जी-7 देश 600 अरब डॉलर का करेंगे निवेश, भारत को लेकर बाइडन का बड़ा ऐलान
जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: जर्मनी में हो रही जी-7 देशों के शिखर सम्मेलन में दूसरे दिन यूक्रेन-रूस युद्ध के अलावा विकासशील देशों में ढांचागत परियोजनाओं का विकास, खाद्य सुरक्षा और आतंकवाद समेत विभिन्न महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों पर चर्चा हुई। इस दौरान जी-7 के नेताओं ने विकासशील देशों में ढांचागत परियोजनाओं के विकास के लिए वित्त जुटाने पर भी चर्चा की। जी-7 नेताओं ने घोषणा की है कि इसके लिए साल 2027 तक 600 अरब डॉलर का वित्त जुटाया जाएगा।
भारत को लेकर जो बाइडन ने की घोषणा
इस दौरन जो बाइडन ने भारत को लेकर कहा कि अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय विकास वित्त निगम (डीएफसी) उद्यम पूंजी कोष ओम्निवोर एग्रीटेक एंड क्लाइमेट सस्टेनेबिलिटी फंड-3 में तीन करोड़ डॉलर का निवेश करेगा। जिसका इस्तेमाल भारत में कृषि, खाद्य प्रणाली, जलवायु एवं ग्रामीण अर्थव्यवस्था से जुड़़े उद्यमों में निवेश के जिए किया जाएगा।
विकासशील देशों में ढांचागत परियोजनाओं में होगा निवेश
गौरतलब है कि शिखर सम्मेलन में रविवार को ‘वैश्विक अवसंरचना एवं निवेश भागीदारी’ (पीडीआईआई) योजना का अनावरण किया गया था। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने इसकी घोषणा की थी। उन्होंने कहा कि पीजीआईआई सभी के लिए फायदेमंद साबित होगी।
उन्होंने एक ट्वीट भी किया था। जिसमें उन्होंने कहा कि जी-7 के देश मिलकर 2027 तक करीब 600 अरब डॉलर जुटाएंगे। जिसे विकासशील देशों में महत्वपूर्ण ढांचागत परियोजनाओं में लगाया जाएगा। ये परियोजनाएं लोगों की जिंदगी को बेहतर बनाएंगी और सही मायने में उनके लिए लाभदायक साबित होंगी। उन्होंने कहा कि इससे सभी देशों की अर्थव्यवस्था को मदद मिलेगी।
चीन को जी-7 देशों का जवाब है पीडीआईआई
जी-7 देशों की इस पहल को चीन को जबाव के रूप में देखा जा रहा है। दरअसल, चीन ने पहले ही ‘बेल्ट एवं रोड इनिशिएटिव’ (बीआरआई) योजना के तहत कई देशों को ढांचागत परियोजनाओं के लिए भारी कर्ज दे रखा है। जी-7 देशों की इस योजना को चीन की इसी योजना के जवाब के रूप में देखा जा रहा है। चीन द्वारा बीआरआई योजना के तहत विकासशील देशों को बंदरगाह, सड़क एवं पुल बनाने के लिए कर्ज दिया जाता है।