- कब्जाधारकों व नगर पंचायत के बीच चली 25 बरस मुकदमें बाजी
- कोर्ट के आदेश पर बेदखल किए गए भू माफिया
जनवाणी संवाददाता |
फलावदा: पिछले कई दशकों से भूमाफियाओं के कब्जे में चल रही नगर पंचायत की बेशकीमती भूमि न्यायालय के हुक्म पर नगर पंचायत को मिल गई। उक्त भूमि पर कब्जे को लेकर सियासी रसूखदारी के कारण 25 वर्षों से चली आ रही नूरा कुश्ती का भी अंत हो गया। नगर में कई स्थानों पर अवैध कब्जे नगर पंचायत के लिए चुनौती बने हुए है।
कस्बे में नगर पंचायत की भूमि पर कई दशकों से अवैध कब्जे किए जाने की परंपरा चली आ रही है। पंचायत की सत्ता में रसूख रखने वाले भूमाफिया बेशकिमती जमीनों पर कब्ज़ा करके कानूनी दाव पेंच से खेल खेलते आ रहे है। नगर पंचायत की भूमि पर अवैध कब्जे करने के बाद कोर्ट में वाद दायर करके मामले को लटकाए जाने का खेल काफी दिनों से चला आ रहा था। कोर्ट में यह सब सुनियोजित चला आ रहा था।
नगर पंचायत व भू माफिया मुकदमे बाजी के नाम पर नूरा कुश्ती खेलते आ रहे थे। अभिलेखों में दर्ज नगर पंचायत की भूमि खसरा संख्या 117, 459, 1556 पर कब्जे को लेकर मुकदमे चल रहे थे। नगर पंचायत की मज़बूत पैरवी के चलते गत दिनों न्यायालय सिविल जज द्वारा कब्जा धारक पक्षकारों की अदम पैरवी में इन वाद को निरस्त कर दिया। कोर्ट के आदेश पर राजस्व विभाग ने जमीनों को खाली कराकर नगर पंचायत के कब्जे में सुपुर्द करा दिया। मुकदमेबाजी के चलते 25 सालों तक कब्जे में रही सरकारी बेशकिमती ज़मीन पर नगर पंचायत ने आपने बोर्ड लगवा दिए।
बताया जा रहा है कि सरकारी यह ज़मीन नगर पंचायत द्वारा सजगता से की गई पैरवी के परिणाम स्वरूप खाली हुई है। कब्जे को लेकर बरसों से चली आ रही नूरा कुश्ती पर भी विराम लग गया। यह बात दीगर है कि कस्बे में अवैध कब्जों को बाड़ सी आई हुई है। दर्जनभर स्थानों पर अवैध कब्जे चले आ रहे हैं लेकिन, इन अवैध कब्जों को मुक्त कराना बड़ी चुनौती है। चेयरमैन अशोक सैनी ने कहा है कि सरकारी सभी जमीनें कब्जा मुक्त कराई जाएगी।