- केरल में यूनिवर्सल योग कॉन्शियसनेस के ग्लोबल कॉन्क्लेव का उद्घाटन
जनवाणी संवाददाता |
सहारनपुर: केरल के त्रिचूर में आयोजित पांच दिवसीय ग्लोबल योग महोत्सव एवं विश्व शांति कॉन्क्लेव का उद्घाटन किया यहां के योग गुरु पद्मश्री स्वामी भारत भूषण ने। उन्होंने कहा कि ग्लोबल योग फेस्ट की मूल भावना का उद्गम भारतीय ऋषियों की सर्वे भवन्तु सुखिन: की अवधारणा से जुड़ा है। इसीलिए प्रधानमंत्री मोदी की पहल पर अब पूरा विश्व इसे सिर्फ कसरत नहीं बल्कि जीवन शैली के रूप में अपनाने के लिए आतुर है। ऐसे में भारतीय योग साधकों व गुरुओं को अधिक प्रमाणिक होने की आवश्यकता है।
योग गुरु ने प्रेस को जारी रिलीज में कहा है कि उन्होंने त्रिचूर में इस बात पर चिंता प्रकट की है कि योग की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए देश में छद्म योगियों की बाढ़ सी आ गई है। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि प्रधानमंत्री जनता को शोषण से बचाने के लिए जिस प्रकार राजनीति में पांव पसारते सिंडिकेट से देश को बचाना चाहते हैं, उन्हें योग विद्या के नाम पर पांव पसारते सिंडिकेट के प्रति भी अपनी जागरूकता का परिचय देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि लोकेष्णा और लालच ही अपराध को जन्म देते हैं, योगियों को इससे बचना चाहिए। इंडियन योग एसोसिएशन की गवर्निंग काउंसिल सदस्य योग गुरु भारत भूषण ने कहा कि प्रकाश हवा व वर्षा की तरह ही योग सभी को भेदभाव रहित रूप से जीवन देता है।
उन्होंने लोनावाला के वरिष्ठ योग विशेषज्ञ डॉक्टर एम वी भेले, कैलिफोर्निया से प्रतिभागिता कर रहे योगी अमृत देसाई, इटली के स्वामी सूयार्नंद सरस्वती, ब्रिटेन की योगिनी यूसी दिव्य प्रभा, फ्रांस के योगी एंड्रेजी, स्वामी भूमानंद तीर्थ, स्वामी बोधि चिदानंद, डॉ आनंद बाल योगी भवानानी, जापान से गणेश गिरि, पोलैंड में राजदूत रहे योगी सी एम भंडारी, पंडित राधेश्याम मिश्रा व अमेरिका से योगी सत्यजीत जायल, वैद्यूभूषण कमल नयन अग्रवाल, डॉ कृष्णन नंबूदरी, डॉ हर्षजन पजायतील के अलावा जैन मुनि लोकेश मुनि की भी सराहना की जो योग प्रेम के कारण कोरोना काल में भी केरल पहुंच गए।