Monday, June 30, 2025
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अब दिल्ली में नहीं चलेंगी यह गाड़ियां, केजरीवाल सरकार ने लगाए प्रतिबंध

जनवाणी ब्यूरो |

नई दिल्ली: दिल्ली परिवहन विभाग ने पुलिस की मदद से शहर में बीएस3 और बीएस4 डीजल चार पहिया वाहनों के चलने पर रोक लगाने के लिए 120 से अधिक इनफोर्समेंट टीम (प्रवर्तन दल) तैनात किए हैं। इस कदम का उद्देश्य शहर के बिगड़ते वायु प्रदूषण के स्तर को रोकना है। वायु प्रदूषण के कारण केंद्र के वायु गुणवत्ता पैनल ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में अधिकारियों को निर्माण और विध्वंस गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने के साथ-साथ उत्सर्जन मानदंडों के साथ अनुपालन नहीं करने वाले वाहनों के चलने जैसे प्रतिबंधों को लागू करने का निर्देश दिया है।

प्रवर्तन दल वाहन डेटाबेस में वाहनों के पंजीकरण नंबर अपलोड करके और उनके प्रकार और अन्य विशिष्टताओं की जांच करेंगे। परिवहन विभाग के एक अधिकारी ने कहा, “सभी 120 प्रवर्तन दल प्रदूषण से संबंधित विभिन्न उपायों को लागू करने में लगे हुए हैं।”

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय रविवार को एक उच्च स्तरीय बैठक में GRAP (ग्रेप) के तीसरे चरण के तहत लागू किए जाने को लेकर कई फैसले किए। दिल्ली की वायु गुणवत्ता रविवार को भी बेहद खराब श्रेणी में रही। कुछ इलाकों में यह गंभीर श्रेणी में पहुंच गई। रविवार सुबह 9 बजे दिल्ली का औसत एक्यूआई 367 और शाम 4 बजे 352 दर्ज किया गया। शनिवार को 24 घंटे का औसत एक्यूआई 397 रहा था, जो जनवरी के बाद से सबसे खराब है।

दिल्ली के आनंद विहार इलाके में रविवार को एक्यूआई 449 पर पहुंच गया। मौसम विभाग का कहना है, आने वाले दिनों में हवा की धीमी गति और पराली जलाने के बढ़े मामलों से स्थिति और बिगड़ सकती है। दीपावली में गुरुवार को यह 354, बुधवार को 271, मंगलवार को 302 और सोमवार को 312 था।

सरकार ने लिए कई फैसले

केंद्रीय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) के आदेश पर दिल्ली में ग्रेप के तीसरे चरण की पाबंदियों को लागू करने का निर्णय लिया गया है। राजधानी में प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए दिल्ली सरकार ने निर्माण एवं विध्वंस कार्यों पर रोक लगा दी है। निर्माण कार्यों पर रोक की निगरानी के लिए 586 टीमें बनाई गई हैं। पानी के छिड़काव के लिए 521 मशीनें, 233 एंटी स्मॉग गन और 150 मोबाईल एंटी स्मॉग गन को लगाया गया है।

राष्ट्रीय राजधानी की सरकार ने शहर में वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के उद्देश्य से एक महीने तक चलने वाले अभियान – ‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ की भी योजना बनाई थी। हालांकि, एलजी से मंजूरी में देरी के कारण, इस अभियान की लॉन्चिंग को स्थगित कर दिया गया है।

इस अभियान में, वॉलंटियर्स ट्रैफिक लाइट के ग्रीन होने का इंतजार कर रहे ड्राइवरों को अपने वाहनों को बंद करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। राय ने पहले सूचित किया है कि 100 प्रमुख यातायात चौराहों पर अभियान के कार्यान्वयन की निगरानी के लिए इस वर्ष 2,500 नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों को तैनात किया जाएगा। प्रत्येक ट्रैफिक सिग्नल पर दो शिफ्टों में 10 अन्य वॉलंटियर तैनात किए जाएंगे। उन्होंने यह भी बताया था कि मुख्य ध्यान शहर के 10 बड़े ट्रैफिक चौराहों पर रहेगा, जहां 20-20 वॉलंटियर तैनात रहेंगे।

इससे पहले 25 अक्तूबर से पीयूसीसी के बगैर पेट्रोल समेत दूसरे ईंधन भी नहीं दिए जाने की तैयारी कर ली गई, लेकिन लागू होने में देरी हुई।

नियमों की अनदेखी पर जुर्माना

प्रदूषण जांच के लिए वाहन मालिकों को जागरूक किया जा रहा है ताकि नियमों की अनदेखी न हो। बावजूद इसके कुछ वाहन मालिकों की बेफिक्री के कारण उन्हें जुर्माना का भुगतान करना पड़ रहा है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि वाहनों से होने वाले प्रदूषण पर शिकंजा कसने के लिए रोजाना कार्रवाई चल रही है। नियमों की अनदेखी करने वालों पर 10 हजार रुपये का जुर्माने का प्रावधान है।

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