- डीजल के दामों में भी लगातार वृद्धि से मंहगाई जाएगी चरम पर
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: दुनियाभर में कच्चे तेल के दाम लगातार बढ़ रहे हैं ऐसे में केन्द्र सरकार को चाहिये था कि पहले से पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों से लोग टूटते जा रहे हैं ऐसे में आयल कंपनियों को निर्देश दिया जाना चाहिये कि कीमतों पर लगातार वृद्धि न करें लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है।
देश में आयल कंपनियां रोज दामों में वृद्धि कर रही है। हालात इतने गंभीर हो गए हैं कि मेरठ में पेट्रोल की कीमतअब तक के सर्वाधिक ऊंचाई पर पहुंच गई है जबकि डीजल की कीमत रोज बढ रही है इससे मंहगाई का बढ़ना स्वाभाविक हो गया है।
मेरठ में पेट्रोल के दामों पर लगातार वृद्धि हो रही है। कोरोना के कारण कुछ महीनों तक राहत दी गई थी लेकिन बाद में कीमतों के बढ़ने की रफ्तार रुकने का नाम नहीं ले रही है। रविवार को पेट्रोल का दाम 83.20 रुपये प्रति लीटर और डीजल का दाम 73.66 रुपये प्रति लीटर हो गया। हैरानी की बात यह है कि विश्व स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि होने के कारण 20 नवंबर से अब तक आयल कंपनियां 13 बार दाम बढ़ा चुकी है।
तीस नवंबर को ब्रेंट क्रूड आयल 36.9 डालर प्रति बैरल था जो इस सप्ताह बढ़कर 49.5 डालर प्रति बैरल हो गया। जहां तक पेट्रोल की कीमतों में वृद्धि की बात है एक दिसंबर को पेट्रोल 82.27 रुपये, दो दिसंबर को 82.38 रुपये, तीन दिसंबर को 82.51 रुपये प्रति लीटर, चार दिसंबर को 82.67 रुपये, पांच दिसंबर को 82.87 रुपये और छह दिसंबर को 83.20 रुपये प्रति लीटर पहुंच गया है।
दो साल में पेट्रोल की कीमत कभी इस शिखर पर नहीं पहुंची। इसी तरह डीजल के दाम बढ़ने से इसका सीधा असर बाजार पर पडता है और मंहगाई का बढ़ना स्वाभाविक हो जाता है। डीजल भी एक दिसंबर को 72.46 रुपये प्रति लीटर था जो आज 73.66 रुपये प्रति लीटर हो गया।
डीजल के दामों में रोज बीस पैसे प्रति लीटर की वृद्धि हो रही है। ट्रांसपोर्टर अमित यादव का कहना है कि डीजल के दाम बढ़ने से बाजार पर सीधा प्रभाव पड़ता है और एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने वाले उत्पाद और मंहगे हो जाते हैं।