- ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने और रिन्यूवल की प्रक्रिया जल्द होगी शुरू
- जिले से रोज 250 डीएल बनने आते हैं आरटीओ कार्यालय पर
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: संभागीय परिवहन कार्यालय पर वाहनों से जुड़े सभी कार्य होते हैं, जिनमें ड्राइविंग लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया भी शामिल है, लेकिन आरटीओ कार्यालय पर अन्य कार्यों के लोड की वजह से डीएल बनने में समय लगता है। 10 मार्च के बाद डीएल बनने की प्रक्रिया आईटीआई में शुरू होने जा रही है।
शास्त्रीनगर स्थित आरटीओ कार्यालय में रोज ही डीएल से जुड़े कार्य को लेकर बड़ी संख्या में लोग आते हैं। इनमें से केवल नए लाइसेंस बनवाने के लिए ही ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों से 250 से अधिक व्यक्ति रोज आते हैं। वहीं, आरटीओ कार्यालय पर अधिक काम होने के कारण डीएल की प्रक्रिया में काफी समय लगता है।
इसको लेकर जल्द ही यहां से डीएल से जुड़े सभी कार्य आईटीआई में शिफ्ट होने जा रहे हैं। 10 मार्च को चुनावी मतगणना के समाप्त होने के बाद किसी भी समय इस प्रक्रिया की जगह बदल दी जाएगी। आईटीआई साकेत में डीएल बनने से जुड़े सभी कार्य लगभग पूरे हो चुके हैं।
केवल सेंसर लगने बाकी है। आरआई राहुल शर्मा ने बताया कि आरटीओ कार्यालय में ड्राइविंग लाइसेंस से जुड़े कार्य जैसे रिन्यूवल के 50, लर्निंग के 100 व 100 ही परमानेंट डीएल से जुड़े लोग रोज पहुंचते हैं। इसके साथ ही आरटीओ में लाइसेंस बनने से पहले होने वाले टेस्ट प्रक्रिया को भी पूरा करना पड़ता है। इसके लिए आईटीआई में बने टैस्टिंग स्थल पर आवेदक को आना होता है, जिसके बाद यहां पर उसका टेस्ट होता है। टेस्ट पास करने के बाद ही डीएल बनने की प्रक्रिया पूरी होती है।
क्या है डीएल की फीस?
सबसे पहले लर्निंग लाइसेंस बनता है। जिसमें टू-व्हीलर व फोर व्हीलर की फीस 350 रुपये हैं। इसके के बाद परमानेंट होने पर सरकारी फीस एक हजार रुपये है। अगर इसमें देरी हो जाए तो 400 रुपये की लेट फीस भी देनी होती है।
आॅनलाइन है डीएल की प्रक्रिया
डीएल बनवाने के लिए फार्म भरने से लेकर फीस जमा होने तक की सारी प्रक्रिया आॅनलाइन है, लेकिन टेस्ट देने व सिस्टम में एंट्री होने के लिए आवेदक को आरटीओ कार्यालय आना होता है, लेकिन वहां पर समय अधिक लगता है, अब आवेदक को इससे भी छुटकारा मिलने जा रहा है। 10 मार्च के बाद कभी भी इसके लिए आईटीआई में काम शुरू होे जाएगा।