में काम करेगा। इसका उद्देश्य राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में ग्रीन हाउस गैस (जीएचजी) के उत्सर्जन और प्रदूषण को कम करना है।
कॉरिडोर निर्माण के लिए 22वीं लॉचिंग गैंट्री स्थापित
वर्तमान में 82 किमी आरआरटीएस कॉरिडोर पर एलीवेडिट कॉरिडोर के निर्माण के लिए 22वीं लॉचिंग गैंट्री स्थापित की जा चुकी है तथा 14,000 से अधिक कर्मचारी और 1100 से अधिक इंजीनियर दिन-रात निर्माण कार्य में लगे हुए हैं। एनसीआरटीसी ने निर्माण स्थलों में और उसके आसपास व्यापक प्रदूषण नियंत्रण उपाय करते हुए निर्माण की गति को बनाए रखा है।
विशेषज्ञों की एक समर्पित टीम नियमित रूप से इन उपायों की प्रभावशीलता की निगरानी कर रही है और जहां भी आवश्यक हो गतिविधियों को तेज कर रही है। निर्माण कार्य पर्याप्त ऊंचाई के बैरिकेडिंग जोन में किया जा रहा है और इन स्थलों पर पूरी तरह से साफ-सफाई का ध्यान रखा जा रहा है। निर्माण की धूल को निपटाने के लिए एंटी-स्मॉग गन, वाटर स्प्रिंकलर लगाए गए हैं। सभी कच्चे माल, मलबे को उनके चिन्हित स्थलों पर ढक कर रखा जाता है।
ट्रैफिक मार्शलों की तैनाती
आरआरटीएस अपने तरह की पहली परियोजना है और यह लोगों के जीवन को बदलने जा रही है। शहर के लोगों को इसका सबसे बड़ा लाभ होने वाला है। जहां-जहां कार्य कर रहे हैं, वहां शासन के सहयोग से प्रबंध किए गए हैं। जरूरत अनुसार, भीड़भाड़ वाली जगहों में दुकानों के लिए यथासंभव रास्ते दिये गए हैं और जहां फिर भी जरूरत हो वहां उन पर काम करके सहयोग किया जाता है।
फिर भी समस्याओ के सामने आने पर शासन के सहयोग से उसका भी समाधान किया जाता है। आरआरटीएस के निर्माण स्थलों पर लोगों को कम से कम असुविधा हो, इसके लिए निरंतर कार्य होता रहता है। पर्याप्त ट्रैफिक मार्शल, यू-टर्न की व्यवस्था, स्थानीय लोगों से लगातार संपर्क, स्थानीय सरकरी एजेंसीस से निरंतर समन्वय के साथ काम हो रहा है।