Wednesday, July 9, 2025
- Advertisement -

UP Electricity News: पावर कॉर्पोरेशन का नया झटका! शहरी-ग्रामीण उपभोक्ताओं पर 12 से 13 रुपये प्रति यूनिट का भार

जनवाणी संवाददाता |

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को जल्द ही बड़ा झटका लग सकता है। पावर कॉर्पोरेशन द्वारा विद्युत नियामक आयोग में दाखिल संशोधित प्रस्ताव अगर स्वीकार कर लिया गया, तो बिजली दरों में 40-45 फीसदी तक की बढ़ोतरी लागू हो सकती है। इस प्रस्ताव के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकतम फिक्स चार्ज 8 रुपये प्रति यूनिट और शहरी क्षेत्रों में 9 रुपये प्रति यूनिट तक हो जाएगा।

बिजली का बिल होगा और भी महंगा

नई दरों के अनुसार, उपभोक्ताओं को फिक्स चार्ज, विद्युत कर और अन्य शुल्क मिलाकर 12 से 13 रुपये प्रति यूनिट तक का भुगतान करना पड़ सकता है। यह बढ़ोतरी खासकर निम्न और मध्यम आय वर्ग के उपभोक्ताओं पर बड़ा आर्थिक बोझ डालने वाली है।

उपभोक्ता परिषद ने जताया विरोध, बताया असंवैधानिक

राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने इस प्रस्ताव को सीधे तौर पर चुनौती दी है। परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने शुक्रवार को इस मुद्दे पर प्रेस वार्ता करते हुए कहा कि यह प्रस्ताव पूरी तरह जनविरोधी और असंवैधानिक है। उन्होंने सोमवार को नियामक आयोग में लोक महत्व का प्रस्ताव दाखिल किया और आयोग के अध्यक्ष अरविंद कुमार तथा सदस्य संजय सिंह से मुलाकात कर इस प्रस्ताव को खारिज करने की मांग की।

गरीबों से किया गया वादा भी टूटता दिख रहा

वर्मा ने कहा कि भाजपा के संकल्प पत्र में गरीब उपभोक्ताओं को 100 यूनिट तक तीन रुपये प्रति यूनिट बिजली देने का वादा किया गया था। लेकिन अब इसे चार रुपये प्रति यूनिट कर दिया गया है।

उन्होंने आरोप लगाया कि पहले बिजली दरों के चार स्लैब थे, जिन्हें अब तीन में समेटकर, कुछ स्लैब में 50% से ज्यादा वृद्धि की गई है।

बिजली कंपनियों के पास है सरप्लस पैसा, उपभोक्ताओं को क्यों नहीं मिल रहा लाभ?

वर्मा ने यह भी कहा कि प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं का 33122 करोड़ रुपये सरप्लस बिजली कंपनियों के पास है। उन्होंने सवाल उठाया कि इस राशि को उपभोक्ताओं को वापस क्यों नहीं किया जा रहा और इसके बजाय दरों में वृद्धि की जा रही है।

फिक्स चार्ज में इस तरह किया गया बदलाव

शहरी क्षेत्रों में:
पहले: ₹110/किलोवाट → अब प्रस्तावित: ₹190/किलोवाट

ग्रामीण क्षेत्रों में:
पहले: ₹90/किलोवाट → अब प्रस्तावित: ₹150/किलोवाट

क्या कहते हैं जानकार?

ऊर्जा क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों का मानना है कि यह प्रस्ताव राजनीतिक और आर्थिक दोनों दृष्टिकोण से विवादास्पद है। यदि इसे बिना संशोधन के लागू किया गया, तो राज्य में बिजली को लेकर भारी जन आक्रोश पैदा हो सकता है।

आगे क्या?

अब सबकी निगाहें विद्युत नियामक आयोग के निर्णय पर टिकी हैं। यदि आयोग ने यह प्रस्ताव मंजूर कर लिया, तो आने वाले महीनों में बिजली के बिलों में भारी वृद्धि तय है। वहीं, राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने साफ कर दिया है कि यदि जरूरत पड़ी तो विरोध-प्रदर्शन और न्यायिक कार्रवाई का भी रास्ता अपनाया जाएगा।

What’s your Reaction?
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
spot_imgspot_img

Subscribe

Related articles

स्मृति तेज करने के लिए छात्र क्या करें

एक बार में कई काम करने की कोशिश मस्तिष्क...

आनंद कहां है

आप अपनी खुशी को बाहर किसी विशेष स्थिति में...

DSSSB भर्ती 2025: 10वीं, ग्रेजुएट और पीजी के लिए निकली 2119 वैकेंसी, आज से आवेदन शुरू

नमस्कार,दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और...

पीढ़ियों के आर्थिक विकास के लिए

प्रगति के सोपान चढ़ते हुए उन्होंने जब अपनी उन्नति...
spot_imgspot_img