- फूड सेल की जांच में पाए गए थे मेरठ आपूर्ति विभाग के दोनों अफसर दोषी
- डीलरों के खिलाफ एफआईआर मगर अधिकारियों को दी जा रही है रियायत
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: आयुक्त खाद्यान के निर्देश के बावजूद फर्जी राशन कार्ड मामले में दोषी पाए गए तत्कालीन डीएसओ विकास गौतम व आपूर्ति विभाग में तैनात सप्लाई इंस्पेक्टर अजय कुमार के खिलाफ एफआईआर के बजाए अफसर उन्हें बचाव का मौका देने के लिए टाल मटोल कर रहे हैं। आयुक्त खाद्यान मनीष चौहान ने विगत 21 सितंबर 020 को एक पत्र जिलाधिकारी मेरठ को लिखा है।
इस पत्र में शासन के फूड सेल के एसपी दयानंद मिश्रा आईपीएस की संस्तुति का हवाला देते हुए तत्कालीन डीएसओ विकास गौतम, एआरओ नरेन्द्र कुमार व सप्लाई इंस्पेक्टर अजय कुमार के खिलाफ एफआईआर के निर्देश दिए हैं।
फूड सेल ने मई 2018 से लेकर जुलाई 2018 राशन कार्ड यूनिट काटे जाने के बाद भी काटे गए यूनिट पर खाद्यान का उठान कर काला बाजारी के ठोस साक्ष्य पकडेÞ जिनके आधार पर आपूर्ति विभाग के डीएसओ, एआरओ व सप्लाई इंस्पेक्टर समेत बड़ी संख्या में राशन डीलरों के खिलाफ एफआईआर की संस्तुति की है।
फूड सेल के एसपी की संस्तुति के आधार पर ही आयुक्त खाद्यान मनीष चौहान ने जिलाधिकारी मेरठ को 21 सितंबर को भेजे गए पत्र में फूड सेल की जांच के आधार पर आरोपियों पर एफआईआर कराने के निर्देश जारी किए हैं। लेकिन करीब 70 दिन बाद भी अभी तक केवल डीलरों के खिलाफ तो एफआईआर दर्ज करायी गयी है किसी अधिकारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं करायी गयी है।
इसके अलावा आयुक्त खाद्यान ने प्राइवेट आपरेटर शाहनवाज के खिलाफ भी गंभीर धाराओं में एफआईआर के निर्देश दिए हैं। इसको लेकर कुछ डीलर हाईकोर्ट में रिट दायर करने की तैयारी में हैं। वहीं आरोपी बनाए गए एआरओ नरेन्द्र कुमार रिटायर्ड हो चुके हैं।
उधर, इस संबंध में डीएसओ का कहना है कि फूड सेल ने जांच कर कर विकास गौतम, नरेन्द्र कुमार व अजय कुमार के खिलाफ एफआईआर की बात कही है। लेकिन विभाग ने तय किया है कि एक विभागीय जांच भी करा ली जाए उसके बाद ही एफआईआर का निर्णय लिया जाएगा। इस मामले को लेकर लखनऊ में भी अधिकारियों में मंथन चल रहा है। इन दिनों डीएमओ लखनऊ डेरा डाले हैं। जल्द ही कार्रवाई होगी।