- आधा दर्जन से ज्यादा हैंडपंप खराब
- हैंडपंप दुरुस्त कराने के लिए अधिकारियों के चक्कर काट रहे लोग
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: शहर और ग्रामीण अंचलों में स्थापित पेयजल इकाइयां दम तोड़ती नजर आ रही हैं। शहर से लेकर ग्रामीण अंचलों तक पेयजल संकट गहरा गया है। पानी की किल्लत बढ़ने के बाद प्रशासन ने ब्लॉक वार खराब हो चुके हैंडपंप की सूची मांगी है। कुछ हैंडपंप को रीबोर तो कुछ की छोटी मोटी तकनीकी खराबी दूर कर उन्हें उपयोग के लिए दुरुस्त किया जाएगा।
गांवों में पेय जल के लिए लगाए गए ज्यादातर हैंडपंप खराब है। गर्मी की वजह से हैंडपंप के सूखे हलक अब ग्रामीणों को खलने लगे हैं। शहर और गांवों में अधिकतर लोग सरकारी हैंडपंप के सहारे हैं। हैंडपंप खराब होने के बाद लोग हैंडपंप दुरुस्त कराने के लिए अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं।
गर्मी शुरू होते ही पानी के लिए लोग भटकने लगे हैं। सरकारी मशीनरी के हैंडपंप ठीक करवाने के दावे हवा-हवाई साबित हो रहे हैं। जिलेभर में करोेड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी हजारों से अधिक हैंडपंप खराब हैं। चिंता का विषय यह है कि हैंडपंपों के हलक सूखे होने के कारण आम लोगों के साथ-साथ राहगीरों की प्यास कैसे बुझेगी।
गर्मी का मौसम शुरू होते ही प्यास बुझाने को पानी की जरूरत होती है। नगर निगम की उप बस्ती माधवपुरम की जनता विभिन्न समस्याओं से ग्रहस्त है,यहां मुख्य समस्या पानी की और सफाई की है। समाजवादी पार्टी के पूर्व पार्षद अफजाल सैफी ने बताया कि वार्ड-48 माधवपुरम सेक्टर-तीन के ब्लॉक एक-बी एवं आसपास के इलाकों में आधा दर्जन से भी अधिक हैंडपम्प खराब पड़े हैं।
गिरता वाटर लेवल चिंता का विषय
शहर में गिरता वाटर लेवल शहरवासियों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। जबकि शहर में वाटर लेवल काफी नीचा चले जाने से हैंडपम्प के गले सूखे पड़े हैं। लोगों को पानी उपलब्ध न होने के कारण परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस बाबत पूर्व पार्षद ने कई बार महाप्रबंधक जल एवं अवर अभियंता जल नगर निगम को अवगत कराया, लेकिन अभीतक समस्या का समाधान नहीं हो सका और अधिकारी सुनने को तैयार नहीं हैं।
हैंडपंपों के रीबोर की समस्या
उन्होंने आरोप लगाया कि हैंडपम्प रीबोर होने की पत्रावली को अवर अभियंता जल दबाए बैठे हैं। जबकि गर्मी का मौसम शुरू होने वाला है और लोगों को बिजली की आंख मिचौली के कारण पानी न आने की वजह से परेशानी का सामना करना पड़ता है।
पूर्व पार्षद ने निगम प्रशासन को चेतावनी दी है कि यदि शबे बरात एवं होली से पहले खराब पड़े हैंडपम्पों को दुरुस्त नहीं कराया तो इस जन समस्या को लेकर समाजवादी पार्टी आंदोलन करने के लिये मजबूर होगी। इसी क्रम में क्षेत्र की सफाई अव्यवस्था भी मुख्य समस्या है। नालों की व्यापक सफाई न होने के कारण गंदा पानी जगह-जगह फैल रहा है, व्याप्त गंदगी से यहां का जनजीवन भी प्रभावित हो रहा है।
लोगों को होना पड़ता है परेशान
अधिकतर हैंडपंप सांसद, विधायक निधि द्वारा लगवाए थे, लेकिन अब स्थिति यह है कि जलस्तर प्रतिदिन नीचे गिर रहा है। हैंडपंप लगातार खराब होते जा रहे हंै। जिसके चलते कई वार्डों में लगे आधे से अधिक हैंडपंप खराब हो गए हैं। हैंडपंपों के खराब होने से आमजन परेशान है।
ग्रीष्म ऋतु में होते हैं परेशान
यहां के नागरिक ग्रीष्म ऋतु में सबसे ज्यादा परेशान होते हैं। यह परेशानी उस समय ज्यादा बढ़ जाती है, जब हैंडपंप हवा उगलने लगता है। इस दौरान उन्हें दूर से ढोकर पानी लाना पड़ता है। वैसे भी इन नागरिकों को पानी के लिए रोजाना ही संघर्ष करना पड़ता है। ग्रामीणों ने कई बार पेयजल और बिजली की समस्या का समाधान किए जाने के लिए कई बार शिकायत की, लेकिन आज तक इस समस्या का समाधान नहीं हो पाया है। जिससे ग्रामीणों में जल निगम के प्रति रोष व्याप्त है।