- जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने को लेकर चल रहे तीन दिवसीय अधिवेशन में पहुंचे थे संघ संंरक्षक
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: जनसंख्या समाधान फाउंडेशन द्वारा जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर चल रहे तीन दिवसीय अधिवेशन में भाग लेने पहुंचे संघ संरक्षक इंदे्रश कुमार ने कानून को जरूरी बताया। उन्होंने कहा कि जो वर्ग विशेष इस कानून का विरोध कर रहा है। उसी वर्ग के धर्मग्रंथ में कहा गया है कि जनसंख्या नियंत्रण होना चाहिए।
इंद्रेश कुमार ने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण कानून का विरोध करने वाले धर्म विशेष के लोगों को जानना चाहिए कि जनसंख्या नियंत्रण व जनसंख्या संतुलन का जिक्र कुरान पाक, बाइबल व यहूदियों के ग्रंथों में भी है। बौद्धों व जैनियों के ग्रंथों में भी है, गुरुगं्रथ साहिब में भी है। जिनमें कहा गया है कि अगर बेरोकटोक जनसंख्या बढ़ाई जाएगी तो गरीबी, भुखमरी व अराजकता बढ़ेगी।
जनसंख्या के नियंत्रण व संतुलन पर सारा विश्व चिंतित है केवल भारत ही नहीं। यहां का मुसलमान कहता है कि वह भी चिंतित है, लेकिन अरब का मुसलमान क्योंं नहीं मानता, बंग्लादेश क्यों नहीं मानता, पाकिस्तान क्यों नहीं, ओमान क्यों नहीं, इरान-इराक क्यों नहीं, फ्रेंच, कनाडा व इटली क्यों नहीं इसपर अमल करते हैं। जो जानबूझकर एक समुदाय का नाम लेकर विरोध करते हैं, वह संविधान विरोधी है।
सोमवार को बागपत रोड स्थित मिलेनियम पब्लिक स्कूल में चल रहे कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे इंद्रेश कुमार ने जनसंख्या नियंत्रण कानून को जरूरी बताया। उन्होंने कहा कि यह कानून बेहद जरूरी है। इस समय पूरी दुनिया में जनसंख्या बड़ी समस्या बन चुकी है। अकेले भारत में पूरी दुनिया की कुल आबादी का 16.5 हिस्सा मौजूद है। जबकि पूरे विश्व का कुल जल भारत में काफी कम है, वहीं भूमि की बात की जाए तो 3.5 प्रतिशत से 5.5 प्रतिशत भूमि ही भारत के पास है। आने वाले समय में बढ़ती जनसंख्या बड़ा संकट बनेगी।
भारत में कोरोना काल में कोई भूख से नहीं मरा
कोरोना काल में पूरी दुनिया में 70 से 80 लाख लोगों की मौत हुई। जिसमें बड़ी संख्या में लोग भूख से भी मरे, लेकिन भारत में कोई भी मौत भूख से नहीं हुई। देश की 135 करोड़ की आबादी को सरकार ने वह सभी संसाधन उपलब्ध कराएं जो जिंदा रहने के लिए जरूरी है। भारत ने अपने पास मौजूद संसाधनों से दूसरे देशों की भी मदद की।
ज्ञानव्यापी मस्जिद का सच सामने आना चाहिए
इंद्रेश कुमार ने पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि ज्ञानव्यापी मस्जिद का सच सामने आने लगा है। कोर्ट अपना काम कर रहा है, जो सच होगा वह पूरी दुनिया के सामने आएगा। ऐसे स्थान भारत के अलावा दुनिया में भी हो सकते है जिनकी सच्चाई सामने आनी चाहिए। ज्ञानव्यापी मस्जिद जैसे स्थान भारत के अलावा पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान, चीन के कब्जे वाले स्थानों में भी होगें जिनका सच सामने आना चाहिए।
अब समय आ गया है कि भारत के साथ पूरी दुनिया इस सच्चाई को जाने। आने वाले समय में इस तरह के विवाद का एक बेसिक फाउंडेशन बन जाएगा। इससे जातीय, पंथिय, राजनीतिक व मजहबीयता का जो विद्वेश है इनसे मुक्त एकजुट भारत बनाने में मदद मिलेगी।