- आठ के खिलाफ मुकदमा, गोदाम सील, गजरौला स्थित गोदाम में 25 करोड़ की किताबें बरामद
- नौ लाख किताबें मिली परतापुर गोदाम में
- प्रिंटिंग मशीनें और तमाम कम्प्यूटर सीज
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की डुप्लीकेट किताबों के मामले में पुलिस ने प्रिंटिंग प्रेस के मालिक संजीव गुप्ता और सचिन गुप्ता समेत आठ लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है।
एसटीएफ को मौके से नौ लाख किताबें मिली है। वहीं, एसटीएफ को गजरौला स्थित गोदाम से 25 करोड़ की किताबें मिली है।
पुलिस ने प्रथम दृष्टया कार्रवाई करते हुए छह प्रिंटिंग प्रेस मशीनें, तमाम कम्प्यूटर, कागजात और बिल बुक आदि जब्त कर गोदाम को सील कर दिया गया है।
शुक्रवार को आर्मी इंटेलीजेंस की सूचना पर एसटीएफ के सीओ ब्रजेश कुमार सिंह और सीओ ब्रह्मपुरी चक्रपाणि त्रिपाठी ने जब अच्छरोंड़ा स्थित गोदाम में छापा मारा तो एनसीईआरटी की डुप्लीकेट किताबों का बड़ा जखीरा मिला।
शुरूआत में कहा गया कि गोदाम में 35 करोड़ की कीमत की किताबें रखी है। जब एसटीएफ ने इन किताबों की गिनती करवाई तो गोदाम में नौ लाख किताबें मिली।
इसके बाद एसटीएफ और परतापुर पुलिस की संयुक्त कार्रवाई शुरू हुई और गोदाम को सील करने की कार्रवाई शुरू कर दी गई।
इनके खिलाफ दर्ज मुकदमा
पुलिस की ओर से दर्ज कराए गए मुकदमे में शिवम पुत्र कालीचरण निवासी माता का बाग निकट बागपत स्टैंड, राहुल पुत्र सूरजमल निवासी गोविंदपुरी कंकरखेड़ा, आकाश पुत्र राजकुमार निवासी इंद्रानगर ब्रह्मपुरी, सुनील कुमार पुत्र प्रीतम सिंह निवासी एकता नगर रुड़की रोड, संजीव गुप्ता निवासी भाटवाड़ा बुढ़ानागेट, सचिन गुप्ता पुत्र सुशील गुप्ता निवासी सुशांत सिटी परतापुर, विकास त्यागी और नफीश के खिलाफ धारा 420, 467, 468, 471, 472, 201 और कापी राइट ऐक्ट 63 के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया है।
सीओ एसटीएफ ब्रजेश सिंह ने बताया कि संजीव गुप्ता के द्वारा गोरखधंधा चलाया जा रहा था। गहनता से जांच होने पर तमाम फर्जीवाड़ा सामने आएंगे।
उन्होंने बताया कि मोहकमपुर में जिस प्रिंटिंग प्रेस की बात की जा रही थी। वहां जब जांच पड़ताल की गई तो ऐसा कोई प्रिंटिंग प्रेस नहीं मिला। वहीं एक भी अधिकृत कागज बरामद नहीं हुए।
हैरानी की बात ये है कि संजीव गुप्ता और सचिन गुप्ता के बयानों में जमीन आसमान का फर्क है। जब इस मामले की विवेचना आगे बढ़ेगी तो तमाम बातें सामने आएंगी।
उन्होंने बताया कि गजरौला के गोदाम में न तो कोई बोर्ड, न ही जमीन से संबंधित कोई दस्तावेज और न ही रजिस्ट्रेशन से संबंधित कागजात मिले हैं।
इनकी हुई गिरफ्तारी
35 करोड़ रुपये कीमत की डुप्लीकेट किताबों के मामले में परतापुर पुलिस ने सुनील कुमार, शिवम, राहुल और आकाश को मौके से गिरफ्तार कर लिया गया।
जबकि बाकी चार आरोपियों में मालिक संजीव गुप्ता, सचिन गुप्ता, संजीव गुप्ता, नफीस और विकास त्यागी फरार हो गए।
क्या है एफआईआर में
रिपोर्ट में कहा गया कि संजीव गुप्ता और सचिन गुप्ता के गोदाम में रखी किताबें इनकी प्रिंटिंग प्रेस टीएनएचके प्रिंटर एंड पब्लिकेशन ए-1 मोहकमपुर में छापी जाती है और कुछ किताबें औद्योगिक क्षेत्र पैराडाइज होटल के सामने निकट पीरशाह सैय्यद मकदूम गजरौला स्थित प्रिंटिंग प्रेस में तैयार की जाती है।
यहीं से एनसीईआरटी की किताबों को डुप्लीकेट तैयार करके मांग के अनुरूप यूपी और देश के अन्य राज्यों में भेजी जाती है। यह भी कहा गया कि जब गोदाम की जांच की गई तो कहीं भी टिन नंबर नहीं लिखा मिला है।
फजीहत हुई तो भाजपा ने निष्कासित किया संजीव गुप्ता को

एनसीईआरटी की किताबों की डुप्लीकेसी में नामजद किये गए मुख्य आरोपी भाजपा नेता संजीव गुप्ता और जनप्रतिनिधि के बेटे एनसीईआरटी किताबों का काम खुलकर करते थे।
दो साल से जनप्रतिनिधि के बेटे इस काम से अलग हो गए थे और संजीव गुप्ता और सचिन गुप्ता इस गोरखधंधे को खुलकर कर रहे थे। जब भाजपा की इस गोरखधंधे के कारण बदनामी होने लगी तो प्रदेश अध्यक्ष ने संजीव गुप्ता को पार्टी से निलंबित कर दिया।
35 करोड़ के एनसीईआरटी घोटाले में भाजपा के महानगर उपाध्यक्ष संजीव गुप्ता को मुख्य आरोपी बनाया गया है। कैंट विधायक सत्य प्रकाश अग्रवाल के बेहद करीबी संजीव गुप्ता की इस घोटाले से काफी फजीहत हुई है।
पार्टी में इस बात की चर्चा जोरों पर चली कि कैंट विधायक के प्रभाव का गलत इस्तेमाल करते हुए संजीव गुप्ता ने सरकार को करोड़ों के राजस्व का चूना लगाया है।
पार्टी में चल रही गुटबाजी ने इसे और अधिक हवा दे दी। संयुक्त व्यापार संघ के भाजपा समर्थित पदाधिकारियों से लेकर संगठन के तमाम पदाधिकारियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि भाजपा नेता नंबर दो का काम करने के लिये पार्टी का सिंबल यूज कर रहे हैं और पार्टी के शीर्ष नेता खामोश है।
इस पर भाजपा के महानगर अध्यक्ष मुकेश सिंघल ने प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह को पत्र लिखा कि एनसीईआरटी प्रकरण में पार्टी की फजीहत ज्यादा हो रही है।
इसको देखते हुए संजीव गुप्ता को तत्काल प्रभाव से पार्टी के सभी दायित्वों से निलंबित किया जाता है। पार्टी के अंदर चली तीव्र प्रतिक्रिया ने पार्टी के अंदर इस मुद्दे को हवा दे दी है।