- 13 मई को हुआ था चुनाव संपन्न, आजतक नहीं हुआ भगतान
- निगम क्षेत्र के 90 वार्डो में बूथ तैयार कराने वाले सुपरवाइजरों ने जेब से किया था खर्च
- अधिकारियों के काट रहे चक्कर नहीं हो रहा पेमेंट, करीब 4 से 5 लाख का पेमेंट बकाया
- रुपया शासन से नहीं मिला या निगम के अधिकारी पेमेंट में कर रहे आनाकानी
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: नगर निकाय चुनाव हुए ढाई माह से अधिक का समय बीत चुका है। निगम क्षेत्र में सफाई सुपरवाइजरों द्वारा अपने-अपने वार्डों में बूूथ तैयार कराने एवं पोलिंग पार्टी के लिए भोजन की व्यवस्था से लेकर रात्रि विश्राम के लिए रजाई एवं गद्दों की व्यवस्था कराई गई थी। जिसमें एक वार्ड में सफाई नायक के पांच से सात हजार रुपये तक जेब से खर्च हुए।
सफाई नायकों के द्वारा पोलिंग बूथ तैयार कराने में बांस बल्ली से लेकर भोजन एवं रात्रि विश्राम के लिए रजाई एवं गद्दों का जो बिल तैयार हुआ, वह भी निगम में जमा करा दिया, लेकिन उसके बाद भी सफाई सुपरवाइजर निगम के अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं।
नगर निकाय चुनाव के अंतर्गत शहर में 90 वार्डों में महापौर एवं वार्ड पार्षद पद के लिए मई महीने में चुनाव संपन्न होने के साथ ही 13 मई को चुनाव परिणाम घोषित हो गया। चुनाव ड्यूटी में लगे अधिकतर अधिकारी एवं कर्मचारियों का पेमेंट भी चुनाव ड्यूटी संपन्न होने के साथ हो गया था, लेकिन नगर निगम क्षेत्र में जो सफाई नायक, सुपरवाइजर जिम्मेदारी देखते हैं। पोलिंग बूथ तैयार करने एवं चुनाव में जिन लोगों की ड्यूटी लगी थी।
उनके खाने-पीने एवं रात्रि विश्राम के लिए रजाई गद्दों के साथ समुचित व्यवस्था करने की जिम्मेदारी निगम के अधिकारियों द्वारा सौंपी गई। नगर निगम क्षेत्र में 90 वार्ड हैं। जिसमें यह जिम्मेदारी भी 90 सुपरवाइजरों को दी गई। जिसमें सुपरवाइजरों ने जिम्मेदारी निभाते हुए किराए पर बांस, बल्ली लेकर बूथ तैयार करने से लेकर पोलिंग पार्टी के लिए भोजन आदि की व्यवस्था एवं रात्रि विश्राम के लिए रजाई गद्दों की व्यवस्था कराई।
जिसमें बताया जा रहा है कि एक सुपरवाइजर पर पांच से सात हजार रुपये तक का जेब खर्च हुआ। जिसका सुपरवाइजरों ने पक्का बिल भी निगम के अधिकारियों को उपलब्ध करा दिया गया। उसके बावजूद अभी तक सफाई सुपरवाइजरों का पेमेंट नहीं हो सका। सफाई सुपरवाइजर आए दिन अपर नगरायुक्त प्रमोद कुमार के कार्यालय के चक्कर काटते देखे जा सकते हैं। वह उन्हें कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे रहे हैं कि पेमेंट चुनाव आयोग/शासन से मिला है या नहीं।
यदि शासन से पेमेंट नहीं हो रहा तो वह किस कारण से नहीं हो पा रहा है। यदि शासन से पेमेंट हो चुका है तो उन्हें क्यों नहीं दिया जा रहा है? चुनाव संपन्न हुआ करीब तीन माह होने को हैं, लेकिन अभी तक निगम के अधिकारी वार्ड सुपरवाइजरों का पेमेंट देने को तैयार नहीं हैं। बताया जा रहा है कि 4 से 5 लाख रुपये सुपरवाइजरों का बूथ तैयार करने का जो है। उसका पेमेंट दिलवाने में निगम के अधिकारी उदासीनता बरत रहे हैं।
एक बड़ा सवाल है कि चुनाव ड्यूटी का पेमेंट चुनाव के कुछ दिन बाद ही हो जाता है, फिर निगम के 90 वार्ड सुपरवाइजरों का पेमेंट निगम के अधिकारी क्यों नहीं करा पा रहे हैं? मंगलवार को इस संबंध में वार्ड-47 के सुपरवाइजर सुदीश एवं वार्ड 64 के सुपरवाइजर विनोद मनोठिया, सुपरवाइजर सुधीर कुमार आदि ने पेमेंट दिलवाने की मांग की।