जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: आज शनिवार को यूपी के सात खिलाड़ी अधिकारी बन गए हैं। इनमें से चार खिलाड़यों को डीएसपी का नियुक्ति पत्र मिला है। खिलाड़ियों पर योगी सरकार ने जमकर धनवर्षा भी की है। 189 खिलाड़ियों को 62 करोड़ रुपए दिए गए हैं। इनमें कई खिलाड़ियों को 75 लाख, डेढ़ करोड़ और तीन करोड़ रुपए तक की राशि मिली है। सबसे अधिक इनाम राशि साढ़े चार करोड़ रुपए मेरठ की पारुल चौधरी को मिले हैं। पारुल को यूपी में डीएसपी भी बनाया गया है। शनिवार को उन्हें लखनऊ के इंदिरा भवन में आयोजित कार्यक्रम में सीएम योगी के हाथों साढ़े चार करोड़ रुपए के चेक के साथ नियुक्ति पत्र मिला।
पारुल चौधरी ने एशियाई खेल में 5000 मीटर की दौड़ में स्वर्ण और 3000 मीटर स्टीपल चेज में रजत पदक जीता था। इस मौके पर सीएम योगी ने पारुल और यूपी के सम्मानित किए गए अन्य खिलाड़ियों की जमकर तारीफ भी की। पारुल, इस प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला हैं। गोल्डन गर्ल और उड़नपरी के नाम से मशहूर पारुल का जीवन संघर्षों से भरा रहा है। मेरठ के एक साधारण किसान परिवार की पारुल ने गांव में ही अपनी बड़ी बहन प्रीति के साथ खेलना शुरू किया था।
एथलीट किरण बालियान और पैरा पावर लिफ्टर जैनब खातून को मिला रानी लक्ष्मीबाई अवार्ड। इस मौके पर जैनब खातून को पैरा एशियन गेम्स में रजत पदक लाने पर 1.5 करोड़ की धनराशि और किरण बालियान को कांस्य पदक के लिए 75 लाख की धनराशि का चेक भी सौंपा गया।
पिता कृष्णपाल सिंह के कहने पर स्कूल की दौड़ प्रतियोगिता प्रतिभाग कर उन्होंने खेल के अपने सफर की शुरुआत की। वह लम्बे समय तक गांव की टूटी-फूटी सड़कों पर अभ्यास करती रहीं। बाद में कोच गौरव त्यागी के कहने पर पारुल ने स्टेडियम में अभ्यास शुरू किया। बताते हैं कि प्रैक्टिस के लिए पारुल अपने पिता के साथ सुबह पांच बजे वह मुख्य मार्ग तक पहुंचती थीं। वहां से वह टेम्पो या किसी अन्य वाहन से स्टेडियम तक जाती थीं एशियाई खेल में पारुल ने 5000 मीटर दौड़ के लिए अलग रणनीति बनाई थी।