- कार्य परिषद की बैठक में लगी मुहर
- परिसर में अभी तक बीए एलएलबी की हो रही थी पढ़ाई
- बैठक में पीएचडी परीक्षा के लिए शुल्क भी हुआ निर्धारित
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में मंगलवार को कोविड-19 महामारी को दृष्टिगत रखते हुए सामाजिक दूरी का पालन करते हुए परिसर स्थित बृहस्पति भवन में कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला की अध्यक्षता में कार्य परिषद की एक बैठक आयोजित की गई। जिसमें निम्नलिखित निर्णय लिए गए।
बैठक के दौरान 26 फरवरी और 23 मार्च को हुई परीक्षा समिति व 24 मार्च को सपंन हुई वित्त समिति की बैठक में लिए गए निर्णयों की संपुष्टि की गई। वहीं विश्वविद्यालय परिसर स्थित तृतीय श्रेणी व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की परिवीक्षा अवधि पूर्ण होने पर स्थायीकरण करने का निर्णय लिया गया और 14 पीएचडी व 1 एलएलडी छात्र को शोध उपाधि प्रदान करने का निर्णय लिया भी बैठक में लिया गया।
विवि द्वारा पीएचडी के लिए कराए जाने वाले आॅनलाइन परीक्षा का पंजीकरण शुल्क निर्धारित किया कर दिया गया है। जिसमें जनरल कैटेगरी 2.5 हजार रुपये, ओबीसी 2 हजार और एससी कैटेगरी के लिए 1500 रुपये पंजीकरण शुल्क निर्धारित किया गया है। केएस जैन इंस्टीट्यूट आॅफ मैनेजमेंट मोदीनगर संस्थान में संचालित स्वयं वित्त पोषित योजना के अंतर्गत बीबीए तथा बीसीए पाठ्यक्रम की संबद्धता समाप्त करने का निर्णय लिया गया वही इंस्टीट्यूट आॅफ एजुकेशन एंड टेक्नोलॉजी के अनुरोध पर संस्थान में संचालित स्वयं वित्त पोषित योजना के अंतर्गत बीएससी गृह विज्ञान पाठ्यक्रम की संबद्धता समाप्त करने का निर्णय भी लिया गया।
विश्वविद्यालय परिसर स्थित इंस्टीट्यूट आॅफ लीगल स्टडी में एलएलबी तीन वर्षीय पाठ्यक्रम संचालित करने का निर्णय लिया गया। विश्वविद्यालय परिसर मेरठ द्वारा कुछ संशोधनों के साथ एसएसआर रिपोर्ट पुन: सम्मिट करने का निर्णय भी दिया गया। विश्वविद्यालय परिसर व उससे संबद्ध महाविद्यालयों में संचालित होने वाले कौशल विकास पाठ्यक्रम का शुल्क निर्धारित किया गया जिसमें प्रति पाठ्यक्रम 250 रुपये शुल्क लिए जाने का निर्णय लिया गया है।
वहीं विवि परिसर व उससे संबंधित कॉलेजों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं के समस्त अंक तालिकाओं का ओके विवरण डीजी लॉकर नेट पर अपलोड किए जाने का निर्णय लिया गया। कार्यपरिषद की बैठक में प्रति कुलपति प्रो. वाई विमला, वित्त अधिकारी सुशील गुप्ता, कुलसचिव धीरेंद्र वर्मा, परीक्षा नियंत्रक डॉ. अश्वनी शर्मा, शासन द्वारा नामित कार्यपरिषद सदस्य डॉ. दर्शन लाल अरोड़ा, डॉ. अरुण सिंह, डॉ. हरिभाऊ गोपीनाथ खंडेकर, प्रो. हरे कृष्णा, प्रो. दिनेश कुमार, प्रो. प्रशांत कुमार तथा प्रेस प्रवक्ता मितेंद्र गुप्ता आदि मौजूद रहे।