एग्जाम के नाम से हर किसी को डर लगता है। फिर चाहें वो कोई छोटा बच्चा हो या कोई बड़ा बच्चा। हर माता पिता चाहते हैं कि उनके बच्चे परीक्षा में अच्छा करें अच्छे नंबरों से पास हों। लेकिन परीक्षा में अच्छे नंबर लाने का प्रेशर जितना बच्चों के ऊपर होता है उससे कहीं ज्यादा मां बाप पर होता है।
जैसे जैसे एग्जाम की डेट्स नजदीक आती जाती है वैसे वैसे स्टूडेंट्स भारी दबाव में आ जाते हैं और ऊपर से बढ़ता कॉम्पटिशन बच्चों पर और अधिक प्रेशर डालता है, जिससे अक्सर वे घबरा जाते हैं। एक पेरेंट होने के नाते जरूरी है कि आप कुछ बातों का ख़्याल रखें, ताकि एक्जाम टाइम आपके बच्चे के लिए बोझ न बनें और वो एग्जाम को हेल्दी तरीके से हैंडल कर सकें।
आइए जानते हैं कुछ टिप्स जो बच्चों को एग्जाम की तैयारी करवाने में करेंगे आपकी और आपके बच्चे की मदद:
-आॅनलाइन पढ़ाई करने का सबसे बड़ा नुकसान बच्चों के लिखने की गति का हुआ है। क्लास में पढ़ते समय बच्चे नोट्स बनाते हैं और होमवर्क करते हैं लेकिन आॅनलाइन पढ़ाई के चलते बच्चों के लिखने की आदत छूट गई है।
-पेपर समय पर पूरा हो सके उसके लिए लिखने की गति अच्छी होना जरूरी है, जिसका अभ्यास केवल लिख लिख कर याद करके ही किया जा सकता है। िइसलिए बच्चों को इसके लिए प्रेरित करें।
-अगर बच्चे को कोई सब्जेक्ट या टॉपिक समझ में नहीं आ रहा हो तो उनसे कहिए कि वह बिना देर किए आपसे, अपने टीचर, या फिर किसी फ्रेंड से पूछ लें।
-चित्रों, फ्लोचार्ट, डायग्राम जैसे विजुअल देखने में आकर्षित और समझने में आसान होते हैं। इनकी मदद से महत्वपूर्ण बिंदुओं को समझने और रिवीजन करने में आसानी होती है। इसलिए जरूरी है की पढ़ते समय महत्वपूर्ण बिंदुओं को फ़्लो चार्ट या डायग्राम की मदद से समझाया और याद कराया जाए। -बच्चे को एग्जाम की तैयारी के लिए एक रूटीन का पालन करने में मदद करें। रूटीन बनाने के लिए बच्चे को कहें की वो अपने स्कूल और ट्यूशन के अनुसार पढ़ाई का अलग से टाइम टेबल बनाएं।
-एग्जाम्स सिर पर हों, तभी पढ़ाई शुरू करेंगे, तो बहुत देर हो जाएगी। बेहतर होगा कि पहले से नियमित रूप से थोड़ा-थोड़ा पढ़ाया जाए, ताकि एग्जाम्स के वक़्त सिर्फ रिवाइज करना पड़े।
-बच्चे को पढ़ने का माहौल देने के लिए आप बच्चे को अलग कमरा दें ताकि पढ़ते समय बच्चों को डिस्टर्ब न हो। साथ ही जिस जगह पर बच्चे पढ़ रहे हों वहां आप प्लांट लगा सकते हैं। इससे वातावरण सकारात्मक महसूस होता है और पढ़ने में भी मन लगता है।
-बच्चों पर हमेशा अव्वल रहने का अनावश्यक दबाव न डालें। हर बच्चा अलग होता है और सबकी क्षमताएं भी दूसरे से अलग होती हैं। अपने बच्चे को मोटिवेट करें और उन्हें सफल हो चुके लोगों के स्ट्रगल की कहानियां सुनाएं। लेकिन उन्हें यह नहीं लगना चाहिए कि आप उन पर प्रेशर डाल रहे हैं।
-बच्चों से हमेशा पढ़ाई की ही बातें ना करती रहें। थोड़ी इधर-उधर की हल्की-फुल्की बातें करना बहुत अच्छे रिजल्ट दे सकता है। इससे बच्चे खुलकर आपको अपनी समस्या बता पाएंगे। आपको बस यह पता लगाना है कि आपके बच्चे की शिक्षा में क्या प्रॉब्लम आ रही है और इसे कैसे सॉल्व करना है।
-आपको बच्चे को बाहर लेकर जाना चाहिलए, एग्जाम के लिए पढ़ते हुए बच्चे बोर हो जाते हैं और उन्हें चेंज की जरूरत होती है। उनकी बोरियत को दूर करने के लिए आप बच्चे के साथ कहीं पास ही में घूमने जा सकते हैं। इससे बच्चों का मूड बेहतर होगा और वो फ्रेश मूड से पढ़ पाएंगे।
-बच्चे को हार और जीत के बारे में भी समझाना चाहिए कई बार बच्चे हार के डर से पढ़ना छोड़ देते हैं इसलिए आप उन्हें मोटिवेट करते रहें।
-बच्चों के स्कूल टीचर से नियमित रूप से संपर्क में रहें। अगर आप का बच्चा किसी विषय में परेशानी महसूस कर रहा है तो उसके टीचर से बात करें। -एग्जाम की तैयारी की धुन में बच्चे खाने-पीने, कपड़ों और कभी-कभी हाईजीन (साफ-सफाई) पर भी ध्यान नहीं दे पाते। आपको ध्यान रखना चाहिए कि बच्चा तीन से चार वक्त पौष्टिक डाइट ले, रोज नहाए और धुले हुए कपड़े पहनें। इन चीजों का ध्यान रखने से बच्चे की हेल्थ ठीक रहेगी।
-नींद पूरी होनी बेहद जरूरी है, वरना मस्तिष्क को आराम नहीं मिलेगा और ध्यान लगाने व याद करने में परेशानी आएगी। इसलिए आपको ये ध्यान देना है कि आपका बच्चा 7-8 घंटे की पूरी नींद ले।
-हर संभव कोशिश करें की आप के बच्चे की परीक्षा की तैयारी के लिए घर पे पढ़ाई का उचित माहौल बना रहे। जैसे की जब बच्चे पढ़ रहें हों तो ळश् बंद रहे और मेहमानों का एग्जाम के दौरान आना कम रहे।
-बच्चे को हर वक़्त पढ़ाई के लिए टोकती न रहें। एग्जाम नजदीक भी हों, तब भी उन्हें कुछ देर खेलने व टीवी देखने की आजादी दें।
एग्जाम के दौरान ऐसी कोई बात न कहें, जिससे बच्चे दुखी या तनावग्रस्त हो जाएं। उन्हें खुश रखने की कोशिश करें।
-दीप्ति