- दो दवा कारोबारी को उठा ले गई पंजाब पुलिस, ड्रग विभाग ने नहीं की कार्रवाई
जनवाणी संवाददात |
मेरठ: प्रदेश में न केवल नकली दवाएं बिक रही है, बल्कि प्रतिबंधित दवा भी बिक रही है। पंजाब पुलिस ने शहर में दबिश देकर प्रतिबंधित दवाएं बेचने वाले दो दवा कारोबारी को पकड़कर ले गई, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि पंजाब पुलिस ने तो कार्रवाई कर दी,मगर ड्रग विभाग ने चुप्पी क्यों साध रखी हैं? ड्रग विभाग ने दवा कारोबारी के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की हैं?
इसमें ड्रग विभाग कन्नी क्यों काट रहा है? ड्रग विभाग की इसमें बड़ी जवाबदेही बनती हैं, क्योंकि ड्रग विभाग का ही दवाओं पर पूरी तरह से नियंत्रण है, लेकिन ड्रग विभाग नींद में हैं। अभी तक ड्रग विभाग ने आरोपी दवा कारोबारियों के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की है।
दरअसल, पंजाब पुलिस ने खैरनगर व टीपीनगर क्षेत्र में दबिश दी। यहां से दवा कारोबारी सुलेख सिंह को पकड़ लिया था। सुलेख सिंह की निशानदेही पर खैरनगर में दबिश डाली गई। नेक्सा फार्मास्यिूटिकल्स की दुकान से प्रतिबंधित दवाएं खरीदी गई थी। पंजाब पुलिस तो आरोपियों को हिरासत में लेकर चली गई, लेकिन महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि ड्रग विभाग ने इसमें अभी तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं की?
प्रतिबंधित दवाओं को कैसे बेचने दिया जा रहा है। इसकी जांच पड़ताल ड्रग विभाग क्यों नहीं करता। क्योंकि जनता के जीवन से जुड़ा हुआ मामला है, मगर ड्रग विभाग गंभीर क्यों नहीं हैं? कहीं ड्रग विभाग की सेटिंग से तो प्रतिबंधित दवाओं का खेल नहीं चल रहा है। कहा जा रहा है कि नशा करने में इन दवाओं का प्रयोग किया जाता है। पांच से छह गोली खाने के बाद दवा नशा करती हैं।
इसी वजह से एक रैकेट इन प्रतिबंधित दवाओं की मेरठ से पंजाब तस्करी कर रहा था। इस गोरखधंधे में बीस से ज्यादा लोग जुड़े हुए हैं। यह तथ्य भी पंजाब पुलिस के सामने आया हैं, लेकिन इसमें स्थानीय पुलिस भी कोई कार्रवाई करने से बच रही है। मामला सत्ताधारी पार्टी से जुड़ा होना बताया जा रहा है, जिसके चलते इस पूरे मामले को दबाया जा रहा है।