- आज करेंगे रिट दायर, रैपिडएक्स के काम के चलते हुए नुकसान की भरपाई का मांगेगे मुआवजा
- एक लाख रुपये प्रतिमाह की दर से उठाई गई कम्पंसेशन की मांग
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: दिल्ली रोड पर फुटबॉल चौराहे से लेकर रामलीला मैदान के बीच के व्यापारियों ने एनसीआरटीसी के खिलाफ आंदोलन का बिगुल बजा दिया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि रैपिड के कार्यों के चलते व्यापारियों का व्यापार ठप हो गया है लिहाजा उन्हें मुआवजा दिया जाए। इसी प्रकरण में कई व्यापारी बुधवार को हाईकोर्ट में रिट दायर करेंगे। व्यापारी नेता लोकेश अग्रवाल ने बताया कि जब से रैपिड का काम शुरू हुआ है और जब तक यह काम चलेगा, इसी बीच के मुआवजे के लिए व्यापारी कोर्ट गए हैं।
क्योंकि जिस कार्य से व्यापारियों का व्यापार प्रभावित होता है तो संबंधित कम्पनी को उक्त व्यापारियों को मुआवजा दिए जाने का नियम है। वैसे तो प्रभावित व्यापारियों की संख्या सौ से अधिक है, लेकिन फिलहाल दर्जन भर व्यापारी बुधवार को हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। उक्त व्यापारी रिट दाखिल कर हाईकोर्ट के समक्ष अपना पक्ष रखेंगे। लोकेश अग्रवाल के अनुसार उक्त व्यापारी एक लाख रुपये प्रति माह के हिसाब से मुआवजे की मांग करेंगे। यानि कि जब से काम शुरू हुआ है और जब तक काम समाप्त होगा इसी बीच जितने माह काम चला है, अथवा चलेगा तो इस पूरे समय के मुआवजे की मांग संबंधित व्यापारियों ने एनसीआरटीसी से की है।
इसको लेकर याचिका दाखिल की जा रही है। पिछले कई महीनों से दिल्ली रोड पर रैपिड का कार्य चल रहा है और इसको लेकर दिल्ली रोड पर बड़ी संख्या में व्यापारियों का व्यापार प्रभावित हो रहा है। व्यापारियों का आरोप है कि कई बार सड़क बंद करने व कई बार रूट डायवर्ट करने से उनका व्यापार पिट गया है लिहाजा उन्हें हुए इस नुकसान की भरपाई के लिए कम्पंसेशन चाहिए।
व्यापारी करेंगे भूख हड़ताल, लगाएंगे काले झंडे
दिल्ली रोड पर दिल्ली चुंगी से टीपी नगर गेट के पास तक 85 दुकानों पर एनसीआरटीसी द्वारा मार्किंग किए जाने का मामाला गरमा गया है। इस प्रकरण में व्यापारियों ने आन्दोलन की घोषणा कर दी है। व्यापारियों का आरोप है कि यदि सरकार ने भी उनका साथ नहीं दिया तो वो भूख हड़ताल करेंगे और पूरे दिल्ली रोड पर विरोध स्वरूप काले झंडे लगाएंगे।
पीडब्ल्यडी ने भी उक्त दुकानों को अवैध बताते हुए कहा था कि संबंधित दुकानदारों ने अतिक्रमण कर उक्त दुकानें हथियाई हैं।
उधर, व्यापारी वर्ग का मानना है कि सबसे पहले यह सड़क मुगलों के समय बनी उसके बाद अंग्रेज यहां आ गए। उनके जाने के बाद यह सड़क सरकार (नगर पालिका) के अंडर में आ गई और फिर पीडब्ल्यूडी और राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित हुई। व्यापारी नेता लोकेश अग्रवाल का आरोप है कि उक्त सड़के के साथ इतना सब कुछ हो गया और आरोप व्यापारियों पर लग रहे हैं कि उन्होंने सड़क अतिक्रमण कर कब्जाई है जो कि सरासर गलत है। व्यापारियों ने मांग की कि यदि उनके साथ अन्याय हुआ तो वो आन्दोलन की राह अपनाएंगे।
पीड़ित परिवारों ने मांग की है कि यदि उनकी दुकानें हटाई जाती हैं तो उन्हें सर्किल रेट के हिसाब से पूरा मुआवजा दिया जाए अन्यथा वो सड़कों पर उतर कर आन्दोलन करेंगे। हालांकि इस संबध में पीड़ित दुकानदारों ने अपना पक्ष प्रशासन के समक्ष रख दिया है। उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल के प्रदेश अध्यक्ष लोकेश अग्रवाल के अनुसार एडीएम (एलए) ने भी इस भूमि की पुन: नपाई के आदेश दे दिए हैं। कई व्यापारियों का आरोप था कि बिना मुआवजा तय किए मार्किंग करना सरासर गलत है। इन्ही सब विवादों को लेकर पीड़ित व्यापारियों ने एनसीआरटीसी के खिलाफ आन्दोलन का बिगुल बजा दिया है।
एनसीआरटीसी ने तैयार किया आधुनिक कोल्ड स्टोरेज
एनसीआरटीसी ने मोदीपुरम में अत्याधुनिक पोटेटो कोल्ड स्टोरेज तैयार किया है। यह कोल्ड स्टोरेज मोदीपुरम में सेंट्रल पोटेटो रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीपीआरआई) कैंपस में बनाया गया है। सीपीआरआई कैंपस में कोल्ड स्टोरेज की सुविधा उपलब्ध नहीं थी। एनसीआरटीसी ने 2021 में मोदीपुरम स्टेशन के निर्माण के लिए सीपीआरआई से जमीन ली थी। इसी जमीन पर स्टेशन का निर्माण कार्य किया जा रहा है। इस जमीन के बदले में ही एनसीआरटीसी और सीपीआरआई के बीच समझौता हुआ था कि सीपीआरआई उक्त जमीन के बदले कोई धनराशि नहीं लेगा बल्कि एनसीआरटीसी इसके जमीन के बदले 600 मीट्रिक टन की क्षमता वाले पोटेटो कोल्ड स्टोरेज का निर्माण कराएगा।
एनसीआरटीसी अधिकारियों के अनुसार उक्त कोल्ड स्टोरेज अत्याधुनिक है जिसके निर्माण में पफ पैन पोलियुरिथीन फोम का प्रयोग किया गया है। इस पद्धिति से हीट इंसुलेशन नियंत्रित होगा। इस कोल्ड स्टोरेज में लगाए गए रेफ्रिजरेटिंग सिस्टम के आधार पर कोल्ड स्टोर का तापमान 4 डिग्री तक बनाए रखा जा सकता है। एनसीआरटीसी अधिकारियों के अनुसार यहां रखी जाने वाली आलू की फसल को नमी से बचाने के लिए इसमें वर्चुअल वुडेन फ्लोर बनाया गया है। इस पोटेटो कोल्ड स्टोर के माध्यम से सीपीआरआई आलू की पैदावार के लिए शोधों से तैयार बीजों को रखने और आलू को ज्यादा समय तक सुरक्षित रखने में सक्षम होगा।