- प्रस्तावित सर्किल रेट पर आने वाली आपत्तियों की संख्या 34 तक पहुंची
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: करीब छह वर्ष बाद शुरू की गई सर्किल रेट में वृद्धि की प्रक्रिया अभी परवान चढ़ती नजर नहीं आ रही है। अभी तक मामला नई दरों के प्रस्ताव और इनको लेकर की गई आपत्तियों के निस्तारण से आगे नहीं बढ़ सका है। नए सर्किल रेट कब तक लागू हो सकेंगे, इसको लेकर अभी तक अधिकारी कुछ भी नहीं कह पा रहे हैं। फिलहाल पुराने सर्किल रेट के आधार पर ही भूमि के लेन-देन का काम चल रहा है। हालांकि छह साल से सर्किल रेट जस के तस हैं, लेकिन इस बीच मेरठ जनपद में राजस्व का लक्ष्य लगभग दोगुना बढ़ाया जा चुका है।
वर्ष 2016 के अगस्त माह में पुनर्निर्धारण के बाद सर्किल रेट लागू किए गए थे। तब से लेकर आज तक इनमें कोई बदलाव नहीं किया गया है। इस वर्ष नई दरें निर्धारित करने के लिए मांगे गए प्रस्ताव के आधार पर सब रजिस्ट्रार और तहसील टीम ने अपनी-अपनी रिपोर्ट डीएम को सौंप दी है। जुलाई माह के आखिरी सप्ताह में चली इस प्रक्रिया के दौरान डीएम दीपक मीणा ने प्रस्तावित दरों को लेकर आठ अगस्त तक आपत्तियां मांगी थीं।
सहायक आयुक्त स्टाम्प वीके तिवारी के मुताबिक आठ अगस्त के बाद भी आपत्ति और सुझाव का सिलसिला जारी रहा है। उन्होंने बताया कि अभी तक 34 लोगों ने सर्किल रेट की नई दरों को लेकर अपनी आपत्तियां या सुझाव प्रेषित किए हैं। इनमें बहुत से लोगों ने सर्किल रेट में 20 से 40 फीसदी तक प्रस्तावित वृद्धि को सही नहीं माना है।
उनकी मांग है कि सर्किल रेट में 10 से लेकर 20 प्रतिशत की वृद्धि पर्याप्त है। क्योंकि पिछले दो साल कोरोना की भेंट चढ़ गए। जिसके कारण प्रोपटी के रेट बढ़ने का नाम ही नहीं ले रहे हैं। इनका सुझाव है कि गावं और शहर की सपंत्ति का आकलन करते हुए सर्किल रेट में 10 से 20 प्रतिशत के मध्य बढ़ोत्तरी की जाए।
इसके विपरीत कुछ आपत्तिकर्ता ऐसे भी रहे, जिन्होंने अपने क्षेत्र में सर्किल रेट में इजाफा करने की मांग उठाई है। ऐसी मांग करने वालों में ऐसे गांवों की संख्या अधिक रही है, जहां अभी कालोनियां बनाने का काम शुरू किया जा रहा है। इसके पीछे एक कारण यह भी माना जा रहा है कि किसी सरकारी कार्य के लिए भूमि अधिगृहित किए जाने की स्थिति में उन्हें अच्छा-खासा मुआवजा मिल सकता है।
सहायक आयुक्त स्टाम्प वीके तिवारी ने बताया कि अभी तक मिली 34 आपत्तियों के निस्तारण के संबंध में कोई निर्णय अभी तक नहीं लिया जा सका है। उनका कहना है कि प्रस्तावित दरों पर आई आपत्तियों के निस्तारण के बाद ही नई दरों के लागू होने का मार्ग प्रशस्त होगा। वहीं जिलाधिकारी दीपक मीणा से इस बारे में बात की गई, उनका कहना है कि एक अगस्त से नए सर्किल रेट लागू किए जाने के बारे में योजना थी।
यह तिथि निकल जाने के बाद अब नई तिथि के बारे में शासन के आदेश के अनुसार ही आगे की कार्यवाही की जाएगी। उनका कहना है कि प्रस्तावित दरों को लेकर आई आपत्तियों के निस्तारण के बारे में भी अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
छह साल से दरों में ठहराव, राजस्व का लक्ष्य हुआ लगभग दोगुना
सहायक आयुक्त स्टाम्प वीके तिवारी ने बताया कि जिस समय वर्ष 2016 में आखिरी बार सर्किल रेट में वृद्धि हुई थी, उस वर्ष मेरठ जनपद के लिए रजिस्ट्री आदि से वित्तीय वर्ष 2016-17 में 570 करोड़ के राजस्व का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। वर्ष 2019-20 में यह लक्ष्य बढ़ाकर 785.19 करोड़ कर दिया गया।
इससे अगले वित्तीय वर्ष 2021-22 में लक्ष्य और बढ़ाकर 863.80 करोड़ वार्षिक कर दिया गया। जबकि चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 में लक्ष्य 1019.90 करोड़ रुपये कर दिया गया है। इन लक्ष्यों को देखते हुए स्पष्ट है कि भले ही वर्ष 2016 में लागू की गई सर्किल रेट की दरों में इजाफा न हुआ हो, लेकिन रजिस्ट्री से मिलने वाले राजस्व के लिए छह साल के दौरान लगभग दोगुना लक्ष्य दिया जा चुका है।