जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: मध्य प्रदेश में विधानसभा की 28 सीटों के लिए उपचुनाव जारी है। इस चुनाव में 355 उम्मीदवार मैदान में हैं। कोरोना महामारी के रोकथाम के दिशा-निर्देशों के साथ मतदान सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक होगा। मतदाता धीर-धीरे मतदान केंद्रों की तरफ बढ़ रहे हैं।
भाजपा ने उन सभी 25 लोगों को प्रत्याशी बनाया है, जो कांग्रेस विधायकी पद से इस्तीफा देकर पार्टी में शामिल हुए हैं। उपचुनाव को सीएम शिवराज सिंह चौहान और कांग्रेस से भाजपा में आए ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए अग्निपरीक्षा माना जा रहा है। मध्य प्रदेश के इतिहास में पहली बार इतनी ज्यादा विधानसभा सीटों पर एक साथ उपचुनाव हो रहे हैं।
बहुमत के लिए भाजपा को आठ तो कांग्रेस को 28 सीटें जीतनी होंगी
उपचुनाव के बाद सदन में विधायकों की संख्या वर्तमान 202 से बढ़कर 229 हो जाएगी। इसलिए भाजपा को बहुमत के 115 के जादुई आंकड़े तक पहुंचने के लिए इस उपचुनाव में मात्र आठ सीटों को जीतने की जरूरत है, जबकि कांग्रेस को सभी 28 सीटें जीतनी होंगी।
12 मंत्रियों सहित कुल 355 उम्मीदवार मैदान में
प्रदेश की 28 विधानसभा सीटों के उपचुनाव में प्रदेश के 12 मंत्रियों सहित कुल 355 उम्मीदवार मैदान में हैं। 19 जिलों में उपचुनाव के तहत 33,000 सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है। प्रदेश में स्वतंत्र और निष्पक्ष मतदान कराने की पूरी तैयारियां की गई हैं।
पोलिंग बूथ पहुंचे मतदाता
उपचुनाव के लिए मतदान शुरू हो गया है और मतदाता पोलिंग बूथों पर पहुंचने लगे हैं।
Madhya Pradesh: Voters arrive at a polling booth in Gwalior to cast their vote for the by-election to the state assembly constituency.
Voting to be held on 28 assembly seats of the state today. pic.twitter.com/ANozvlytNx
— ANI (@ANI) November 3, 2020
मध्यप्रदेश में 28 विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव के लिए आज मतदान शुरू हो चुका है। कोरोना महामारी की रोकथाम के दिशा-निर्देशों के साथ सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक होगा। इसके लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। उपचुनाव के लिए सीएम शिवराज सिंह चौहान और कांग्रेस से भाजपा में आए ज्योतिरादित्य के लिए परीक्षा माना जा रहा है।
मध्यप्रदेश के इतिहास में पहली बार इतनी ज्यादा विधानसभा सीटों पर एक साथ उपचुनाव हो रहे हैं। ये उपचुनाव तय करेंगे कि 10 नवबंर को इनके परिणाम आने के बाद कौन सी पार्टी प्रदेश में सत्ता में रहेगी – सत्तारूढ़ भाजपा या मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस।
इसके अलावा, इस उपचुनाव में उन 25 प्रत्याशियों के भाग्य का भी फैसला होगा जो कांग्रेस विधायकी से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल होने के बाद अपनी छोड़ी हुई उसी सीट से भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। इनमें से अधिकांश ग्वालियर राजघराने के वंशज ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक हैं, जो खुद भी कांग्रेस छोड़ इस साल मार्च में भाजपा में शामिल हुए हैं। इसलिए इस उपचुनाव में सिंधिया की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी है।