- मुसलमान सब्र से काम लें और किसी भी उग्र प्रतिक्रिया से बचें
जनवाणी संवाददाता |
देवबंद: इस्लामी तालीम के प्रमुख केंद्र दारुल उलूम देवबंद के मोहतमिम मुफ़्ती अबुल कासिम नौमानी ने कहा कि कुरआन करीम में बदलाव की गुंजाइश समझने वाले लोग इस्लाम से खारिज हैं। कुरआन के खिलाफ कोर्ट में रिट दायर कर करोड़ो मुसलमानों की भावनाएं आहत करने वाले इस्लाम के दुश्मन रिज़वी के खिलाफ भारत सरकार को कड़ी कानूनी कार्यवाही करनी चाहिए।
शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी द्वारा सुप्रीम कोर्ट में रिट दायर कर कुरआन की 26 आयतों को हटाए जाने की मांग से देश भर के मुसलमानों में भारी रोष है। शनिवार को दारुल उलूम देवबंद के मोहतमिम मुफ़्ती अबुल कासिम नौमानी ने जारी बयान में कहा कि कुरआन करीम अल्लाह का कलाम है जो पूरी दुनिया के लिए अमन और खेर का पैग़ाम है।
कहा कि हम वसीम रिज़वी की हरकत की पुरज़ोर मज़म्मत करते हैं और भारत सरकार से मांग करते है कि देश की दूसरी सबसे बड़ी आबादी की धार्मिक भावनाएं आहत करने वाले दुश्मन ए इस्लाम के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्यवाही की जाए। मुफ़्ती अबुल क़ासिम ने कहा कि जहां तक सुप्रीम कोर्ट का मामला है तो हमें यकीन है कि कोर्ट धार्मिक भावनाओं और संवेधानिक अधिकारों को ध्यान में रखते हुए रिट खारिज कर देगा।
उन्होंने यह भी कहा कि सस्ती लोकप्रियता पाने वाले ऐसे नापाक लोग किसी भी हद तक गिर सकते हैं इसलिए मुसलमान सब्र से काम लें और किसी भी उग्र प्रतिक्रिया से परहेज़ करें। इतना ही इस्लाम के इस दुश्मन का नाम भी लेने से बचें ताकि वो अपने मकसद में कामयाब न हो सके।