- दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज न करने पर पर कोर्ट ने एसएसपी से भी किया जवाब तलब
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: न्यायालय अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कक्ष संख्या-6 विनोद शर्मा ने थाना लालकुर्ती क्षेत्र में दुष्कर्म के आरोप में पीड़िता के प्रार्थना पर मुकदमा दर्ज करने के आदेश देते हुए थानाध्यक्ष द्वारा एफआईआर दर्ज न किए जाने पर थानाध्यक्ष के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए। वहीं, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से भी पीड़िता की शिकायत पर की गई कार्रवाई से न्यायालय को अवगत कराए जाने के आदेश दिए हैं।
न्यायालय अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट संख्या-6 की अदालत में जिला अजमेर राजस्थान की रहने वाली एक पीड़िता ने 156 (3) प्रार्थना पत्र दिया की मेरठ में एक ट्रैवल एजेंसी के मालिक खूनी पुल के रहने वाले ने उसे फुसलाकर उसका मोबाइल नंबर ले लिया था। एक अप्रैल 2022 को उसे अपने साथ ले गया और कोल्ड ड्रिंक में नशे की दवाई डाल कर उसे पिलाई, जिससे वह बेहोश हो गई और बेहोशी में उसके साथ आरोपी ने दुष्कर्म किया।
आरोपी ने उसके नग्न अवस्था के फोटो और वीडियो भी बनाए। उन्हें जग जाहिर करने की धमकी देते हुए लगातार बलात्कार करता रहा। पीड़िता ने परेशान होकर थाना लालकुर्ती में मुकदमा दर्ज कराए जाने के लिए प्रार्थना पत्र दिया। उसके बाद एसएससी को भी प्रार्थना पत्र दिया। पुलिस अधिकारियों द्वारा एफआईआर दर्ज न किए जाने पर न्यायालय में 156 (3) प्रार्थना पत्र दिया। न्यायालय ने मामले को बेहद गंभीर पाते हुए आरोपी के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए।
इस प्रकरण में न्यायालय ने थाना प्रभारी लालकुर्ती के द्वारा एफआईआर दर्ज नहीं किए जाने के कृत्य को उसके पद के अधिकारों के विपरीत माना। न्यायालय ने एसएसपी मेरठ को आदेशित करते हुए थाना प्रभारी लालकुर्ती के विरुद्ध 166ए भारतीय दंड संहिता में मुकदमा दर्ज कर क्षेत्राधिकारी स्तर के पुलिस अधिकारी से विवेचना कराए जाने के आदेश दिए। वहीं, न्यायालय ने एसएसपी मेरठ द्वारा यह भी न्यायालय को स्पष्ट करने के आदेश दिए की पीड़िता द्वारा उन्हें की गई शिकायत पर उनके स्तर से क्या कार्रवाई की गई।