Tuesday, September 17, 2024
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आपसी कलह के चलते टला प्रियंका का दौरा

  • सरधना के गांव कैली के लिए ही 18 फरवरी को मिल सकता है नया कार्यक्रम
  • सीनियर कांग्रेसी बोले जनता के बीच कांग्रेस की मौजूदगी दर्ज कराने का यही राइट टाइम

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: कांग्रेस के बडे नेताओं में क्रेडिट को लेकर मची छीन झपटी के चलते संगठन की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी का दौरा एक बार फिर से टल गया है। इससे संगठन के वो जमीनी कांग्रेसी खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं जो कैली रैली के लिए दिन रात एक किए हुए थे।

हालांकि जिला संगठन का कहना है कि पार्टी महासचिव का कार्यक्रम लेने का प्रयास किया जा रहा है। किसानों के समर्थन में रैली भी जरूर होगी और प्रियंका गांधी भी जरूर आएंगे। वहीं प्रवक्ता हरिकिशन आंबेडकर ने बताया कि 15 फरवरी को बिजनौर में रैली की व्यस्तता के चलते कैली का कार्यक्रम संभवत कैंसिल किया गया है। शीघ्र ही नया कार्यक्रम मिल सकता है।

वहीं, दूसरी ओर संगठन के सूत्रों की मानें तो प्रियंका के दरबार में कद और क्रेडिट की लड़ाई के चलते 15 फरवरी का कार्यक्रम निरस्त हुआ है। सुनने में आया है कि संगठन का जाट व गुर्जर खेमे के बीच कद की घमासान है। कैली रैली को लेकर वेस्ट यूपी के प्रभारी पंकज मलिक की भी प्रतिष्ठा दांव पर थी। हालांकि जिला संगठन की ओर से की जा रही तैयारियों को लेकर जो रिपोर्ट यहां से एआईसीसी को भेजी गई थीं उससे रैली के सुपर हिट होने की बात की जा रही थी। जानकारों की मानें तो बस यह रिपोर्ट ही सारे फसाद की जड़ बन गई।

संगठन के एक सचिव स्तर एक बडे नेता का यह अखर रहा बताया जाता है। इसके अलावा पर्यवेक्षक बनाकर जो प्रदेश संगठन ने जिन नेताओं को मेरठ रैली की तैयारियों के मददे नजर भेजा था उनमें कुछ बजाए पसीना बहाने के होटलों में ही डेरा जमाए रहे। ये तमाम बातें कुछ सीनियर कांग्रेसियों ने प्रियंका गांधी तक पहुंचाने का प्रयास किया है। हालांकि सभी चाहते हैं कि किसानों के मुद्दे पर संगठन मजबूत मौजूदगी दर्ज कराए। वहीं सीनियर कांगे्रसियों का कहना है कि यही राईट टाइम है।

प्रदेश कांग्रेस के पूर्व सचिव चौधरी यशपाल सिंह ने कहा कि 2022 के चुनाव को देखते हुए अब वक्त आ गया है कि तमाम कांग्रेसजन सड़कों पर आएं। चुनाव को देखते हुए वक्त बिलकुल भी नहीं है। इसके अतर किसानों को मुददा चल रहा है। देश का किसान सड़कों पर है। दो सौ से ज्यादा किसान शहीद हो चुके हैं। सरकार गूंगी बहरी बनी हुई है। सरकार को जगाने के लिए कांग्रेस को आंदोलनकारी अंदाज में आना होगा।

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