कुछ पार्टियों के तो अभी तक नहीं दिये गये आॅर्डर
जनवाणी संवाददाता
मेरठ: चुनाव आचार संहिता लगने के साथ ही प्रचार सामग्री के निर्माण पर भी मानो रोक सी लग गई हो। निर्माण सामग्री निर्माण प्रचार संबंधी सामग्री लेकर दुकान तो खोल रहे हैं, लेकिन उनकी दुकानों पर ग्राहक न के बराबर ही है।
कुछ पार्टियों की ओर से एक बार भी अभी तक सामग्री नहीं खरीदी गई है। हालात यह हैं कि सुबह खाली हाथ आना और शाम को खाली हाथ ही जा रहे हैं।
चुनाव प्रचार शुरू होने से पहले ही प्रचार पर पूरी तरह से रोक सी लग गई है।
इसके पीछे का कारण आचार संहिता का लगना तो है ही पर यहां सबसे अधिक फर्क इस बात का पड़ा है कि अभी तक किसी भी पार्टी की ओर से उम्मीदवारों की घोषणा तक नहीं की गई है जिस कारण प्रचार सामग्री वालों का धंधा भी खत्म होता नजर आ रहा है।
इंद्रा चौक स्थित प्रचार सामग्री विक्रेता आसिफ ने बताया कि पिछले एक माह की बात करें तो मात्र एक या दो पार्टी की ओर से ही प्रचार सामग्री खरीदी जा रही है। अब दो दिन से उस पर भी रोक लग गई है। कोई पार्टी कार्यकर्ता प्रचार सामग्री खरीदने नहीं पहुंच रहा है।
उनकी ओर से प्रचार सामग्री में सभी पार्टियों के झंडे, बैनर, पोस्टर और स्टीगर तक तैयार किये गये हैं, लेकिन उन्हें खरीदने वाला तक कोई नहीं है। पिछले दो दिन से आचार संहिता लगने के बाद से उनकी बिक्री पर भी रोक सी लग गई है। उन्होंने बताया कि वह प्रतिदिन सुबह दुकान पर आते हैं और शाम को खाली हाथ वापस लौटते हैं।
दुकान का खर्च निकाल पाना तक उनके लिये मुश्किल हो रहा है। हालांकि उन्होंने बताया कि उनके पास जो थोड़े बहुत आॅर्डर आये थे। उनमें सबसे अधिक सपा और भाजपा के ही थे।
बसपा चुनाव सामग्री खरीदने में भी पीछे
चुनाव को लेकर काफी कयास लगाये जा रहे हैं। यहां बात की जाये कौन पार्टी आने वाले चुनावों में टक्कर देगी तो यहां उसमें सपा और भाजपा ही एक-दूसरे के सामने दिखाई दे रहे हैं। यहां बसपा काफी पीछे चल रही है।
यही हाल चुनाव सामग्री खरीदने में भी दिखाई पड़ रहा है। आसिफ ने बताया कि चुनाव सामग्री खरीदने वालों में सपा और भाजपा ही आगे हैं यहां बसपा अब भी पीछे है। बसपा के लिये बनाये गये झंडों को बोरा तक नहीं खुल पाया है।