Saturday, January 11, 2025
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पोषण पखवाड़ा: मोटे अनाज में छुपा है अच्छी सेहत का राज

  • खानपान की स्वस्थ आदतों पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता दे रहीं जोर

जनवाणी संवाददाता |

सहारनपुर: जनपद में गत 20 मार्च से मनाए जा रहे पांचवें पोषण पखवाड़ा के तहत
विभिन्न तरह की गतिविधियां अयोजित की जा रही हैं। इसमें आईटीसी (इंडियन टोबैको कंपनी) और प्रथम फाउंडेशन की अहम भूमिका है। खासकर इस पखवाड़े के तहत मोटे अनाज की उपयोगिता पर जोर दिया जा रहा है।

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता मोटे अनाज का फायदा बता कर इसके प्रति प्रेरणा दे रही हैं। जनपद में यह पखवाड़ा तीन अप्रैल तक चलाया गया। समस्त आंगनबाड़ी केंद्रों पर इस पखवाड़े को लेकर तरह-तरह की गतिविधियां हो रही हैं।

इस संबंध में जिला कार्यक्रम अधिकारी डाक्टर आशा त्रिपाठी ने बताया कि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की ओर से मनाए जा रहे इस पखवाड़े में जनआंदोलन और जन भागीदारी के जरिये पोषण के महत्व के बारे में लोगों को अवगत कराना है। साथ ही खानपान की स्वस्थ आदतों को बढ़ावा देना है।

उन्होंने बताया कि पोषण पखवाड़ा 2023 की थीम है- सभी के लिए पोषण, एक साथ स्वस्थ भारत की ओर। बताया कि2023 को अंतरराष्ट्रीय मोटे अनाज वर्ष के रूप में घोषित होने के साथ इस वर्ष पोषण पखवाड़ा का केंद्र बिंदु कुपोषण को दूर करने के लिए एक मूल्यवान संपत्ति के रूप मेंश्री अन्न जिसे सभी अनाजों की जननी कहा जाता है, को लोकप्रिय बनाने पर होगा।

डाक्टर आशा त्रिपाठी ने बताया कि आंगनबाड़ी कार्यकता इस दिशा में अहम भूमिका निभा रही हैं। उन्होंने बताया कि इंडियन टोबैको कंपनी और प्रथम फाउंडेशन के सहयोग से आंगनबाड़ी केंद्रों को उन्नत बनाने के लिए ठोस कदम उठाया जा रहा है। इनके सौजन्य से विकास खंड स्तर पर कार्यशालाएं आयोजित की जा रही हैं।

जनपद के शहरी आंगनबाड़ी केंद्रों पर प्री प्राइमरी एजुकेशन के लिए निर्धारित ट्रेनिंग मैटीरियल,शिक्षा की पुस्तकें, लकड़ी के खिलौने अदि का प्रदर्शन किया जा रहा है, ताकि बच्चे खेल-खेल में कुछ सीख सकें। इससे बच्चों की सूक्ष्म मांसपेशियों का विकास होगा। उन्होंने बताया कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ज्वार, बाजरा, रागी, सामा जैसे अनाज को प्रमोट कर रही हैं।

आंगनबाड़ी केंद्रों पर स्वस्थ बालक प्रतिस्पर्धाएं कराई जा रही हैं। उन्होंने कहा है कि आंगनबाड़ी केंद्रों पर पोषण पखवाड़े के तहत पोषण रैली, प्रभात फेरी, माता समूह के साथ बैठक, हैंड वाशिंग, वृद्धि निगरानी, आपदा प्रबंधन, पोषण वाटिका की स्थापना, संध्या बैठक का आयोजन, दीवार लेखन, किशोरी समूह की बैठक, जीविका समूह, योग एवं आयुष गतिविधि, एनीमिया कैंप आदि गतिविधियों को अंजाम दिया जा रहा है।

क्या है पोषण पखवाड़ा और उद्देश्य

जिला कार्यक्रम अधिकारी डाक्टर आशा त्रिपाठी ने बताया कि पोषण पखवाड़ा हर साल मार्च के महीने में मनाया जाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 मार्च 2018 को इसकी शुरुआत की थी। सितंबर महीने को पूरे देश मे्ं राष्ट्रीय पोषण माह के रूप में मनाया जाता है। सोनिया से छह साल तक के बच्चों और गर्भवती महिलाओं की सेहत मे्ं सुधार के लिए राष्ट्रीय पोषण मिशन का गठन किया गया है।

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