- कारगिल शहीद के परिवार की निजता भंग, सुनवाई नहीं
- दर्जनों गाड़ियों का जमावड़ा पुलिस की खुली छूट
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: सरकार ने अपना खजाना भरने के लिये कोरोना काल में शराब के ठेके खुलवा दिये। अनलॉक-5 में जब होटल और रेस्टोरेंट खोलने के आदेश हुए तो कैंट के चर्च रोड पर स्ट्रीट बार खुलने शुरु हो गए।
अंधेरा होते ही पचासों गाड़ियां आ जाती है और खुलकर मांस और मदिरा का खुला खेल खेलती है। इन खुले स्ट्रीट बारों को लेकर आबकारी विभाग और पुलिस की खामोशी कई सवाल खड़े कर रही है।
कैंट के संवेदनशील इलाकों में स्ट्रीट बार का संचालन सुरक्षा के लिये भी खतरनाक बन रहा है। चर्च रोड पर हंस राज और उसके आसपास नॉनवेज की तमाम गाड़ियां आकर खड़ी हो जाती है।
इन गाड़ियों के आते ही पचासों कारों में सवार लोग शराब के साथ नॉनवेज का आनंद लेते हैं। इस दौरान अक्सर इनमें बहस के साथ ही मारपीट तक होने लगती है। रात 10-11 बजे तक इस रोड पर जमावड़ा लगा रहता है।
इन गैरकानूनी स्ट्रीट बारों के कारण आसपास के लोग परेशान है। पास में ही रहने वाले कारगिल शहीद तरुण नैय्यर के परिवार के लोग बेहद परेशान है।
उनका कहना है कि शाम होते ही शराबियों का जमावड़ा लग जाता है और इनके कारण घर का गेट भी खोल नहीं पाते है। शहीद के परिवार ने लालकुर्ती थाने से लेकर पुलिस अधिकारियो तक से शिकायत कर ली, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
कोरोना से पहले भी इस मुद्दे को स्थानीय लोगों ने कई बार उठाया था, लेकिन आबकारी विभाग जिस तरह से पल्ला झाड़ता है उससे साफ जाहिर होता है कि इसमें पुलिस और आबकारी विभाग की मिलीभगत है। एएसपी कैंट डा. ईरज राजा का इस बारे में कहना है कि बहुत जल्द ऐसे स्ट्रीट बारों के खिलाफ अभियान चलाया जाएगा।