Friday, March 29, 2024
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सोतीगंज में नए टायरों के नाम पर खुली धोखाधड़ी

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  • कोरिया और चीन से आने वाले टायरों की फिनिशिंग कर रातों-रात बन रहे धनकुबेर कुछ कबाड़ी

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: वाहन कटान और टैक्स चोरी के अलावा सोतीगंज में नए टायरों के नाम पर भी कुछ कबाड़ी आंखों में धूल झोंकने का काम कर रहे हैं। कोरिया व चीन से आने वाले डिफेक्टिव टायरों में थोड़ा फेरबदल कर उनको नया बताकर ग्राहकों को चूना लगा दिया जाता है। जब तक इस कारगुजारी की जानकारी मिल पाती है तब तक बहुत देर हो चुकी होती है।

चाह कर भी ग्राहक सोतीगंज के ऐसे कबाड़ियों के खिलाफ कुछ नहीं कर पाते। इसी प्रकार की धोखाधड़ी कर कुछ कबाड़ी रातों रात धन कुबेर बन बैठे हैं। महंगी गाड़ियों में घूम रहे हैं। कारोबार के नाम पर जालसाजी के इस धंधे पर सिस्टम हाथ डालने का साहस नहीं कर पाता है।

चोरी के पार्ट्स के बाद अब टायरों का धंधा

सोतीगंज के कबाड़ी अभी तक केवल चोरी की गाड़ियों का कटान कर उनके पार्ट्स ही बेचने के लिए बदनाम थे। देश भर में कहीं भी गाड़ी चोरी होती थी, लेकिन उसको काटने का काम सोतीगंज में किया जाता था। चोरी की गाड़ियों के पार्ट्स बेचकर यहां के कबाड़ी थोड़े ही समय में धन कुबेर बन बैठे हैं।

कई ने तो कबाड़ के काम के अलावा प्रॉपर्टी के कामों में भी हाथ आजमाने शुरू कर दिए हैं। छावनी क्षेत्र के कई बंगलों को सोतीगंज के कबाड़ियों ने खरीद लिया है जहां वाहनों के अवैध कटान का काम किया जाता है। कुछ बंगलों में कबाड़ियों ने काटे गए वाहनों के गोदाम भी बना लिए हैं। काटे गए वाहनों के पार्ट्स के बाद अब ज्यादातर कबाड़ी टायरों के काम में भी हाथ आजमा रहे हैं। ग्राहकों को चूना लगाने के इस धंधे में मोटा मुनाफा होने की वजह से कबाड़ियों को यह काम खूब रास आ रहा है।

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कोरिया और चीन के टायरों से मालामाल

कोरिया और चीन की बड़ी कंपनियों के थोडेÞ बहुत डिफेक्टिड टायरों ने सोतीगंज के कबाड़ी मालामाल हुए हैं। इन दोनों देशों का माल जिसमें टायर भी होते हैं, गुजरात के बंदरगाह पर उतरता है। वहां से सोतीगंज के कबाड़ी उन्हें खरीदते हैं। जो थोड़ा बहुत नुक्स उनमें होता है उसको मशीन से फिनिशिंग देकर दूर कर दिया जाता है। बाद में उसको नया बताकर बेच दिया जाता है। जो ग्राहक यह टायर खरीदता है उसको पता भी नहीं चल पाता कि टायर में तकनीकि कमी है। जब तक उसको इसकी जानकारी होती है तब तक काफी देर हो चुकी होती है।

मोदी रबड़ से भी खरीदते हैं टायर

मोदी रबड़ फैक्ट्री से भी सोतीगंज के कबाड़ी डिफेक्टिड टायर क्रय करते हैं। दरअसल निर्माण के दौरान थोड़ी बहुत कमी इनमें रह जाती है। ऐसे टायरों को कंपनी अलग निकाल देती है। ऐसे माल को कबाड़ी खरीद लेते हैं। उसके बाद अपने यहां लगी मशीनों पर इन टायरों को फिनिशिंग देने का काम किया जाता है।

डिफेक्टिड टायरों को नया बताकर उन पर जो भी जीएसटी बनती है उसको ग्राहकों से वसूला जाता है। टैक्स वसूला तो जाता है, लेकिन जरूरी नहीं कि जो टैक्स वसूला जाता है वो जीएसटी विभाग में जमा भी किया जाए। टैक्स चोरी के लिए सोतीगंज के कबाड़ी पहले से ही बदनाम हैं।

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