- साइबर क्राइम थाना पुलिस ने गाजियाबाद स्थित आरोपी को उसके मकान के पास से किया गिरफ्तार
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: मोबाइल फोन पर लिंक भेजकर खाते से एक लाख रुपये साफ करने वाले साइबर ठग गैंग के एक सदस्य को पुलिस ने दबोच लिया। साइबर क्राइम थाना पुलिस ने आरोपी को उसके गाजियाबाद स्थित मकान के पास से गिरफ्तार किया। आरोपी ने बताया कि वह अपने जानकारों को बातों में फंसाकर खाता खुलवाया है और फिर उन खातों को साइबर ठगों को बेच देता है। पुसिस ने आरोपी को कोर्ट में पेश किया। यहां से उसे जेल भेज दिया गया।
लोहियानगर के जमना नगर निवासी सुहैल खान ने साइबर क्राइम थाने में गत 10 नवंबर को शिकायत कर बताया था कि उसके फोन के व्हाट्सएप नंबर पर अज्ञात नंबर से एक लिंक भेजा गया। जिस समय लिंक आया, उस वक्त उसका फोन बच्चों के पास था। लिंक के माध्यम से साइबर ठगों ने उसके बैंक खाते से चार बार में एक लाख रुपये साफ कर दिए। पुलिस ने इस मामले में मुकदमा दर्ज करते हुए कार्रवाई शुरू की। जांच करने पर गाजियाबाद के गांव पसोडा निवासी अकबर का नाम सामने आया। जिसे पुलिस ने उसके घर के पास से ही गिरफ्तार कर लिया।
पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह अनजान लोगों को पैसे का लालच देकर उसने खाता खुलवाता था। उन खातों को साइबर ठग सोमीन उर्फ लाला और समीम उर्फ काला को बेच देता था। पकड़े गए आरोपी अकबर ने बताया कि जिस खाते में पैसे गए थे वह महेंद्र सैनी निवासी ग्राम पसोंडा का हैं। उसने साथ ले जाकर ही महेंद्र से यह खाता खुलवाया था। इसके बारे में गांव के सोमीन उर्फ लाला ने कहा था। सोमीन अकबर को लेकर महेन्द्र सैनी की परचून की दुकान पर गया था। सोमीन ने समझाया था कि इसका खाता खुलवा देते है।
सोमीन ने अकबर को खाते में अपना मोबाइल नंबर रजिस्टर्ड करवाने की बात कही। साथ ही पास बुक और सिम उसे देने के लिए कहा। जिसकी एवज में सिम और खाता खुलवाने के 2000 रुपये देने की बात तय हो गई। जिसके बाद सोमीन और अकबर महेन्द्र सैनी की दुकान पर गए और उसे प्रधान मंत्री योजना के तहत 15 हजार रुपये खाते में आने की बात कहकर विश्वास में लिया। सोमीन महेन्द्र को ले जाकर कर्नाटका बैंक सीमापुरी बार्डर पर पहुंचे। जिसके बाद अकबर महेंद्र सैनी को अंदर लेकर गया और उसका खाता खुलवाया।
खाते में अपने दोनों नंबर रजिस्टर्ड करवा दिए। जिस पर आॅनलाइन बैंकिग, यूपीआई रजिस्टर्ड कर दोनों इस्तेमाल करते रहे। अकबर ने बताया कि बैंक एटीएम, पासबुक व रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर का सिम सोमीन उर्फ लाला ने उससे लवे लिया था। अकबर ने बताया कि समीम और सोमीन अपना गैंग बनाकर साइबर फ्रॉड करते हैं। उसका पैसा इधर-उधर के खातों में डालकर पासबुक, चेकबुक और आॅनलाइन माध्यम से नकदी निकाल लेते हैं।
अकबर ने जानकारी दी कि समीम के कहने पर ही सेमीन उसके पास आया था। जिसके बाद महेंद्र सैनी का खाता खुलवाया था। महेंद्र सिंह के पासबुक मांगने पर भी उसे नहीं दी गई। अकबर ने बताया कि सोमीन और समीम का यही धंधा हैं। इन्होंने बहुत सारे लोगों के खाते खुलवाकर उनकी पासबुक व एटीएम लिए हुए हैं। इनके गैंग में समीम का जीजा तालीब और तालीब का जीजा सिप्पा भी शामिल है, जो जेल गए हैं।
नवीन मंडी में बेच रहे थे ब्रांडेड कंपनियों की डुप्लीकेट प्रेस
मेरठ: टीपी नगर पुलिस ने नवीन मंडी में बेचने के लिए लाई गई ब्रांडेड कंपनियों की नकली प्रेस और सबमर्सिबल पंप बरामद किए। पुलिस का कहना है कि सभी सामान ब्रांडेड कंपनियों का नकली सामान था। सामान बेचने वाले आरोपी फैसल को पकड़ लिया है। बाकी आरोपियों की तलाश की जा रही है। टीपी नगर पुलिस को सूचना मिली कि कुछ लोग ब्रांडेड कंपनी की प्रेस और सबमर्सिबल पंप बेचने के लिए नवीन मंडी में आए हैं।
इस दौरान मुंबई की एक टीम के मैनेजर सुमित आर्य भी टीम के साथ थाने पहुंचे। पुलिस ने एक दुकान में छापेमारी कर वहां से लाखों रुपये की नकली प्रेस बरामद की। पुलिस ने प्रेस लाने वाले फैसल नाम की युवक को भी पड़ा है। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ कॉपीराइट का मुकदमा दर्ज किया। इंस्पेक्टर टीपी नगर सुबोध सक्सेना का कहना है कि आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।