Wednesday, December 4, 2024
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सीएम अशोक गहलोत के गढ़ में लगे सचिन पायलट के पोस्टर

जनवाणी ब्यूरो |

नई दिल्ली: राजस्थान में नए मुख्यमंत्री का काउंटडाउन शुरू हो गया है। रविवार शाम सात बजे मुख्यमंत्री आवास पर कांग्रेस विधायक दल की बैठक होगी। इस बैठक से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृहनगरी में पोस्टर वार देखने को मिला। जोधपुर शहर के चौराहों पर सचिन पायलट के समर्थन में पोस्टर और होर्डिंग्स लगाए हैं। चौराहों पर लगे होर्डिंग्स में ऊपर लिखा है ‘सत्यमेव जयते’, वहीं नीचे लिखा है ‘नए युग की तैयारी’।

एक पूर्व पार्षद ने गहलोत के गृहनगर में पायलट के पोस्टर लगवाए हैं। जिसके बाद सियासी गलियारों में चर्चा तेज हो गई है। माना जा रहा है कि सचिन पायलट ही राजस्थान के अगले मुख्यमंत्री होंगे। सीएम गहलोत की अध्यक्षता में रविवार शाम को बैठक होगी। कहा जा रहा है कि कांग्रेस आलकमान ने प्रदेश प्रभारी अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे को अपना संदेश लेकर भेजा है। इसके अलावा दोनों नेता विधायकों की राय से कांग्रेस आलाकमान को अवगत कराएंगे।

विधायकों के रायशुमारी में पायलट के नाम पर फंस सकता है पेंच

कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने ट्वीट के जरिए इस अहम बैठक की पुष्टि की है। उन्होंने लिखा है कि सोनिया गांधी ने मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन को ऑब्जर्वर के तौर पर नियुक्त किया है और रविवार शाम सात बजे जयपुर के मुख्यमंत्री आवास पर वो विधायक दल की बैठक लेंगे। यक्ष प्रश्न ये है कि क्या खड़गे और माकन राजस्थान के विधायकों के लिए आलाकमान का मैसेज लेकर राजस्थान पहुंच रहे हैं या फिर विधायकों की रायशुमारी कर उस राय के मुताबिक फैसला करने आ रहे हैं। अगर खड़गे और माकन आलाकमान का मैसेज लेकर आ रहे हैं, तो ये साफ है कि वह सचिन पायलट के लिए ही होगा। अगले मुख्यमंत्री सचिन पायलट ही होंगे लेकिन अगर विधायकों के साथ रायशुमारी हुई तो ऐसे में सचिन पायलट के नाम पर पेच फंस सकता है।

क्या नामांकन से पहले गहलोत देंगे इस्तीफा

हो सकता है कि विधायक दल ये प्रस्ताव पारित कर दे कि कांग्रेस आलाकमान राजस्थान के मुख्यमंत्री के लिए जो भी फैसला करें वो उन्हें मान्य होगा। अगर विधायक दल ये प्रस्ताव पास कर देता है तो भी सचिन पायलट का राजस्थान का मुख्यमंत्री बनना लगभग तय हो जाएगा। इसके साथ ही विधायक दल की बैठक ये इशारा कर रही है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत नामांकन से पहले ही अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं।

वहीं राजस्थान में विधायक खुलकर अपने विचार रख रहे हैं। निर्देलीय विधायक राजेंद्र गुढ़ा ने पायलट को सीएम बनाए जाने का समर्थन किया है। वहीं दूसरी ओर गहलोत के तीन मंत्रियों ने सचिन पायलट के नाम पर विरोध जताया। मंत्री परसादी लाल मीणा और प्रतापसिंह खाचरियावास ने कहा कि वो इस मामले में कांग्रेस आलाकमान से बात करेंगे। खाचरियावास ने कहा कि ये समय सीएम परिवर्तन का नहीं है।

चर्चा में मंत्री का ट्वीट

सीएम सलाहकार संयम लोढ़ा ने ट्वीट कर लिखा कि राजनीतिक फैसले नियम के आधार नहीं किए जा सकते। वक्त की नजाकत, जरुरत, राय, उपेक्षा सब का मिश्रण ही निर्णय की सफलता का मार्ग बना सकता है। इस पर सुभाष गर्ग ने भी ट्वीट कर लिखा कि बिल्कुल सही लिखा। मुझे ध्यान है कि नीलम संजीव रेड्डी 1960 से 1963 तक कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे। तब 20 मार्च 1962 से 20 फरवरी 1964 तक आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री रहे।

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