- बोनस ने मिलने पर रेल का चक्का जाम करने की दी चेतावनी
जनवाणी ब्यूरो |
नजीबाबाद: नगर के रेलवे स्टेशन पर नार्दन रेलवे मैन्य यूनियन और उत्तरीय रेलवे मजदूर यनियन ने बोनस की घोषणा न किए जाने से नाराज होकर अलग-अलग धरना-प्रदर्शन किए। 21 अक्टूबर तक बोनस न दिए जाने पर दोनों यूनियनों ने सीधी कार्रवाई करते हुए रेल का चक्का जाम करने की चेतावनी दी है।
मंगलवार को पूर्वाह्न 11 बजे उत्तरीय रेलवे मजदूर यूनियन ने रेलवे स्टेशन गेट धरना दिया। धरने की अध्यक्षता प्रवेश कुमार तथा संचालन सीपी सिंह ने किया। धरना स्थल पर वक्ताओं ने कहा कि उक्त धरना नेशनल फेडरेशन आफ इंडियन रेलवे मैन के महासचिव डा. एम राघवैया के आह्वान पर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बोनस रेलवे कर्मचारियों का अधिकार है। जो कि विगत 40 वर्षों से प्रतिवर्ष रेलवे कर्मचारियों को मिलता आ रहा है।
जिसे केन्द्र सरकार ने दिए जाने की घोषणा नहीं की है। कोविड-19 के दौर में भी रेलवे कर्मचारियों ने अपनी जान की बाजी लगाकर रेलों का संचालन जारी रखा। कोविड-19 के संक्रमण की चपेट में आकर करीब 350 रेलवे कर्मचारियों की जानें जा चुकी हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने रेलवे कर्मचारियों को 21 अक्टूबर तक बोनस नहीं दिया तो रेलवे कर्मचारी सीधी कार्रवाई करते हउए रेलों का संचालन रोक देंगे। धरना शाम चार बजे तक जारी रहा।
धरने पर विकास, नरेन्द्र, सुनील, सुनील कुमार, अरविन्द, पंकज, सत्यप्रकाश, मघुराज, ललिल, राजू, सचिन, पीयूष, विरेन्द्र, आमिर, शशिकांत, कुलदीप, विजय आदि मौजूद रहे। उधर रेलवे स्टेशन पर भोजन अवकाश के दौरान नार्दन रेलवे मैन्स यूनियन ने एआईआरएफ के आह्वान पर धरना-प्रदर्शन किया।
जिसकी अध्यक्षता फकरुद्दीन तथा संचालन विक्रांत ने किया। उन्होंने कहा कि विगत वर्षों में दुर्गा पूजा से पूर्व रेलवे कर्मचारियों के लिए बोनस की घोषणा की जाती रही है, जो कि इस बार नहीं की गयी है। जिससे केन्द्र सरकार की नीयत का पता चलता है। केन्द्र सरकार ने इससे पूर्व रेलवे कर्मचारियों का जुलाई 2021 तक का डीए फ्रीज कर दिया था।
पुरानी पेंशन योजना बहाली, बोनस देने में हीलाहवाली, निजीकरण / निगमीकरण के विरोध में धरना व प्रदर्शन किया जा रहा है। यदि केन्द्र सरकार ने 21 अक्टूबर तक बोनस देने की घोषणा नहीं की तो 22 अक्टूबर से रेलों का चक्का जाम कर दिया जाएगा। इस दौरान राकेश वाजपेई, राजेश, दयानंद, विपुल, रामकुमार, विपिन कुमार, तुषार, जय प्रकाश मीना, विजेन्द्र मीना, खैराती, आसिम, मनोज, शैलेन्द्र, विकास संत कुमार मीना, जगदेव सिंह, राजेश यादव समेत करीब 80 रेलवे कर्मचारी मौजूद रहे।